शांभवी महामुद्रा क्या है ? कैसें करें ? | Shambhavi Mahamudra in Hindi

भारतीय संस्कृति मे योगा, मुद्रा व ध्यान की कई क्रियायें है। जिनके अभ्यास से सम्पूर्ण जीवन का निर्माण किया जा सकता है, इनके नियमित अभ्यास से जीवन के उच्च स्तर तक पहुचा जा सकता है, बस हमें इसे ठीक ढंग से करना है, यह सतप्रतिशत लाभकारी है।

“शांभवी मुद्रा को शिव मुद्रा या भैरवी मुद्रा भी कहां जाता है”

Shambhavi Mahamudra

सर्वप्रथम योग क्रिया भगवान शिव जी द्वारा किया गया था, जिन्हे आदिगुरु कहाँ जाता है, अर्थात प्रथम गुरु, । नमस्कार पाठकों, लेख मे हम शांभवी महामुद्रा (Shambhavi Mahamudra) के विषय मे जानेंगे। यह लेख आप के लिये कितना लाभकारी रहा, कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे।

Shambhavi Mahamudra in Hindi

शांभवी महामुद्रा (Shambhavi Mahamudra)

Shambhavi Mahamudra
शांभवी महामुद्रा एक योगिक क्रिया है जिसके अभ्यास से जीवन के उच्च स्तर तक पहुचा जा सकता है, यह अन्य योग क्रियाओं के अपेक्षा अधिक शक्तिशाली व लाभकारी मुद्रा है, जो हमारे भौतिक शरीर, माससिक शरीर, उर्जा शरीर व आकाशीय शरीर को एक सीध मे लाती है। अर्थात प्राकृतिक की सभी उर्जायें आप के हित मे कार्य करने लगती है।

इसके अभ्यास से आप मानसिक, शारीरिक, तथा अन्य सभी प्रकार के भौतिक व अभौतिक शारीरिक उर्जा को एकत्रित कर सकते है, अपने जीवन को व्यवस्थिति कर सकते है। इसके नियमित अभ्यास से आप अपने जीवन को अद्भुद तरीकें से बदल सकते है। और जीवन को आनंदमयी बना सकते है।

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शांभवी महामुद्रा कैसे करें (How to do Smbhavi Mahamudra)

शांभवी महामुद्रा विधि :- शाम्भवी मुद्रा एक योगिक क्रिया है, जिसे आसानी से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे, सभी योगिक क्रियायों को करने का एक उचित ढंग होता है, जिसे उसी प्रकार किया जाना आवश्यक होता है, तभी हमें योग व मुद्रा का उचित लाभ मिलता है। किसी भी मुद्रा को करने के लियें सर्वप्रथम हमे ध्यान की अवस्था मे बैठना होता है।

ध्यान अवस्था मे कैसे बैठे :- ध्यान अवस्था मे बैठने से पूर्व शरीर को पवित्र कर ले, जैसे स्नान, साफ कपडे इत्यादि। अब आप ध्यान करने के लिये साफ वातावरण मे बैठ जाये, और अपने तर्जनी अंगुली को अगुठें से दबा ले और बाकी बची अंगुलियों को सीधा रखें|

अब हथेली को घुटने से टिका ले और सीधा रखे तथा शरीर को आराम की अवस्था मे छोड दे, ध्यान रहें रीढ की हड्डी को सीधा रखना अनिवार्य है. अब आप सभी मुद्रायें करने के लिये तैयार है। (Shambhavi Mahamudra‌‌)

  • प्रथम विधि :- सर्वप्रथम आप ध्यान करने की अवस्था मे बैठ जायें, और शरीर को सीधा रखे तथा शरीर को आराम की अवस्था मे छोड दे तथा रीढ की हड्डी को सीधा रखे, अब आप धीरे-धीरे आंखों से भौहों को देखे, ऐसा करते वक्त धीर-धीरे आंख बंद करें और अपना ध्यान भौहो व श्वास पर लगायें।
  • दूसरा विधि:- शाम्भवी मुद्रा (Shambhavi Mahamudra) करने के लिये ध्यान की अवस्था मे बैठ जायें, तथा गर्दन, रीढ की हड्डी, सीधा रखें, अब आप त्राटक क्रिया की तरह ध्यान अपने भीतर लगायें, अर्थात खुली आंखो से सोने का प्रयास करें, जिसके कारण आप की आंखे स्वंय से भौहे की ओर या ऊपर की ओर देखने लगेंगी।

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नोट:- किसी भी मुद्रा या योग को अपने सुविधानुसार करें, योग व मुद्रा करने के लिये शारीरिक व मानसिक सहमति का होना अनिवार्य है, इसलिये कोई भी योग व मुद्रा करते वक्त दर्द उत्पन्न हो तो, इसे बंद करदे, तथा योग गुरु की सहायता ले, बिना किसी योग गुरु के सलाह के इसें अधिक महत्व ना दे।

शांभवी मुद्रा के लाभ ( Benifites of Shambhavi Mahamudra)

Shambhavi Mahamudra

योग विद्या की शुरुआत भारतीय संस्कृति से हुई है। जिसका अभ्यास आज पूरी दुनिया कर रही, मुद्रा व योग जीवन के लिये बहुत ही लाभकारी है, इनकी सहायता से जीवन को व्यवस्थिति करके जीवन का सम्पूर्ण आनंद लिया जा सकता है। वैज्ञानिको के अनुसार योग क्रिया जीवन को स्वास्थ्य रखने मे अहम भूमिका निभाती है। मन को शांत कैसे करें

शांभवी मुद्रा के लाभ:- शाम्भवी मुद्रा करने से मानसिक क्षमता की वृध्दि होती है,तथा दिल, दिमाग को शांती मिलती है, इसके नियमित अभ्यास से मन व शरीर दोनो स्वस्थ होते है। माना जाता है की शाम्भवी मुद्रा (Shambhavi Mahamudra) करने वाले व्यक्ति के मस्तिष्क मे न्यूरान हार्मोन बढने लगता है, जो मनुष्य को अधिक बुध्दिमान बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव, अनिद्रा, मधुमेह, सिरदर्द, मोटापा, इत्यादि से छूटकारा मिलता है।

  • अनिद्रा को दूर करने मे सहायक
  • आत्मविश्वास बढाने मे मददगार
  • मस्तिष्क क्षमता मे बढोत्तरी
  • तनाव दूर करे
  • सिरदर्द, मोटापा इत्यादि बीमारीयों को खत्म करने मे सहायक

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इस लेख मे हमने शाम्भवी मुद्रा के विषय मे जाना, जिसके नियमित अभ्यास से जीवन को सरल व व्यवस्थिति किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे, योग करने से पूर्व मानसिक व शारीरिक सहमति का होना जरुरी है, अन्यथा इसके लाभ से आप वंचित रह जायेंगे। Join Us

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