तुलसी के फायदे [कथा व गुण] । Benefits of Tulasi in Hindi

तुलसी एक पौधा है, जिसमें औषधि के गुण पाये जाते है, भारत जैसे आध्यात्मिक देश में कई ऐसे पौधे है जिनमें देवी देवता का वास (स्थान) माना जाता है, जैसे- तुलसी, नीम, पीपल, सनी का पौधा, बरगद, इत्यादि। Benefits of Tulasi in Hindi

इस लेख मे हम तुलसी के फायदे व गुण को जानेंगे, हम ये जानेंगे की लोग तुलसी की पूजा क्यू करते है तुलसी की पूजा कब करनी चाहिये, व तुलसी माता की कथा क्या है। अगर लेख से आप को जानकारी प्राप्त हो तो शेयर करना ना भूले,

Benefits of Tulasi in Hindi
Benefits of Tulasi in Hindi

तुलसी का उपयोग व फायदे
( Use of Tulasi and Benefits of Tulasi
)

भारतीय लोगों के लिये तुलसी मात्र एक पौधा ही नहीं, बल्की एक देवी का रुप है जिन्हें हम तुलसी माता के नाम से जानते है, हिंदू धर्म के लोग तुलसी माता की पूजा रोजाना करते है लेकिन कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करना शुभ माना जाता है। Benefits of Tulasi in Hindi आध्यात्मिक व वैज्ञानिक

आध्यात्मिक फायदे

हिंदू धर्म में आँगन में तुलसी का पौधा लगाना और रोजाना पूजा करना शुभ माना जाता है कथा है की तुलसी पूजा करने से सुख समृद्धि मिलता है और जिन औरतो को संतान प्राप्ति नहीं होती, उन्हें तुलसी की पूजा करने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है। तुलसी की पूजा करने से परिवार में सुख- शांति मिलती है,

वैज्ञानिक फायदे

वैज्ञानिकों का मानना है की तुलसी पौधा एक औषधि है जो कई प्रकार के बीमारियों का खात्मा करने सक्षम है, तुलसी का हर एक भाग औषधि का कार्य करता है, इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढती है, माना जाता है तुलसी के  3 से 4 पत्तो के रोजाना सेवन से शरीर स्वस्थ व तंदुरुस्त बनता है।

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तुलसी के फायदेBenefits of Tulasi

तुलसी पूर्ण रुप से प्राकृतिक औषधि है, जिसके प्रयोग से रोग मुक्त व शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, भारतीय तुलसी के पौधो को दोनो रुपो से जानते है, ये पूजा भी करते है और औषधि के रुप मे प्रयोग करते है। ज्यादातर भारतियो के दिन की शुरुआत तुलसी व अदरक वाले चाय के साथ होती है|

तुलसी के फायदे – Benefits of Tulasi in Hindi

  1. प्रतिरोधक क्षमता को बढाना
  2. सिर दर्द में आराम
  3. दात के दर्द में आराम
  4. खासी मे लाभकारी
  5. पीलिया में लाभदायक
  6. बुखार में लाभकारी
  7. मलेरिया में फायदेमंद
  8. दाद-खास खुजली को मिटाना
  9. सांस की बदबू को मिटाना
  10. मूत्रासय में जलन को दूर करे
  11. कान में दर्द से आराम
  12. आंखो के लिये लाभकारी इत्यदि

खाली पेट तुलसी के सेवन के फायदे

हिंदू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है, तुलसी का पौधा एक पौधा ही नहीं बल्की सम्पूर्ण औषधि है इसके सेवन से कई रोगो से मुक्त हुआ जा सकता है, तुलसी के पत्तों को सुबह रोजाना सेवन के अद्भुत फायदे होते है जैसे-  

खाली पेट तुलसी सेवन के फायदे –

  1. पाचन क्रिया को मजबूत करना
  2. सर्दी जुकाम को ठीक करना
  3. कैंसर रोगो से बचाव करना
  4. प्रतिरोधक क्षमता बढाना

प्रश्न – तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं
उत्तर- तुलसी को अध्यात्मिक तरीके से देखा जाय तो, तुलसी को तुलसी न बुलाकर तुलसी माता कहते है। लेकिन इसके फायदे जानने के बाद, हमे तुलसी का पौधा किसी को देने से कोई नुकसान नही हो सकता। इसके औषधि गुण जानकर लोगो को जागरुप करना होगा, ताकी लोग तुलसी का पौधा लगा सके और उसका उपयोग कर सके।

