भारत मे होती है इन 5 वृक्षो की पूजा: वैज्ञानिक कारण भी है इसमे शामिल

भारतीय हिंदू समाज मे ऐसी कई प्रथाये विद्यमान है जो प्रकृत सम्मत है इन प्रथाओंं मे वृक्ष पूजा भी एक है। ऐसे कई कारण मौजूद है जो भारतीय समाज को पूरे विश्व मे अलग पहचान दिलाती है इन्ही सामाजिक सदगुणो मे “धार्मिक विविधता, अनोखी संस्कृति, नैतिकता, सबको साथ लेकर चलने का भाव” आदि भी शामिल है।

भारत मे होती है इन 5 वृक्षो की पूजा: वैज्ञानिक कारण भी है इसमे शामिल
5 वृक्ष पूजा

चुकि हमारा समाज अद्भुत विशेषताओ से भरा हुआ है इसलिये यहाँ विभिन्न धर्मों के अनुयायी (मानने वाले) एक साथ रहते हैं। जिसके कारण यहाँ अनेको संस्कृतिया, सभ्यता, त्यौहार, रस्में, और भाषाएँ देखने को मिलती हैं।

भारतीय समाज हिंदू बहुल्य समाज है इसलिये समाज मे हिंदू धर्म से जुड़ी संस्कृतिया अधिक देखने को मिलती है वैसे तो हिंदू समाज मे प्रकृति रक्षा के प्रति कई प्रथाये प्रचलित है लेकिन आज हम इस लेख मे हिंदू धर्म मे पूजे जाने वाले 5 वृक्षो के नाम जानेंगे, जो वर्तमान के वैज्ञानिक इकाइयों पर भी प्रबल है।

हिंदू धर्म मे पूजे जाने वाले 5 वृक्षो के नाम

भारतीय समाज में वृक्ष, पवन, जल, अग्नि आदि प्राकृतिक तत्वों के पूजा पाठ का विधान है। इसमें प्रकृति के साथ संबंध बनाए रखने और प्राकृतिक तत्वों के प्रति सम्मान को दिखाने की परंपरा है। हिंदू धर्म में वनस्पति (वृक्ष), पानी (जल), वायु (पवन), और अग्नि को पवित्र माना जाता है, और इन्हें अलग-अलग अवसरों पर पूजा जाता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो वृक्ष को पूजने का विशेष महत्व है, क्योंकि वे प्रकृति के रक्षक होते हैं और हमारे जीवन के लिए उपयोगी संसाधन प्रदान करते हैं। साथ ही वृक्षों की पूजा करके लोग उसके संरक्षण और प्रचार-प्रसार के प्रति अपनी भावनाये प्रकट करते हैं।

1. तुलसी का पौधा

भारत मे होती है इन 5 वृक्षो की पूजा: वैज्ञानिक कारण भी है इसमे शामिल
Image Credit: Wikimedia Commons

तुलसी का वृक्ष भारत मे सबसे अधिक पूजे जाने वाले वृक्षों की श्रेणी मे आता है। हिंदू धर्म मे तुलसी को “मां तुलसी” के रुप मे पूजा जाता है मान्यता है कि यह वरदान उसे भगवान विष्णु के द्वारा दिया गया था मां तुलसी के विषय मे विस्तार से जानने हेतु तुलसी कथा लेख पर जायें।

भारतीय हिंदू संस्कृति मे वृक्षो के पूजा का प्रचलन वैदिक काल से ही चली आ रही है आप प्राय: भारत के सभी हिंदू घरो के आँगन में तुलसी का पौधा लगा पायेंगे, जहाँ घर की महिलाये प्रतिदिन पूजा करती है मान्यता है कि मां तुलसी की पूजा करने से परिवार में खुशिया आती है। एवं सुख समृद्धि का विस्तार होता है।

वैज्ञानिक कारण – अगर हम तुलसी के पौधे के वैज्ञानिक कारण पर नजर डाले तो, वैज्ञानिकों का मानना है की तुलसी का पौधा कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है जिसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है, साथ ही इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मे वृध्दि होती है।

