माँ दुर्गा के प्रसिध्द मंत्र व जाप विधि | Maa Durga Mantra Hindi

Maa Durga Mantra : नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं नवरात्रि ही एक ऐसा पर्व है जिसमें माता के नौ रुपों की साधना कर जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

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आइए जानते है मां दुर्गा के प्रसिध्द मंत्र (Maa Durga Mantra) के बारे में, जिनके जाप से जीवन भय और बाधारहित हो जाता है. इन मंत्रों का स्मरण करने से समस्त दुखों का निवारण एवं सुख की प्राप्ति होती है ।

माँ दुर्गा के मंत्र (Maa Durga Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

माँ दुर्गा मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

Maa Durga Mantra

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

माँ दुर्गा मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

माँ दुर्गा मंत्र

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।

Maa Durga Mantra

ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम |
लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

Maa Durga Mantra
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हिंदू धर्म (Hindu Dharma) के अनुसार, अगर पूजा के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाए, तो परिवार में सुख-समृद्धि का संचार होता है. मां दुर्गा (Maa Durga) के मंत्रों के उच्चारण से चारों दिशाओं से सफलता मिलती है। अगर आप भी अपने जीवन में भय एवं बाधाओं से परेशान है, तो यह मंत्र अपके लिए है।

मां दुर्गा का ध्यान मंत्र – Maa Durga Dhyan Mantra Hindi

नवरात्रि (Navaratri) हिंदू धर्म का एक द्विवार्षिक त्योहार है जो नौ रातों के लिए होता है। पहली नवरात्रि चैत्र के महीने में आती है और दूसरी नवरात्रि शरद के महीने में होती है। हर नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा (Maa Durga ki Pooja) करने का वही विधि है। यदि आप जीवन में भय और बाधाओं से परेशान हैं तो यह मंत्र आपको मुक्ति दिलाएगा।

  • या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
  • या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
  • या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
  • या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
  • नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

भावार्थ – हम उस देवी की आराधना करते है जो बार-बार सभी जीवों में मां के रूप में प्रकट होती हैं, उस देवी की पूजा करते हैं ,जो बार-बार सभी जीवों में ऊर्जा के रूप में सर्वव्यापी हैं और सभी जीवों में बुद्धि, सौंदर्य के रूप में हर जगह वास करती हैं। हम उस देवी की पूजा करते हैं जो सभी जीवों में शांति के रूप में प्रकट होती हैं। हम उस देवी को बारंबार नमन करते हैं।

दुर्गा मंत्र का जाप विधि – Maa Durga Mantra Jap

दुर्गा मंत्रों ((Maa Durga Mantra) के जाप करने से पहले शरीर को स्वच्छ रखना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। भक्त को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। साफ शरीर और स्वच्छ वस्त्र धारण करके ही जाप की शुरुआत करनी चाहिए। जहां आप अनुष्ठान करना चाहते हैं, वहां मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को ऊंचे और स्वच्छ स्थान या आसन पर रखना चाहिए।

पूजा पाठ करने के बाद ही दुर्गा मंत्र का जप शुरू करें। दुर्गा मंत्रों के जाप के साथ, व्यक्ति को पूजा पाठ पहले ही कर लेना चाहिए
देवी दुर्गा को गुड़हल का फूल सबसे प्रिय है। मां दुर्गा स्तुति मंत्र का जाप सुबह में करना, शुभ समय माना जाता है।

माँ दुर्गा मंत्र के जाप के लाभ – Maa Durga Mantra Benefits

माँ दुर्गा की स्तुति मंत्र का उच्चारण आप प्रतिदिन कर सकते है। यह मंत्र माँ दुर्गा (Maa Durga) को संसार की मा के रूप में संबोधित करता है। मां दुर्गा को ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं की संयुक्त ऊर्जा की परम शक्ति माना जाता है। इस प्रकार दुनिया में हो रही हर गतिविधि के लिए मां दुर्गा को प्रधान माना जाता हैं। देवी दुर्गा की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति एवं मनोवांछित फल प्राप्त होता है

इस मंत्र के नियमित जाप से भक्त में सकारात्मकता आती है और व्यक्ति के चारों ओर भक्तिमय उत्पन्न होता है। देवी स्तुति मंत्र बहुत उपयोगी है क्योंकि जब धन और शक्ति की बात आती है तो यह अद्भुत काम करता है। इसलिए इस मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।