तुलसी की कथा – Tulasi ki Katha

माना जाता है की तुलसी का जन्म एक राक्षस कुल में हुआ, जिनका नाम वृन्दा रखा गया, वृन्दा बचपन से ही विष्णु की पूजा करती थी, जब वृन्दा युवा हुई तो इनके माता-पिता ने वृन्दा की शादी दानव राज जलंधर से कर दिया। वृन्दा बचपन से ही ईश्वर की पूजा करती थी विवाह के बाद वृन्दा एक पतिव्रता पत्नी बन गई, पूरे सच्चे मन से अपने पति की सेवा करती थी।

कुछ समय बाद जब देवताओं और दानवों में युद्ध शुरु हो गया तो, जलंधर भी उस युद्ध में जाने लगा। उस समय वृन्दा बहुत डरी हुई थी लेकिन उन्हें अपने पति पर और पतिव्रता पर पूरा विश्वास था, तब वृन्दा ने अपने पति से कहाँ स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है, जब तक आप वापिस नहीं आते तब तक मैं पूजा में बैठ कर भगवान विष्णु से आपके जीत की प्रार्थना करूंगी। जब तक आप वापिस नहीं आ जाते तब तक मैं पूजा में बैठी रहूंगी। तब जलंधर युद्ध में चला गया और वृन्दा अपने पूजा में बैठ गई।

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वृन्दा के व्रत के प्रभाव से देवता जलंधर को हराने में असमर्थ थे, जब हर प्रकार की कोशिशों के बाद देवता जलंधर को नहीं हरा पाये तो, उन्होंने भगवान विष्णु  से गुहार लगाई, लेकिन भगवान विष्णु बोले वृन्दा मेरी परम भक्त है. मैं उसके साथ छल नहीं कर सकता, लेकिन देवताओं ने विष्णु जी को मनाया और बताया की इसके अलावा कोई रास्ता नहीं,, तब भगवान विष्णु ने जलंधर का रुप ले के वृन्दा के पास गये, जब वृन्दा ने देखा उसके पति युद्ध से सही सलामत वापिस आ गये तो, उसने पूजा का सत्यापन करके, अपने पति के पास आ गई,

तभी उधर देवताओं ने युद्ध में जलंधर का  सर धड से अलग कर दिया, जो की वृन्दा के पास आके गिरा, वृन्दा को यह समझने में देर नहीं हुई की उसके साथ छल किया गया है, उसने उची आवाज में पूछा कौन है आप , यह सुनते ही विष्णु भगवान अपने स्वरूप में आ गये, तब वृन्दा बहुत क्रोधित हुई और कहाँ जिसे मैंने अपना इस्ट देवता माना उन्होंने ही मेरे साथ छ्ल किया, यह कहते हुये वृंदा ने श्राप देते हुये कहाँ आप इसी क्षण पत्थर हो जाये, भगवान विष्णु पत्थर बन गये,

जिससे चारो लोक में हाँ-हाँ कार मच गया, सभी देवी देवता वृन्दा को मनाने आये, और बताये भगवान विष्णु के बिना जगत को कौन चलायेगा, सभी देवी देवता और लक्ष्मी माता ने वृन्दा को समझाया की वो भगवान विष्णु को श्राप मुक्त करे, ताकि जगत का संचालन हो सके।

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वृन्दा ने भगवान विष्णु को श्राप मुक्त तो कर दिया लेकिन, वह अपने पति के सर को लेकर सती हो गई, जब राख ठंड हुई तो उस राख में से एक पौधा निकला, तब भगवान विष्णु ने कहाँ आज से इस पौधे का नाम तुलसी होगा, और मेरा एक रुप जिसे सालिक राम कहाँ जायेगा, वह तुलसी के साथ रहेगा, मेरी पूजा में बिना तुलसी के किसी भी भोज को स्वीकार नहीं करूंगा।और उसी समय से तुलसी की पूजा पूरे भारत में होने लगी,

Benefits of Tulasi in Hindi– लेख कई विडियो, सोसल मिडीया व किताबो से एकत्रित किया गया है, अगर लेख मे कही त्रुटि दिखे तो, हमे सुझाव दे, ताकि हम लेख मे परिवर्तन करके लोगो को सही जानकारी दे सके। join Now

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