‘पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ’ दोहा का अर्थ | pothi padh padh jag mua
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पूरा दोहा और अर्थ । pothi padh padh jag mua doha “पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय” यह दोहा संत कबीर द्वारा लिखा गया है. संत कबीर दास के दोहे समाज को एक नई राह दिखाते है इनके द्वारा रचित दोहे समाज मे विद्यमान कुप्रथा, अराजकता, सामाजिक …
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