पुष्प की अभिलाषा कविता और संदर्भ सहित व्याख्या – pushp ki abhilasha poem
पुष्प की अभिलाषा कविता के लेखक “माखनलाल चतुर्वेदी” जी है। जिनका जन्म भारत के मध्यप्रदेश (MP) शहर के होशंगाबाद जिले मे हुआ था। माखनलाल चतुर्वेदी जी को कई भाषाओ का ज्ञान था, जिनमे से हिंदी, संस्कृत, गुजराती, निम्नलिखित है।
माखनलाल चतुर्वेदी जी के अधिकतर कवितायों मे देश प्रेम का भाव झलकता है। जो उन्हे सच्चा देशप्रेमी बनाता है। आज हम इस लेख मे माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित “पुष्प की अभिलाषा“ कविता पढेंगे।
![पुष्प की अभिलाषा](https://anantjivan.in/wp-content/uploads/2022/05/pushp-ki-abhilaSha-1024x576.jpg)
“पुष्प की अभिलाषा” का अर्थ – पुष्प की अभिलाषा अर्थात ‘फूल की ईच्छा’ इस कविता मे माखनलाल चतुर्वेदी जी ने एक पुष्प (फूल) की ईच्छा कवितायों के माध्यम से प्रकट की है। जो देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिको को समर्पित है। आइये इस कविता को पढते है। और संदर्भ सहित व्याख्या करते है।
पुष्प की अभिलाषा कविता
चाह नहीं मैं सुरबाला के,
गहनों में गूँथा जाऊँ।
चाह नहीं प्रेंमी माला में,
बिंध प्यारी को ललचाऊँ।चाह नहीं सम्राटों के शव,
पर, हे हरि डाला जाऊँ।
चाह नहीं, देवों के सिर पर,
चढ़ूँ ,भाग्य पर इठलाऊँ।मुझे तोड़ लेना वनमाली,
Pushp ki Abhilasha Poem
उस पथ पर तुम देना फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक
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पुष्प की अभिलाषा कविता संदर्भ सहित व्याख्या
संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ के पाठ 1 ‘पुष्प की अभिलाषा’ से ली गई है। इस कविता के लेखक माखनलाल चतुर्वेदी जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने फूल की इच्छा को प्रकट किया है। जो देश की रक्षा करने वाले महान सैनिकों को समर्पित है।
पुष्प की अभिलाषा कविता की व्याख्या –
1- प्रथम पंक्ति में पुष्प अपनी (अभिलाषा) इच्छा प्रकट करते हुये कहता है की मेरी इच्छा देव कन्याओं के गहनों में पिरोये जाने की नहीं है और ना ही मेरी इच्छा वरमाला में पिरोकर दुल्हन को ललचाने की है।
2- द्वितीय पंक्ति में पुष्प कहता है कि हे ईश्वर ! मेरी इच्छा राजाओं के शवों पर डाले जाने कि नहीं है और ना ही मेरी इच्छा देवताओं के सिर पर चढ़कर अपने भाग्य पर घमंड करने की है। [ पढे- रामधारी दिनकर जी की प्रसिध्द कवितायें
3- तृतीय पंक्ति मे पुष्प वनमाली से कहता है कि हे वनमाली ! तुम मुझको तोड़कर उस मार्ग में फेंक देना, जहाँ अनेक वीर सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए ,अपने जीवन को न्योछावर (बलिदान) करने के लिए गुजरते हैं।
पुष्प की अभिलाषा का व्याख्या सहित
भावार्थ बताइए