नवरात्रि में अखण्ड ज्योति क्यों जलाईं जाती है जाने नौ शक्तियों के नाम व अखण्ड ज्योति कि महिमा

नवरात्रि की अखण्ड ज्योति: नवरात्रि का त्योहार आने वाला है जल्द ही पूरे भारत मे मां दुर्गा के पंडाल व भक्तों का जागरण प्रारम्भ हो जायेगा, भारत के सभी राज्यों, जिलों, छोटे कस्बों व सभी हिंदू घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जायेगी, और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा अखण्ड ज्योति के साथ की जायेगी।

अखण्ड ज्योति क्यो?
अखण्ड ज्योति क्यो जलाई जाती है?

आज के इस लेख में हम देवी दुर्गा के नौ रूपों के नाम जानेंगे हैं जिनके प्रत्येक रुप से ही नौरात्र का त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। आपको बता दू अपने देश मे बहुत सारे त्योहार मनाये जाते हैं और हर त्योहार की कुछ न कुछ पौराणिक मान्यताए होती हैं। इसी प्रकार नौरात्र की मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा के सभी रुप अर्थात नौ देवियों कि पूजा की जाती है।

अखण्ड ज्योति की महिमा

नवरात्रि में नवदुर्गा का पूजा करते समय अखण्ड दीप जलायें जातें हैं कहते हैं इस अखण्ड ज्योति की बड़ी महिमा है। नवरात्रि के पहले दिन से ही अखंड ज्योति जलाई जाती है। यानी की जिस दिन माता रानी की मूर्ति स्थापित किया जाता है व कलश स्थापना कि जाती है, उसी दिन से अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि मन में संकल्प लेकर पूजा पाठ व अखंड ज्योति जलाई जाती है, ताकि खण्डित न हो, और इस दौरान खंडित भी नहीं करना चाहिए जैसे नवरात्रि पूजन नौ दिनों तक लगातार किया जाता है उसी प्रकार नौ दिनों तक अखण्ड ज्योति भी जलाईं जाती है बीच में बूझने न पाएं ऐसा अपने संकल्प के अनुसार ध्यान व व्यवस्था करनी चाहिए। बंता दे कि नवरात्रि के दौरान अखण्ड ज्योति के कुछ नियम भी होते हैं अगर आप उस नियम का पालन करते हैं तो माता रानी का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा।

अखण्ड ज्योति के फायदे

मान्यताओं के अनुसार घरों में कलश स्थापना के बाद अखण्ड ज्योति जलाई जाती है, अखण्ड ज्योति का मतलब ऐसी ज्योति जो खंडित न हो अखण्ड ज्योति जलाने से घर परिवार में सुख-समृद्धि व शांति बनी रहती है और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आपकों बता दूं अखण्ड ज्योति का बुझना अशुभ होता है, इसलिए समय समय पर दीपक में तेल डालते रहना चाहिए। और उसे हवा से बचाकर रखना चाहिए।

नौ शक्तियों के नाम

आज के लेख में हम जानेंगे कि किस दिन किस नाम की देवी को पूजा जाता है, और किस प्रकार उसको प्रसन्न किया जा सकता है।
आईए जानते हैं।

नवरात्रि में देवी दुर्गा की शक्ति को नौ अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन, चन्द्रघन्टा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचहवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी,सातवे दिन कालरात्रि, आठवां दिन महागौरी और नौवें दिन सिध्दीदात्री की उपासना की जाती है|

माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा

  1. पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा
  2. दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
  3. तीसरे दिन माँ चन्द्रघन्टा की पूजा
  4. चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा
  5. पांचहवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा
  6. छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा
  7. सातवे दिन माँ कालरात्रि की पूजा
  8. आठवां दिन माँ महागौरी की पूजा
  9. नौवें दिन माँ सिध्दीदात्री की पूजा

अंतिम शब्द: नवरात्रि का त्योहार आने वाला है. आप सभी को नवरात्रि कि हार्दिक शुभकामनायें, आज हमने इस लेख मे नवरात्रि मे माता रानी की पूजा हेतु जलाये जाने वाला अखण्ड ज्योति के विषय मे जाना, जिसका शिर्षक “नवरात्रि में अखण्ड ज्योति क्यों जलाईं जाती है जाने नौ शक्तियों के नाम व अखण्ड ज्योति कि महिमा” था। यह लेख आपके आस्था के प्रति कितना प्रासंगिक रहा, हमे कमेंट मे जरुर बतायें।

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