karva chauth vrat katha: करवा चौथ हिंदू सुहागिन महिलाओ का प्रमुख त्योहार है। यह हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्यत: सुहागिन महिलाओ के लिये होता है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाये, अपने पति की लम्बी उम्र के लिये करवा चौथ का व्रत रखती है।
यह त्योहार मुख्यरुप से नई-नवेली सुहागिन महिलाओ मे अधिक प्रसिध्द होता है। आइये इस लेख मे हम करवा चौथ माता की पूजा करते समय सूने जाने वाला कथा ( Karwa Chauth mata katha) पढेंगे।
Note – नीचे दिया गया करवा चौथ व्रत कथा, कथा का एक छोता रुप है। जिसकी वास्तविक कथा 2000 से 3000 शब्दो का है। लेकिन हमने यहाँ उसे छोटे रुप मे प्रस्तुत किया। अगर आप पूरी कहानी विस्तार से पढना चाहते है। नीचे विस्तार से पढे लिंक पर क्लिक करे। – सोलह सोमवार व्रत कथा
करवा चौथ की कथा – karva chauth ki katha
karwa chauth katha: करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार एक साहूकार के सात बेटे थे। और करवा नाम की एक बेटी थी, जिसका विवाह एक कुशल व समृध्द परिवार मे हुआ था। सतो भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। साथ रहते, खेलते व साथ ही भोजन भी करते थे। एक दिन उनकी बहन ने करवा चौथ का व्रत रखा, और जब रात को सभी लोग भोजन करने लगे तो, भाईयों ने बहन को भी भोजन करने का आग्रह किया।
लेकिन बहन ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी चांद नहीं निकला है और वह चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही खायेगी, बहन का सुबह से भूखी प्यासी हालत देखकर, भाईयों ने दूर एक पिंपल के पेड को प्रज्वलित कर आये और अपनी बहन से कहा की व्रत तोड़ लो चांद निकल आया है।
बहन को भाईयो की चतुराई समझ में नहीं आया। और उसने खाने का निवाला खा लिया,, निवाला खाते ही उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला, वह बहुत दुखी होकर अपने पति की लाश लेकर एक कोठरी में बैठी गयी, और मृत्यु पति के पास एक वर्ष तक बैठ कर करवा माता को मन ही मन मनाती रही।
जब अगले वर्ष करवा चौथ व्रत आया तो उसने पूरे विधिः विधान से करवा माता की पूजा की। और उनके पति जिवित हों गये। इसलिये कहा जाता है की श्रद्धा भाव से पूजा पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है।- जय करवा चौथ माता – विस्तार से पढे (karva chauth vrat katha)
करवा चौथ की जानकारी – karva chauth ki kahani
करवा चौथ उत्तर भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में अधिक मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष के नौवें दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास करके मनाया जाता हैं। मुख्यत: यह त्योहार हिंदू महिलायो का है।
करवा चौथ एक व्रत की रस्म है जहां विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और करवा माता की पूजा करती हैं। वे अपने बच्चों की भलाई और जीवन में सफलता के लिए भी प्रार्थना करती हैं। (karva chauth vrat katha)
यह विडीयो ‘Ambey Bhakti’ Youtube Channel से लिया गया है। जिसका श्रेय उनके मालिक को जाता है। चैनल को लाइक व सस्क्राइब जरुर करें। साथ ही यह व्रत कथा (karva chauth vrat katha) पढकर आपको कैसा लगा, कमेंट मे जरुर बताये।