तुलसी के सेवन से कई फायदे होते है जैसे कि – प्रतिरोधक क्षमता मे वृध्दि, सिर दर्द से राहत, दात दर्द से राहत, सांस की बदबू को मिटाने मे सक्षम, आदि

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2. पीपल का पेड़

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हिंदू धर्म मे पीपल के पेड़ बहुत महत्व है मान्यत है कि पीपल के पेड़ मे भगवान विष्णु के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओ का भी वास होता है यही धार्मिक कारण है कि हिंदू धर्म के लोग पीपल के वृक्ष की पूजा करते है। धार्मिक मान्यताओ के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु सभी मनोकामयें करते है।

तुलसी के पौधे की तरह ही पीपल का पौधा भी आयुर्वेदिक गुणो से भरपूर्ण होते है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ्य व तंदरुस्त रखने मे सहायक होता है। यह आकार मे अन्य वृक्षो से अधिक बडे होता है तथा इनके तनो से लटकती जटायें, इन्हे अधिक आकर्षित बनाती है।

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3. नीम का पेड़

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भारतीय हिंदू परम्परा मे नीम के पेड़ की पूजा करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. मान्यता है कि नीम के पेड़ मे मां दुर्गा का वास होता है। इसलिये नवरात्र के माह मे नीम के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

प्राचीन काल से ही भारत मे आयुर्वेद के लिये नानाप्रकार के पेड़-पौध का उपयोग किया जा रहा है। जिसमे नीम को सबसे अधिक औषधीय गुणो वाला वृक्ष माना जाता है यही कारण है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में नीम को आयुर्वेद की रानी भी कहा जाता है।

नीम को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों पहलूओं से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर नजर डाले तो नीम की गणना एक महत्वपूर्ण औषधि के रुप मे की जाती है नीम के पत्ते, छाल और बीजों में विशेष रूप से नीम्बीडोल, नीम्बोलिन, एज़ेडीरेक्टिन, नीमीज़ीन और कई अन्य गुण पाये जाते हैं जो विभिन्न बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं।

साथ ही नीम के पत्ते, छाल और बीजों के उपयोग से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए दवा बनाई जाती है। नीम के औषधीय गुण खासकर त्वचा संबंधी समस्याओं, खुजली, पिंपल्स, एक्जिमा, और स्किन इंफेक्शन के इलाज में मदद करता हैं।

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4. समी का पौधा

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समी के पौधे को भी भारत मे धार्मिक मान्यता प्राप्त है मान्यता है कि समी के पौधे मे शनि देव का वास होता है. अत: जिन लोगो पर शनि देव का प्रकोप है उन्हे प्रत्येक शनिवार समी के पौधे की पूजा करनी चाहिए।

5. आम का पेड़

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आम के पेड़ की पूजा का प्रचलन भी भारत मे देखने को मिलता है लेकिन यह पेड़ अन्य वृक्षो के अलावा कम पूजा जाता है इसलिये कई लोगो को तो मालूम ही नही कि आम के पेड़ की भी पूजा की जाती है।

मान्यता है की आम के पेड़ की लकडी सबसे पवित्र लकडी होती है इसका उपयोग किसी शुभ कार्य जैसे पूजा स्थल, हवन, आदि मे की जाती है साथ विशेष रुप से पूजा के उपरांत आम के पेड़ पर जल चढाने का प्रावधान है।

अन्य पहलूओ पर नजर डाले तो आम भारत मे सबसे अधिक पाये जाने वाले वृक्षो मे से एक है जिससे हमे फल (आम – Mango) प्राप्त होता है जिसका निर्यात हम भारी मात्रा मे करते है।


निष्कर्श- इस लेख मे हमने पूजा की जाने वाली 5 वृक्षों के नाम जाना, जो क्रमश: तुलसी, नीम, आम, पीपल और समी का पौधा है। इन पौधों मे विशेष आयुर्वेदिक गुण पाये जाने के कारण इन्हे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी शुभ माना जाता है। लेकिन इन पांच पौधो के अलावा अन्य भी कई पौधे है जिनकी पूजा भारत मे की जाती है।

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