भारतीय संस्कृति अनगिनत त्योहारों व उत्सवों से भरी हुई है। इस संकृति मे प्राचीन काल से ही कई पर्व व त्योहार मनाने का रिवाज है। इन्ही प्रमुख पर्वों मे होली, दिवाली, रक्षाबंधन आदि त्योहार शामिल है. ये सभी पर्व किसी न किसी मान्यता, पौराणिक गाथाओं व रीति-रिवाजों से उत्पन्न हुये है।
आज हम इस अद्भुद संग्रह मे भाई-बहन के प्यार और सम्मान के प्रतीक पर मनाये जाने वाला पर्व रक्षाबंधन के विषय मे जानेने। रक्षाबंधन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुआ है, जिसका अर्थ होता है “रक्षा” यानी सुरक्षा और “बंधन” यानी बंधन या संबंध।
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रक्षाबंधन कब है? 2023 – Rakshabandhan kab hai
Rakshabandhan kab hai: हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और सम्मान का प्रतीक है जो हर वर्ष सावन माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 एवं 31 अगस्त दोनो दिन है। लेकिन कुछ समयों के लिये भद्रा का भी प्रकोप है। इसलिये रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त निम्न है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त- Rakshabandhan Subh Muhurt 2023
- पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 30 अगस्त 10:58AM
- पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 31 अगस्त 7:05AM
- रक्षाबंधन का त्योहार समय 30 अगस्त 10:58AM से 31 अगस्त 7:05AM तक
- भद्रा की शुरुआत- 30 अगस्त 10:58AM से 9:01PM तक
- रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त 30 अगस्त रात को 9:01 से 31 अगस्त सुबह 7:05 मिनट तक
Rakshabandhan kab hai – रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त 30 अगस्त रात को 9:01 से 31 अगस्त सुबह 7:05 मिनट तक
रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त एवं भद्रा का प्रकोप समय
इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनो दिनो मनाया जा सकेगा, क्योकी रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है जो इस वर्ष 30 अगस्त सुबह 10:58 से शुरु होकर अगले दिन सुबह के 7:05 बजे तक रहेगा। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है की इसी कुछ समय अवधि मे भद्रा का भी प्रकोप है अर्थात यह अशुभ मुहुर्त भी है।
भद्रा का प्रकोप 30 अगस्त 10:58 से शुरु होकर रात के 9:01 बजे तक रहेगा, इसलिये इस अवधि के दौरान रक्षाबंधन का पर्व अशुभ मुहुर्त मे है। रक्षा बंधन का शुभ मुहुर्त 30 अगस्त रात को 9:02 बजे से अगले दिन सुबह 7:05 तक शुभ है।
रक्षाबंधन मनाने की विधि – Rakshabandhan Vidhi
- बहनों को रक्षाबंधन के लिए एक दिन पूर्व ही आवश्यक सामग्री जैसे- राखी, तिलक, चावल, दीपक, फूल, मिठाई आदि इकठ्ठा कर लेनी चाहिये।
- रक्षाबंधन बाधने से पूर्व भाई-बहन को भगवान की पूजा, अर्चना करनी चाहिये।
- पूजा के बाद बहन को भाई के कलाई मे रक्षा बाधना चाहिए और चावल, तिलक, फूल और भाई की आरती करनी चाहिये
- आरती करते वक्त बहन को अपने भाई के लिये सुख-समृध्दि की कामना करनी चाहिये, और अंत मे मिठाई खिलानी चाहिए।
- पूजा विधि सम्पन्न होने के बाद बहन को भाई के चरण स्पर्श करने चाहिये।
- और अंत मे भाई को अपने बहने की पसंदीदा वस्तु को गिफ्ट करना चाहिये और हमेशा साथ निभाने का वचन देना चाहिये।
रक्षाबंधन से जुड़ी मुख्य बातें
- रक्षाबंधन हिंदूयो का प्रमुख त्योहार है।
- यह त्योहार हर वर्ष सावन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
- रक्षाबंधन त्योहार को भाई-बहन का त्योहार भी कहाँ जाता है।
- रक्षाबंधन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है- रक्षा – सुरक्षा & बंधन – सम्बंध/रिश्ता
- 2023 मे रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को है।
- रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई के कलाई मे राखी बांधती है और उसके सुख-समृध्दि की कामना करती है।
- रक्षाबंधन के दिन भाई अपने बहन को पसंदीदा उपहार एवं साथ निभाने का वचन देता है।
बहुत ही बढ़िया जानकारी है