surya mantr : हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य को सर्वशक्तिशाली, प्रकाशमय और सबका जीवन साधारित करने वाला देवता माना जाता है। जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओ मे से एक है।
ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य देव का अत्यंत महत्व बताया गया है। क्योकि सूर्यदेव सूर्यमंडल के केंद्र में स्थित होते हैं और सभी जीवों को जीवनदान करने की शक्ति धारण करते हैं।

आज हम इस लेख मे सूर्यदेव के मंत्र (Surya Mantr) जानेंगे, जो हिंदू धर्म ग्रंथो मे निहित है। मान्यता है की जो भी सच्चें भाव से इन मंत्रों का जाप करता है उसकी मनोकामना जरुर पूर्ण होती है। आइये सूर्य मंत्र हिंदी और संस्कृत मे जाने।
भगवान सूर्य देव के मंत्र – surya mantr
हिंदू संस्कृति मे सूर्य देव के पूजा का विशेष महत्व है. तथा हिंदू धर्म ग्रंथों मे भगवान सूर्य देव के लिये कई मंत्र दिये गये है जिनका उल्लेख नीचे किया गया है।
मंत्र जानने से पूर्व आपको सूर्य देव का पर्यायवाची जानना होगा, क्योकी सभी मंत्रों मे उनके विभिन्न नामो का उच्चारण किया गया है। जैसे- भास्कर, पुष्ण, दिनकर, आदित्य, मित्र, और रवि आदि , सूर्य मंत्र (surya mantr) निम्नलिखित है.

सूर्य मंत्र – Surya Mantra
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ रवये नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ खगाय नमः
- ॐ मित्राय नमः
- ॐ सविरे नमः
- ॐ पुषणे नमः
- ॐ मरीचये नमः
- ॐ अर्काय नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
- ॐ नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे आयुररोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते
- ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात्
- ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात्
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भगवान सूर्य जो सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापी और विज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं। हिंदू धर्म मे इनका विशेष महत्व है। तथा हिंदू धर्म मे ऐसे कई त्योहार है जैसे- छ्ठ पूजा, आदि मे सूर्य देव की पूजा की जाती हैं. मान्यता है कि जो लोग नियमित रूप से भगवान सूर्य के मंत्र का जाप करते हैं, उनके जीवन से अंधकार दूर हो जाता हैं. और व सुख-समृध्द भरा जीवन व्यतीत करते है।
सूर्य मंत्र का जाप & पूजा कैसे करें – Surya Mantr Jap Kaise kare

हिंदू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है. आज के दिन भगवान सूर्य की पूरे विधि-विधान एवं सच्चे मन से पूजा की जाती है। जो विशेष फलदायी होता है।
सूर्य देव की अराधना करने के लिये आप सूर्योदय के समय या उसके कुछ मिनटो बाद भगवान सूर्य की पूजा कर सकते है। मान्यता है कि रविवार (Sunday) के दिन उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे में जल, माला-फूल, सिंदूर, अक्षत, भोग तथा मंत्र जाप (surya mantr jap) के साथ पूजा करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है। और आपकी सारी इच्छाये पूर्ण होगी। जाने- नक्षत्रों के नाम एवं उनकी आकृति
मंत्र का जाप कर सकते समय ध्यान रखे कि आपका उच्चारण स्प्ष्ट होना चाहिए और मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार मंत्रों का जाप भी करना अत्यंत फलदायी साबित होता है. भगवान सूर्य के प्रमुख मंत्र (Important Surya Mantr) निम्न है।
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ खगाय नमः
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः (surya mantr)
सूर्य मंत्र और अर्थ – Surya Mantr aur Arth
मंत्र का अर्थ आपके मन के विचारो पर निर्भर है। जैसे ॐ सूर्याय नमः अर्थात हम भगवान सूर्य की स्तुति करते है। इस मंत्र का जाप करते वक्त आपको अपने मन मे सकारात्मक विचार रखना होगा। और भगवान सूर्य के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना होगा। ऐसे ही आप अनेक मंत्रो के प्रति अपनी कृतज्ञता / इच्छा/ धन्यवाद / आदि प्रकट कर सकते है।
सूर्य मंत्र (surya mantr) | सूर्य मंत्र का अर्थ (surya mantr ka arth) |
ॐ सूर्याय नमः | हम भगवान सूर्य की स्तुति करते हैं जिन्होने हमारे जीवन से अंधकार को दूर किया हैं और हमे एक प्रकाशमय जीवन प्रदान किया है। |
ॐ रवये नमः | इस मंत्र से हम सूर्य देव से उज्ज्वल और दीप्तिमान की प्रार्थना करते हैं। |
ॐ भानवे नमः | हम सूर्य देव से प्रार्थना करते हैं कि हमारे जीवन को प्रकाशमान (बनाये) बनाने के लिये धन्यवाद |
ॐ पुषणे नमः | हम सूर्य देव से पोषण और शक्ति देने वाले के लिये प्रार्थना करते हैं / धन्यवाद कहते है। |
ॐ आदित्याय नमः | हम सूर्य देव अर्थात ब्रह्मांडीय दिव्य माता और अदिति के पुत्र से प्रार्थना करते हैं। |
ॐ भास्कराय नमः | हम सूर्य देव से ज्ञान और प्रकाश देने के लिये प्रार्थना करते हैं। |
सूर्य गायत्री मंत्र – Surya Gayatri Mantr
।। ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात् ।।
सूर्य गायत्री मंत्र
। ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात् ।।
।। ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ।।
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