मानव जीवन ने प्राचीन काल से लेकर अब तक के सफर मे अपार संहर्ष किया है। चाहे जीवन के लिये जरुरी संसाधनों का संग्रह करना हो या समान्यरुप से जीवन जीना हो, चुनौतिया जीवन के उत्पत्ति से ही शुरु हो जाती है। ऐसे मे एक परलौकिक शक्ति (ईश्वर) मे विश्वास करना जीवन को आनंदमय बनाता है।
भारतीय संस्कृति मे ऐसे कई लेखक, कवि, एवं निबंधकार है जिन्होने अपनी रचना से मानव को विश्वासपूर्ण, आस्थावान एवं नैतिक जीवन देने का प्रयास किया है। बहरहाल आज हम इस लेख मे 10 ऐसे दोहे पढेंगे, जो आपके अंदर ईश्वर मे आस्था/विश्वास सृजित करेंगी। और आपको चिंता मुक्त जीवन प्रदान करेंगी।
ईश्वर मे विश्वास पर 10 दोहे
विश्वास का सामान्य अर्थ है। सार्वभौमिक संतुष्टि, अर्थात अगर आप किसी विचार, कृत्य आदि से संतुष्ट है तो, उसपर आपका विश्वास है। विश्वास के एक पहलू को आप आस्था के रुप मे भी देख सकते है। नीचे दिया गया दोहा, आपको ईश्वर पर विश्वास करने की प्रेरणा दे रहा। जो निम्नवत है।
कबिरा चिंता क्या करु, चिंता से क्या होय,
Belive in God in hindi
मेरी चिंता हरि करै, चिंता मोहि ना कोय।
अर्थ- कबीर दास जी कहते है की, मै चिंता क्यू करु, चिंता से क्या होगा? मेरी चिंता तो प्रभु करते हैं। मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं है।
जाके दिल मे हरि बसै, सो जन कलपैै काहि
ईश्वर मे विश्वास दोहा
एक ही लहरि समुद्र की, दुख दारिद बहि जाहि।
अर्थ- कवि इस दोहे के माध्यम से यह कहना चाह रहे है की, जब आपके हृदय मे प्रभू बसे है तो आप किसकी चिंता कर रहे है। प्रभू के कृपा से, समूद्र के लहर के समान आपके जीवन से सारे दुख-दर्द दूर हो जायेंगे।
साई इतना दीजिऐ, जामे कुटुम समाय
ईश्वर मे विश्वास दोहा
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु ना भूखा जाय।
अर्थ- प्रभु मुझे इतनी संपदा दें जिससे मेरा परिवार का भरण पोषण कर सकू, और मेरे द्वार से कोई संत-अतिथि भी भूखा न जा सके।
ऐसा कोन अभागिया, जो बिस्वासे और
Belive in God in hindi
हरि बिना पग धारन कु, कहो कहां है ठाौर।
अर्थ- जो व्यक्ति प्रभु के अतिरिक्त कहीं अन्यत्र विश्वास करता है-वह अभागा है। हरि के अतिरिक्त पैर रखने की कहीं जगह नहीं मिल सकती है।
हरिजन गांठ ना बान्धिये,उदर समाना लेय
आगे पीछे हरि खरे, जो मांगे सो देय।
अर्थ- प्रभु का भक्त संग्रह करने हेतु कुछ भी नहीं लेता है। वह भविष्य की चिंता नही करता, वह मात्र पेट भर खाने की याचना करता है। ईश्वर सदा उसके साथ रहते है तथा भक्त जो भी मांगता है- प्रभु उसे पूरा करते हैं।
ईश्वर पर दोहे: आस्था के लिये प्रमाण की जरुरत नही
आगे पीछेेे हरि खरा, आप समहारे भार
जन को दुखी क्यों करे, समरथ सिरजन हार।
इस दोहे मे कवि कह रहे है कि, ईश्वर भक्त के आगे पीछे खड़े रहते हैं। वे स्वंय भक्त का भार अपने उपर ले लेते हैं। वे किसी भक्त को दुखी नहीं करना चाहते क्योंकि वे सर्व शक्तिमान हैं। वह सभी जगह विराजमान है।
क्या आपको पता है की- सुबह कितने बजे उठना चाहिये
हरि नाम की लौ लगी, जग से दूर रहाय
Belive in God in hindi
मोहि भरोसा इस्ट का, बंदा नरक ना जाय।
अर्थ- कबीर दास जी कहते है की- जो ईश्वर मे आस्था रखता है वह सांसारिक इच्छाओं से मुक्त हो जाता है। कबीर को विश्वास है कि अपने इष्ट-भगवान के कारण अब वह नरक नहीं जायेगा।
हरि किया सोई हुआ, हरि करै सो होय
ईश्वर मे विश्वास दोहा
हरि करै सो होऐगा, काहे कलपै कोय।
अर्थ- ईश्वर ने जो पूर्व में किया वहीं हुआ, अर्थात ईश्वर जो कर रहे है वहीं हो रहा हैं एवं ईश्वर जो भविष्य में करेंगे वहीं होगा, इसलिये आप दुखी ना हो, बस ईश्वर पर विश्वास रखिये।
मुरदे को भी देत है, कपड़ा पानी आग
जीवत नर चिंता करै, ताका बड़ा अभाग।
अर्थ- हिंदू संस्कृति मे व्यक्ति के मृत्यू के बाद उसे कफन (सफेद कपडा) से ढका जाता है। तथा पूरे विधि-विधान से उसे जलाया जाता है। इसी संदर्भ मे कवि कहता है की- ईश्वर मुर्दा के लिये भी कफन पानी और आग का इंतजाम कर देता है। अतः जीवित मनुष्य का दुर्भाग्य है कि वह अपने जीवन यापन की चिंता करता है।
मेरी चिंता हरि करै, क्या करु मै चिंत
ईश्वर मे विश्वास दोहा
हरि को चित्यो हरि करै, ता पर रहु निहचिंत।
अर्थ- कवि कहता है कि- मेरे लिये प्रभु चिंता करते हैं इसलिये मुझे चिंता करने की कोई जरुत नहीं है। जो ईश्वर का निरतंन चिन्तन करता जो आस्थावान है प्रभु अपने जीवों की चिंता स्वयं करते है।
जो संचा बिस्वास है, तो दुख क्यों न जाय
Belive in God in hindi । ईश्वर मे विश्वास दोहा
कहै कबीर विचारि के तन मन देहि जराय।
अर्थ- यदि आप हृदय से परमात्मा के प्रति सच्चावान या ईश्वर पर विश्वास रखते है तो आपके सभी दुखों का अंत हो जाता है। कबीर दास जी कहते है कि ईश्वर मे विश्वास करने वाले भक्तों के जीवन से सारे दुख-दर्द दूर हो जाते है।