‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ मंत्र का अर्थ एवं फायदे जानें, भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्रो मे है एक

'श्री शिवाय नमस्तुभ्यं' मंत्र का अर्थ एवं फायदे जानें, भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्रो मे है एक

भगवान शिव के प्रसिध्द मंत्रो मे से एक ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र‘ है. जिसका प्रयोग भगवान शिव के स्तुति के लिये किया जाता है.भगवान शिव जिन्हे देवों के देव महादेव भी कहा जाता है ये हिंदू धर्म के प्रमुख देवता एवं त्रिदेवो मे से एक है। भगवान शिव को सृष्टि का संचालक एवं दुष्टो का संहारक भी माना जाता है।

धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार भगवान शिव ध्यान, तपस्या, योग और वैराग्य के देवता हैं। एवं भगवान शिव को ‘महाकाल’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ मृत्यु के पश्चात भी बना रहने वाला है। भगवान शिव का यह नाम अद्वैत और मायावादी स्वरूप को दर्शाता है।

आज हम इस लेख मे भगवान शिव के लोकप्रिय मंत्र “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” का अर्थ, फायदा/महत्व, उत्पत्ति जानेंगे।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ – shree shivay namastubhyam mantra ka Arth

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं चित्र

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ ‘हें भगवान शिव हम आपको नमस्कार करते है‘ होता है. इस मंत्र के जाप से हम भगवान शिव को नमस्कार करते है. और अपनी इच्छाये प्रस्तुत करते है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के कई अन्य अर्थ भी हो सकते है। लेकिन इनका भाव एक ही है जो भगवान शिव को नमन करना है।

  • हे भगवान शिव आपको मेरा नमन है।
  • हे देवो के देव महादेव हम आपको प्रणाम करते है।
  • हे सारे जग के पालनहार हम आपकी स्तुति करते है।
  • हे महादेव हमारे नमन को स्वीकार करें, हम आपके चरणों मे वंदन करते है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप: धार्मिक मान्यताओ के अनुसार इस मंत्र का जाप भगवान शिव को स्मरण व नमस्कार करने के लिये किया जाता है, आप इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 7, 9, 11 या 108 बार कर सकते है. लेकिन मंत्र का जाप पूरे विधि विधान से करे, जो आगे बताया गया है।

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श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप की विधि

अगर आप रोजाना भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान से करे तो भगवान शिव आपकी मनोकामना जरुर पूर्ण करेंगे, आपको बता दू भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. क्योकि भगवान शिव सरलता, निर्मलता, निष्कामता और अनन्य भक्ति का प्रतीक माने जाते है।

जो भी भक्त पूरी श्रध्दा से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है उसकी सारी मनोकामनाए पूर्ण होती है। आइये भगवान शिव के मंत्र का जाप विधि जानें-

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप कैसे करें

  • प्रात: काल उठकर स्नान करे (ध्यान रहे प्रतिदिन मंत्र का जाप निश्चित समय पर करें)
  • भगवान शिव के प्रतिमा के समक्ष बैठ जाये, और फूल-माला, बेलपत्र, जल, अक्षत, आदि से पूरे विधि विधान से पूजा करें
  • अब आप 3,5,7,9,11 या 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ मंत्र का जाप करें
  • इस मंत्र का जाप मंदिर या घर के मंदिर के समक्ष बैठ कर सकते है।
  • मंत्र का जाप करते वक्त नकारात्मक विचार मन मे ना लायें।
  • इस मंत्र का जाप आपको ध्यान/योग की अवस्था मे बैठकर करना चाहिए।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

इस मंत्र के जाप करने से अनेको फायदे है। जो निम्नलिखित है।

  • इस मंत्र का जाप करने से आपके बिगड़े हुए काम बनने लगते है।
  • इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने से घर में सुख,शांती,धन,वैभव आदि का वास होता है।
  • इस मंत्र का जाप करने से आपके संपूर्ण कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
  • इस मंत्र का जाप करने से आपको शारिरिक व मानसिक शान्ति मिलती है।
  • किसी कार्य को शुरु करने से पूर्व मंत्र का जाप करने से कार्य सकुशल होता है।
  • इस मंत्र का जाप करने से काम में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  • इस मंत्र का जाप करने से आप स्वस्थ होते है।
  • इस मंत्र का जाप करने से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
  • इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति सकारात्मक बनता है।
  • इस मंत्र का जाप करने से तरक्की के रास्ते खुल जाते है।
  • इस मंत्र के नियमित जाप करने से आर्थिक लाभ होती है।
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डिस्क्लैमर: Disclaimer

इस लेख में बताये गये नियम या जानकारी के प्रामाणिकता का आश्वासन नहीं है। यह लेख सूचना के विभिन्न माध्यमों (अखबार, सोशल मीडिया, धार्मिक मान्यताओं) आदि से संग्रहित करके आप तक पहुचाई गई हैं। जो समान्य जानकारी पर आधारित है अत: इस विषय को उपयोग मे लाने से पूर्व सम्बंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले।

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