Dream Poem in Hindi | बचपन की यादें

जीवन का असली आनंद तो बचपन मे ही लिया जा सकता है, ना किसी प्रकार की चिंता होती है ना सर पर कोई बोझ, बस सारा दिन सोना, खाना और खेलने बीतता था, पता नही वो बचपन कहाँ खो गया, ।

इस लेख मे हम कविता व शायरी के माध्यम से बचपन के यादो को ताजा करेंगे,, अगर आप के पास भी कविता या शायरी है तो कमेंट मे हमें जरुर बताये।

Dream Poem in Hindi

ये कविता बच्चो के कल्पना पर लिखी गई है, और बचपन की यादो को (Bachpan ki yade) पंक्तियो के माध्यम सजाया गया है, कविता मे लिखी बचपन की यादे सभी बच्चो की होती है।

मेरा बचपन मेरे सपनों की तरह ही गुजरा

मेरा बचपन मेरे सपनों की तरह ही गुजरा था
मैं चांद को देखते हुए ही सोता था
मेरा एक सपना ये भी था

हर कोई सोया हुवा था,
जब आकर एक साये ने चुमा था
और कह रहा था  
मैंने देख लिया है सब
चल चांद चूरा लाये ,आसमान से
अंधेरे में किसी को पता भी नहीं चलेगा
मैं जेब में चांद को रख लूंगा
तुम बोरी मैं सारे तारे समेट लेना
जल्दी उठ कोई जान जायेगा
तो ये मौका हाथ से जायेगा
सुबह आ गई तो रोशनी का शोर हो जायेगा
चल ना ! कब इतनी अच्छी किस्मत होगी
किसी को भनक पड़ी को मुसीबत होगी
चल जाग भी जा

भावार्थ :
इस कविता मे आप बच्चे की कल्पना देखिये वो कैसे चांद को चुराने की बात कर रहा ,चांद को चुराने के साथ साथ वो सारे तारो को समेटना चाहता है उसे लगता है वो सब कर सकता है बचपन की कल्पना भी कितनी हशीन थी चाद को जेब में और तारो को बोरो में भरने की इच्छा कभी खत्म नहीं होती थी । —सुबह कितने बजे उठना चाहिये

Dream Poem in Hindi | मेरा बचपन मेरे सपनों की तरह ही गुजरा
Dream Poem in Hindi

Bachpan ki yade

सब का बचपन आनंदमय ही बीतता है, इसलिये बचपन की ज्यादा याद आती है, इस लेख मे हम Bachpan ki yade पर कविता पढेंगे। सच्चा प्यार पर कविता

वो बचपन का भी क्या समय था, ना खुद की चिंता ना परिवार की चिंता, ना ही पैसे कमाने की चिंता, बस यहाँ घूमो, वहाँ घूमो, दिन भर घूमो, सारा दिन खेलो, और साम को समय सो जाओ, – [Bachpan ki yado par kavita]

बचपन का क्या जमाना

वो बचपन का क्या जमाना था
ना कोई चिंता, ना कोई फसाना था
बस यादो का मेला था
और खेलते रह जाना था
क्या खाना है, कहाँ जाना है
किसी को पता नही था
जहाँ दोस्त चल दिये, वही चलते जाना था
वो बचपन का क्या जमाना था
मा का प्यार, पिता का दुलार
पाने का कई बहाना था
थोडा सा रुठो तो, मा का मनाना था
कोई भी जिद हो, तुरंत पूरी होती थी
क्युकी मेरी मा को हसाना था
क्यू हो गये बडे,
इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था
Bachpan ki yade

Bachpan ki yaade sayari in Hindi

बचपन की बात (Bachpan ki bate)

पहले के घर कच्चे होते थे
लेकिन दिल सच्चे होते थे

जीने दो अपनी जिंदगी बच्चों को
बचपन लौट कर नहीं आता

yaade

बचपन ही वो समय होता है
जब आप मनमानी कर पाते है

yaade

नये सुविचार । नये रास्ते । नई दुनिया

बचपन का दिन भी क्या दिन था, आप कही भी सो जाये, नीद तो बिस्तर पर ही खुलती थी, क्योकि बचपन मे मा साथ रहती थी

बचपन की बात

Bachpan ki Yaadein kavita

बचपन की कहाँनी – कविता

काश सच हो जाये बचपन की कहाँनी
वो सावन का मौसम, वो पेडो की हरियाली
वो कागज की नाव, वो बारिश का पानी
वो नन्ही चिडिया, जो थी मेरी दीवानी
काश सच हो जाये बचपन की कहाँनी वो गर्मी का मौसम, वो जूगूनी रानी
वो सनसनी हवाये, वो डरावनी कहाँनी
वो प्यारी बाते, मा की जुबानी
काश सच हो जाये बचपन की कहाँनी

इसे भी पढे- Motivation Poem in Hindi

जल्द ही हमारी हम आप के लिये और बचपन की कविताये और शायरी का संग्रह लायेंगे, अगर आप भी कविता या शायरी लिखने के शौकिन है तो, हमे शेयर करे जोइन टेलीग्राम चैनल

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top