राहत इंदौरी की 30 प्रसिध्द शायरिया | Rahat Indori Sayari

राहत इंदौरी जी का वास्तविक नाम राहत कुरैशी था चुकि इनका जन्म भारत के मध्यप्रदेश के इंदौर जिले मे हुआ था, इसलिये लोग इन्हे राहत इंदौरी कहकर बुलाते थे। यह एक उर्दु सायर और गीतकार थे।

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो

Rahat Indori Sayari

राहत इंदौरी जी का जन्म 1 जनवरी 1950 मे मध्यप्रदेश मे हुआ था। इन्होने शिक्षा के तौर पर उर्दू साहित्य मे स्नानतकोत्तर एव पीएचडी किया था। इन्होने अपने सायरी व गीत के माध्यम से लोगो को प्रेरित व मनोरंजित किया। आइये इनके कुछ प्रसिध्द शायरियों पर नजर डाले।

Rahat Indori Sayari

राहत इंदौरी साहब की शायरी – Rahat Indori Sayari Hindi

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।

राहत इंदौरी साहब

हम से पहले भी कई मुसाफ़िर गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

Rahat Indori Sayari

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

राहत इंदौरी साहब

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।

राहत इंदौरी साहब

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो

राहत इंदौरी साहब

बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।

Rahat Indori Sayari

सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।

राहत इंदौरी साहब

जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो,
बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो।

राहत इंदौरी

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।

राहत इंदौरी

सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।

Rahat Indori Sayari

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

राहत इंदौरी

सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।

राहत इंदौरी