Swami Vivekananda Life Story in Hindi
स्वामी विवेकानंद जी अपनी सूझबूझ व बुद्धि से आज पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। इनका वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त है, एवं इनका जन्म 12 जनवरी 1863 मे भारत के कोलकाता शहर मे हुआ था। ये बचपन से ही आध्यात्मिक विचार धारा के थे। इन्होने अपने वाणी व उपदेशों से मनुष्यों को जीवन जीने का पवित्र व सच्चा मार्ग दिखाया।
इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़ी तीन कहानियों (Swami Vivekananda Life Story) के बारे में आपको रूबरू कराने जा रहे हैं। जो की आपके जीवन को प्रेरणादेने का कार्य करेगी। आप ने इन कहानोयों से क्या सीखा कमेंट में जरूर बताइएगा।
1. स्वामी विवेकानंद जी प्रथम कहानी – Swami Vivekananda Story in Hindi
समय की कीमत व सदुपयोग
एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद जी को एक नदी पार करनी थी और वे उस नदी किनारे खड़े हो गए तभी उनके पास एक साधु आता है और उनसे पूछता है कि क्या आप ही स्वामी विवेकानंद जी हैं। उन्होंने जवाब दिया हां मैं ही स्वामी विवेकानंद हूं।
तो उस साधु ने उनसे पूछा कि आप इस नदी किनारे क्या कर रहे हो, तो स्वामी विवेकानंद जी ने जवाब दिया मुझे इस नदी को पार करना है और मैं एक नाव का इंतजार कर रहा हूं तो साधु ने उनसे कहा कि आप इतने बड़े इंसान हो और बहुत सारे लोग आप को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं लेकिन आप इस एक मामूली सी नदी को पार नहीं कर सकते तो चलो मैं आपको इस नदी को पार करके दिखाता हूं।
साधु ने उस नदी के पानी के ऊपर चलकर पार किया और फिर से वापस चलकर वह साधु स्वामी विवेकानंद जी के पास आया और बोला देखो मेरे पास इतनी शक्ति है इतनी ज्यादा पावर है उसके बाद भी मुझे कोई भी नहीं जानता लेकिन तुम्हारे पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है तब भी तुम्हें सारी दुनिया जानती है ऐसा क्या है तुम्हारे अंदर जो तुमको सारी दुनिया जानती है और लोग तुम्हें अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं – मोक्ष कैसे प्राप्त करें
तो स्वामी विवेकानंद जी ने उस साधु से मुस्कुराते हुए पूछा कि तुम्हें इस विद्या को सीखने में कितना समय लगा तो साधु ने जवाब दिया 15 साल इतने में ही स्वामी जी की नाव आ गई और स्वामी विवेकानंद जी ने उसे अपने साथ नाव में बैठाया और नदी पार की और पार करने के बाद स्वामी जी ने अपने जेब से ₹1 निकाला और उसने वाले को दे दिया। यानी कि दोनों के 50 50 पैसे हुए थे स्वामी जी ने उसना वाले को ₹1 दे दिया।
पैसे देने के बाद स्वामी जी ने उस साधु से कहा कि जो काम तुम 50 पैसे में कर सकते थे उसे करने के लिए तुमने अपने जीवन के 15 साल बर्बाद कर दिए और यही 15 साल अगर तुम समाज की भलाई में लगाते हैं तो आज तुम्हें भी पूरी दुनिया जानती है लोग तुम्हें प्रेरणा का स्रोत मानते हैं और मैंने यही किया आज मुझे पूरी दुनिया जानती है और तुम्हें कोई नहीं जानता।
विवेकानंद जी ने उस्तादों से कहा कि तुम्हारे जैसे कई सारे लोग ऐसी चीजों में अपने कई दिन कई साल बर्बाद कर देते हैं जिनका उनके जिंदगी में कोई मतलब नहीं होता
सीख:- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने कीमती समय को उस जगह लगाना चाहिए जहां पर उसका कोई मतलब निकले। (Swami Vivekananda Life Story)
व्याख्या- इस दुनिया में जितने भी लोग हैं उन्हें उतना ही समय मिलता है जितना आपको इतने में ही कई लोग बड़ी-बड़ी ऊंचाइयों को हासिल कर लेते हैं जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते क्योंकि वह लोग अपने कीमती समय को उस जगह लगाते हैं जहां पर उसका कोई मतलब निकले और ऐसा ही आपको भी करना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
