Kafan Kahani: कफन, मुंसी प्रेमचंद्र जी द्वारा लिखित एक कहानी है। जो की भारत की सबसे लोकप्रिय कहानियो मे से एक है। इस कहानी के लेखक प्रसिध्द साहित्यकार मुंसी प्रेमचंद्र जी है। जिनका जन्म 13 जुलाई 1880 मे उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले मे हुआ था ।
मुंसी प्रेमचंद जी के अधिकतर कहानियों मे सामाजिक कुरितीयो व रुढिबध्द धारणायों जैसे कई सामाजिक बुराईयों को व्यक्त किया गया है। जिससे समाज मे सुधार आ सके। आइये प्रेमचंद्र जी द्वारा रचित कफन (KAFAN) कहानी को विस्तार से समझते है।
कफन कहानी (Kafan Kahani)
कफन कहानी (Kafan Kahani) मुंसी प्रेमचंद जी द्वारा रचित एक कथासंग्रह है। इस संग्रह मे प्रेमचंद की 13 अन्य कहानिया है, जिनमे से अंतिम कहानी कफन संकलित हैं। इस कहानी की मूल भाषा हिंदी है जो की कूल 120 पृष्ठो की है।
लेखक | मुंसी प्रेमचंद्र |
कहानी का नाम | कफन |
भाषा | हिंदी |
पृष्ठ | 120 |
प्रकाशक दिनांक | नवीनतम संस्करण (2004) |
कफन कहानी की शुरुआत
यह कहानी एक गांव की है जहाँ- झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव (आग) के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव वेदना पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी कि दोनों कलेजा थाम लेते थे।
जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे में डूबी हुई, सारा गाँव अंधकार में लय हो गया था। जब निसंग भाव से कहता है कि वह बचेगी नहीं तो माधव चिढ़कर उत्तर देता है कि मरना है तो जल्दी ही क्यों नहीं मर जाती……. प्रेमचंद जी की प्रसिध्द कहानिया
इसके आगे की कहानी नीचे दिये गये PDF मे पढे
प्रेमचंद के कफन कहानी (Kafan Kahani) का संग्रह यहाँ किया गया है। जो की PDF के प्रारुप मे है। जिसे आप डाउनलोड कर सकते है। अगर आप को आनलाइन पढने मे दिक्कत होती हो तो इसे आप प्रोंट भी कर सकते है। जो की कूल 8 पेजो का है।
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कफन पुस्तक
कफन पुस्तक के प्रकासक डायमंड पाकेट बुक,नई दिल्ली है। जिसका नवीनतम संस्करण 3 जनवरी 2004 मे हुआ था। ये पुस्तक हिंदी भाषा मे लिखी गयी है। जहाँ कूल पृष्ठो की संख्या 120 है। कफन कहानी (Kafan Kahani) प्रेमचंद जी की प्रसिध्द कहानियो मे से एक है।
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