होली पर निबंध, 2022 में होली कब हैं | Essay on Holi in Hindi

हमारे भारत देश मे कई धर्म के लोग रहते है, तथा सभी धर्मों मे नानाप्रकार के त्योहार मनाये जाते है। इन त्योहारों का अपना-अपना महत्व होता है। आज हम इस लेख मे होली त्योहार पर निबंध पढेंगे। जो की हिंदुयों के प्रमुख त्योहारों मे से एक है। होली को रंगो का भी त्योहार कहां जाता है।

होली पर निबंध

होली पर निबंधHoli Par Nibandh

होली हिंदुयों के प्रमुख त्योहारो मे से एक हैं ये त्योहार हर वर्ष फाल्गुल महीने मे मनाया जाता है। इस वर्ष होली 19 मार्च 2022 को हैं। मुख्य रुप से होली का त्योहार भारत के उत्तरी राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल मे अधिक धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली को रंगो का भी त्योहार कहां जाता हैं। क्युकी इस दिन लोग एक दुजे को रंग व गुलाल लगाते है। और अपने से बडो का आशिर्वाद तथा दोस्तो से गले मिलते हैं।

होली कैसें मनाते हैं: होली की शुरुआत गंगा स्नान से होती हैं इस दिन घर के सभी सदस्य गंगा स्नान करने जाते हैं तथा गंगा स्नान करने के बाद, गंगा तट पर बैठे पुजारी, पण्डित, और असहाय लोगो को दान दिया जाता हैं होली के दिन दान करना सबसे पुण्य माना जाता हैं। मान्यता हैं की इस दिन दान करने से धन-सम्पत्ति की कमी नही होती।

होली के दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती हैं, इस दिन भगवान शिव को पूरे विधि-विधान से स्थापित किया जाता है। और बेलपत्र, धतूर, जवा फल, चावन, धूप अगरबत्ती के साथ-साथ भांग व दूध का भोग लगाया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद सभी को प्रसाद दिया जाता हैं।

होली की शुरुआत: होली की शुरुआत एक दुसरे पर रंग डाल कर की जाती है। इस दिन सभी लोग एक दुसरें पर रंग व गुलाल लगाते है। और अपनों से बडो का आशिर्वाद तथा दोस्तो से गुलाल लगाकर हाथ मिलाते हैं, इस दिन सभी लोग एक दुजे के घर जाकर गुलाल लगाते हैं और पार्टी करतें है। होली खेलते वक्त एक बात बोली जाती हैं ताकी लोग गुस्सा ना हो।

बुरा ना मानो होली हैं

होली है भाई होली हैं

होली के पकवान: होली के दिन सब के घरों मे नानाप्रकार के पकवान बनाये जाते हैं जैसे- दमआलू, पापड, खीर, गोझिया, इत्यादि, इस दिन घर के सभी सदस्योंं के दोस्त घर आते हैं और होली की शुभकामनायें देते हैं और परिवार के संग बैठकर नास्ता करतें है। इस दिन अधिकतर लोग भांग का सेवन करते है और बाजा-साउंड इत्यादि लगाकर, मिल-जूल कर डांस करते हैं।

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होली पर निबंध, 2022 में होली कब हैं | Essay on Holi in Hindi
Happy Holi – Image by Murtaza Ali from Pixabay

होली पर निबंध: होली हिंदुयों का प्रमुख त्योहार हैं इस दिन सभी लोग मिल-जूल कर एक दुसरे को रंग लगाते हैं और खुशिया मनाते हैं, होली का उत्साह छोटे बच्चों मे अधिक देखने को मिलता हैं। होली आने से कई सप्ताह पूर्व ही छोटे बच्चें एक दुसरे को रंग गुलाल लगाने लगते है।