महापुरुषो के सर्वश्रेष्ठ सुविचार
2. स्वामी विवेकानंद की दूसरी कहानी – Swami Vivekananda Story for Students in Hindi
नकारात्मक विचारों पर विजय
Swami Vivekananda Life Story
एक बार स्वामी विवेकानंद जी एक रास्ते से होकर जा रहे थे। तभी एक बंदरों का झुंड उनके पीछे पड़ जाता है कोई बंधन के ऊपर लटक रहा था और कोई बंदर उनका प्रसाद छीनने की कोशिश कर रहा था तो स्वामी विवेकानंद जी उन बंधुओं से पीछा छुड़ाने के लिए वहां से भागने लगे लेकिन बंदर पीछा नहीं छोड़ रहे थे।
दूर खडे एक व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद जी से कहा तुम डरो मत उनका सामना करो तुम जितना ज्यादा डरोगे, उतना ही तुम्हें डर आएंगे तभी स्वामी जी पीछे मुड़ते हैं और बंदरों पर जोर से चिल्लाते हैं और सारे बंदर दुम दबाकर भाग जाते है
सीख:- इन्हीं बंदरो की तरह होती है हमारी नकारात्मक विचार जिन से हम डरते हैं और जितना ही हम इन से डरते हैं वह उतना ही हमें डराते हैं इसलिए हमे अपने नकारात्मक विचार और डर से डरना नहीं चाहिए बल्कि इनका डट के सामना करना चाहिए। (Swami Vivekananda Life Story)
स्वामी विवेकानंद की तीसरी कहानी | Swami Vivekananda Story Hindi
मन की शक्ति
एक बार स्वामी विवेकानंद जी अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस जी के साथ कहीं जा रहे थे तभी उन्हें रास्ते में एक आदमी दिखा जो एक पत्थर पर मूर्ति बना रहा था गुरुजी रामकृष्ण परमहंस जी ने उस आदमी से पूछा कि तुम इस पत्थर पर क्या बना रहे हो तब उस आदमी ने जवाब दिया मैं एक राजा की मूर्ति बना रहा हूं |
रामकृष्ण परमहंस जी ने उस मूर्तिकार से पूछा क्या उस राजा की कोई तस्वीर तुम्हारे पास है तो मूर्तिकार ने कहा नहीं मेरे पास ऐसी कोई तस्वीर नहीं है तभी श्री रामकृष्ण परमहंस जी बोले अगर तुम्हारे पास उस राजा की कोई तस्वीर नहीं है तो फिर तुम उनकी मूर्ति कैसे बना सकते हो तो उस मूर्तिकार ने जवाब दिया भले ही मेरे पास राजा क कोई तस्वीर नहीं है लेकिन मेरे दिमाग में उनकी तस्वीर स्पष्ट रूप से है और कुछ ही देर में उस मूर्तिकार ने राजा की एक सुंदर सी मूर्ति बना दि
सीख:- स्वामी विवेकानंद जी यह सारा वाक्य अपनी आंखों से देख रहे थे तभी उनके मन में कुछ सवालों का जवाब मिल गया कि अगर कोई भी इंसान कुछ भी पाना चाहता है| तो उस मुकाम की कल्पना या तस्वीर उसके दिमाग में एकदम साफ साफ होनी चाहिए। ऐसा ही हमारे साथ भी होता है अगर आप भी किसी लक्ष्य को पाना चाहते हो तो उस लक्ष्य की कल्पना या तस्वीर आपके दिमाग में एकदम साफ साफ होनी चाहिए। (Swami Vivekananda Life Story)
स्वामी विवेकानंद जी के विचार – Thoughts of Swami Vivekananda in Hindi
स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था अपने एक लक्ष्य को निर्धारित करो और उस लक्ष्य से अपने आप को अपने शरीर को भर दो और हर एक दूसरे विचार जो आपके दिमाग में आते हैं उसे अपनी दिमाग से,अपने जिंदगी से और अपने शरीर से निकाल दो यही है एक सफलता का मंत्र
हमारे इतिहास में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनकी प्रेरणा का स्रोत केवल और केवल स्वामी विवेकानंद जी हैं जैसे Dr. APJ Abdul Kalam, Subash Chandra Bose,Nicola tesla,Lalbahudar sastari और बहुत सारे ऐसे महान पुरुष है जिनकी प्रेरणा का स्रोत केवल और केवल स्वामी विवेकानंद जी हैं।
Awesome I like it so much
Thanks Dear… pls read another article also
स्वामी विवेकानंद जी हम सभी के प्रेरणा स्त्रोत है
जी बिल्कुल
बहुत सुंदर जानकारी दी है आपने सर। स्वामी जी मेरे आदर्श है।