होली की शुरुआत: वैसे तो होली की शुरुआत 1 सप्ताह पूर्व ही हो जाती है। लेकिन मुख्य रुप से होली 3 दिन मनाई जाती है। होली के एक दिन पूर्व इसे होलिका दहन के रुप मे मनाया जाता है। इस दिन गली चौराहों व सार्वजनिक स्थानोंं पर लकडियों के ढेर को जलाया जाता है। और होलिका दहन बाद मुख्य होली हैं, इस दिन सब लोग गंगा स्नान करते है व एक दुसरे को गुलाल लगाते हैं और अंत मे होली के एक दिन बाद लठ्ठ मार होली खेली जाती हैं, इस दिन सभी लोग एक दुसरे पर किचड, गोबर, आदि तरह से खेलते है। हालाकिं सब लोग लठ्ठ मार होली खेलना पसंद नही करतें।

होली के पकवान: वैसे तो होली के दिन कई पकवान बनायें जाते है, लेकिन इस दिन “दमाआलू या आलूदम और पापड” जरुर बनाया जाता है। क्योकी ऋतु अनुसार इसी महीने मे आलू की फसल पक कर तैयार हो जाती है, जिससे आलू से लोग कई प्रकार के खाद्य सामग्री बनाते है।

होली पर विशेष: होली के दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता हैं इस दिन गंगा स्नान करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहियें। तथा इस घर आने वाले सभी भिक्षुयों को भिक्षा देनी चाहियें, होली के दिन अपने से बडो को गुलाल लगाकर आशिर्वाद लेना ना भूले। और होली के दिन सभी बैर दुश्मनी त्याग कर एक दुसरें के गले मिले। Happy Holi- 2022 in Advance –

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होली पर निबंध लिखें – Holi Essay in Hindi

इस वर्ष होली 19 मार्च को को है। हर वर्ष कि तरह इस साल भी होली बहुत धूम धाम से मनाया जायेगा। होली हमारे भारत का सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से  एक है, और यह देश के लगभग हर हिस्से में मनाया जाता है इसे कभी-कभी “प्यार का त्योहार” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग एक-दूसरे के प्रति सभी तरह की नाराजगी और सभी प्रकार की बुरी भावनाओं को भूलकर एक हो जाते हैं और एक दुजे को रंग व गुलाल लगाते है।

इस दिन हम अपने बडो का आशीर्वाद  लेते है और छोटों को प्यार देते है यह महान भारतीय त्योहार एक दिन और एक रात तक चलता है, वैसे तो होली कि छलक कई दिनों पहले से दिखने लगती है,

होली  पूर्णिमा की शाम या फाल्गुन के महीने में पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और हम इसे बडे  प्रेम से मनाते है
होली  की पहली शाम को होलिका दहन या छोटी होली के नाम से मनाते है और अगले दीन को होली के नाम से पूरा देश मनाता है देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है

रंग हमारे जीवन में बहुत सारे साकरत्मक विचार लाते है और हमे नये तरीके से सोचने में मदद करते है और हमारा रंगों का त्योहार होली वास्तव में आनंदित करने वाला दिन है इसे बच्चों से ले कर बुजुर्ग तक मनाते है   होली एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जो भारत के हर हिस्से में अत्यंत हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है यह हिंदू त्योहार जरूर है मगर इसे हर धर्म के लोग मनाते है

होली के दिन हम अपने दोस्तों और परिवारों के साथ रंगों से खेलते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते है और पूरा दिन खूब मस्ती करते है  और शाम को वे अबीर के साथ अपने करीबी लोगों को प्यार और सम्मान दिखाते हैं।

होली की कथा – History of Holi Festival in Hindi

एक बार हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस राजा था जिसने पृथ्वी के राज्य को जीत लिया था वह पूरी धरती पे राज करता था । वह इतना अहंकारी था कि उसने अपने राज्य में सभी को केवल उसकी पूजा करने की आज्ञा दी थी वह खुद को ही भगवान समझता था।  लेकिन उनकी बड़ी निराशा के कारण,उसकी दुष्ट कर्मो के चलते  उनका पुत्र, प्रह्लाद भगवान नारायण का प्रबल भक्त बन गया,  और उसने अपने पिता की पूजा करने से इनकार कर दिया।

हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने के लिए कई तरह के प्रयास किए लेकिन भगवान विष्णु ने उसे हर बार बचाया, वो जितनी बार अपने पुत्र को मारने की कोसीस करता उतनी बार नारयण बचा लेते थे , तो वो थक हार कर  अंत में उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को गोद में लेकर एक धधकती आग में प्रवेश करने के लिए कहा।
क्योंकि, हिरण्यकश्यप को पता था कि होलिका को वरदान प्राप्त है, जिससे वह आग में प्रवेश कर सकती है। होलिका को अवत्तर था की वो आग में जल नहीं सकती

 होलिका ने युवा प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठने के लिए मना लिया और वह खुद धधकती आग में बैठ गई। किंवदंती यह है कि होलिका को अपने जीवन के द्वारा अपनी भयावह इच्छा की कीमत चुकानी पड़ी थी। होलिका जल कर राख हो गई और प्रह्लाद  सही सलामत बाहर नीकल आये

प्रह्लाद, जो इतने समय तक भगवान नारायण के नाम का जाप करता  रहे क्योंकि भगवान ने उसे उसकी भक्ति के लिए आशीर्वाद दिया था। इस प्रकार, होली का नाम होलिका से पड़ा है और, बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार के रूप में मनाया जाता है

आप सब को सायद नहीं पता होगा कि होली को भक्त की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। जैसा कि कथा दर्शाती है कि कोई भी चाहे कितना भी मजबूत हो एक सच्चे भक्त को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। और जो भगवान के सच्चे भक्त को यातना देने का साहस करते हैं। वे राख हो जाएंगे होलीका की तरह

भारतीय उपमहाद्वीप में होली सदियों से मनाई जाती रही है, जिसमें कविताएँ चौथी शताब्दी ईस्वी पूर्व के उत्सवों का दस्तावेजीकरण करती हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है यह फाल्गुन के हिंदू कैलेंडर माह के अनुरूप मार्च में मनाया जाता है।

देश विदेश होली होली भारत के बाहर तेजी से लोकप्रिय हो रही है बड़े हिस्से में दुनिया भर में रहने वाले लाखों भारतीयों और एक अन्य भारतीय त्योहार दिवाली की तरह, विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय अक्सर होली मनाने के लिए एकत्र होते हैं

होली पर 10 लाइन – 10 line Essay on Holi

  • होली हिंदूयों का प्रमुख त्योहार हैं
  • होली को रंगो का भी त्योहार कहां जाता हैं
  • होली हर वर्ष माल्गुन के महीने मे मनाया जाता हैं
  • होली के दिन सब एक दुजे को गुलाल लगाते हैं और अपनो से बडो का आशिर्वाद लेते हैं
  • होली के दिन दक्षिणा (दान) देना पुण्य होता हैं
  • होली के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता हैं
  • होली का मुख्य पकवान, आलूदम, पापड, चिप्स, हलवा, खीर, इत्यादि हैं
  • होली के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है।
  • होली के दिन गंगा स्नान व दान का जरुर करना चाहियें
  • होली त्योहार का नाम हिरणकश्यप की बहन होलिका के नाम पर है।

होली पर मुख्य प्रश्न लोगो ने पूछा- FAQ on Holi -2022

Q. 2022 में होली कब है?
इस वर्ष होली 19 मार्च को हैं

प्रश्न- होली किसका त्योहार है?
होली हिंदुयों का प्रमुख त्योहार है।

प्रश्न- होली के दिन क्या करें?
होली के दिन गंगा स्नान, भगवान शिव की पूजा, व दान का शुभ माना जाता हैं

प्रश्न- होली के अन्य नाम
होली को रंगो का भी त्योहार कहां जाता है, इसे अलग-अलग राज्यों मे अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं – होली, फाल्गुन, लोहडी, इत्यादि

प्रश्न- होली त्योहार का नाम, किससे नाम पर हैं
होली त्योहार, हिरणकश्यप की बहन होलिका के नाम पर हैं।

प्रश्न – होली के एक दिन पूर्व क्या मनाया जाता है।
होली के एक दिन पूर्व किसी चौराहे या अन्य सार्वजनिक स्थान पर लकडियों के ढेर को जलाया जाता है। इसे होलिका दहन कहते हैं |

इस लेख मे हमने होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) पढा, लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे, साथ ही हमारे साथ जुडे, और पाये शिक्षा से जुडी सभी जानकारी- join Now

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