bacchon ki kahaniyan: बच्चो को कहानिया सुनना बेहद पसंद होता है। इसलिये जब वो पढाई या अन्य कामो से उब जाते है तो वो कहानी सूनना पसंद करते है। आज हम इस लेख मे बच्चो के लिये नैतिकता से परिपूर्ण कहानी का संग्रह लाये है।
सभी कहानियो के अंत मे उससे मिलने वाली सिख भी दी गई है। अत: अगर आप शिक्षक है या पैरेंट्स है तो बच्चो को कहानी सूनाने के बाद उन्हे कहानी से मिलने वाली सीख भी बताये। आइये बच्चो की कहानिया (bacchon ki kahaniyan) पढे
सूर्य और वायु की कहानी – bacchon ki kahaniyan
एक समय की बात है सूर्य और हवा में बहस छिड़ गई कि कौन अधिक बलवान है। हवा अपने आपको अधिक शक्तिशाली बता रही थी। लेकिन सूर्य मान नही रहा था। और मामला उलझता ही जा रहा था।
तभी अचानक उन्हें चादर लपेटे एक व्यक्ति आते दिखाई दिया। व्यक्ति को देखकर हवा को एक विचार आया। उसने सूर्य से कहा, “देखो, एक चादर लपेटे व्यक्ति आ रहा है। हममें से जो भी उसकी चादर उतरवा देगा वही बलशाली होगा। सूर्य ने उसकी बात स्वीकार करली। और व्यक्ति के शरीर से चादर ह्टाने का पहला प्रयास हवा को दे दिया।
हवा जोर से चलने लगी। हवा की गति जितनी बढ़ती व्यक्ति उतनी ही तेजी से अपनी चादर को पकड़ लेता ताकि ठंड से बचा रहे। जोर लगा-लगा कर हवा थक गई, हार गई पर व्यक्ति से उसकी चादर नहीं उतरवा पाई।
अंततः वह शांत हो गई। अब सूर्य की बारी आई। वह बादलों के पीछे से निकलकर चमकने लगा। तेज गर्मी से परेशान होकर व्यक्ति ने अपनी चादर उतार दी। हवा ने अपनी हार मान ली और सूर्य विजयी हुआ।
शिक्षा : कभी भी अपनी ताकत और योग्यता पर घमंड नहीं करना चाहिए
बच्चो को जरुर सुनायेंं– एकलव्य की कहानी
राजा की पहेली – Chhote bacchon ki kahaniyan
एक बार एक राजा अपने लिये समझदार, बुध्दिमान व साहसी प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहता था। इसलिए उसने एक योजना बनाई और पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो भी एक पहेली का जवाब देगा, वह हमारे दरबार का प्रधानमंत्री नियुक्त होगा।
राजा की पहेली ये थी की- एक आदमी के पास एक शेर, एक बकरी और घास का एक टूकडा है। वह व्यक्ति तीनों को किस प्रकार नदी पार ले जाए ताकि शेर बकरी को और बकरी घास को न खा सके। जबकी नाव में एक बार में सिर्फ दो ही लोग जा सकते हैं। वह आदमी क्या करेगा?
बहुत सारे लोगो ने राजा को पहेली का जवाब दिया, लेकिन राजा किसी के भी उत्तर से संतुष्ट नही था, तभी एक युवा व्यक्ति राजा के पास आता है और और राजा को पहेली का जवाब देता है।-
वह व्यक्ति पहले बकरी को नदी के पार लेकर जाएगा। और इस तरफ शेर व घास को छोड जायेगा, और फिर वह शेर को नदी पार लेकर जाएगा और बकरी को अपने साथ वापस ले आयेगा। फिर वह घास को लेकर जाएगा और फिर बकरी को लेकर जाएगा। इस प्रकार तीनों नदी पार हो जाएंगे।” राजा उसकी चतुराई एवं बुद्धिमानी से अत्यधिक प्रभावित हुआ और उसे अपना प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया।
बच्चो को जरुर सुनायेंं– जैसी संगत वैसी रंगत कहानी
baccho ki kahani
भेड़िया और सारस की कहानी – bacchon ki hindi kahani
Chhote bacchon ki kahaniyan: एक बार एक भेड़िया जंगल मे अपना शिकार खा रहा था। तभी एक हड्डी का टुकड़ा उसके गले में जा के अटक गया। जिससे गले में उसके जोरो से दर्द होने लगा। और भेड़िया दर्द से छटपटाने लगा। उसे साँस लेने में भी बहुत कठिनाई होने लगी।
भेडिये ने कई जानवरो से सहायता माँगी और बदले में पुरस्कार भी देने का भी वादा किया, लेकिन किसी ने उसकी सहायता नहीं की। अंत में एक सारस को उस पर दया आई। उसने भेड़िए को कहा, “तुम करवट लेकर अपना मुँह खोलकर लेट जाओ।” भेड़िया अपना मुँह खोलकर लेट गया।
सारस ने अपनी लंबी चोंच उसके गले में डाली और फँसी हुई हड्डी को खींचकर निकाल दिया। भेड़िए की जान में जान आ गई। सारस ने भेड़िए से अपने पुरस्कार की माँग की तो भेड़िए ने कहा, “मूर्ख पक्षी, तुम अपने भाग्य को सराहो कि अभी तक जीवित हो। जब तुमने अपनी चोंच मेरे मुँह में डाली थी, चाहता तो तभी तुम्हें खा जाता। क्या तुम्हारा जीवित रहना किसी पुरस्कार से कम है? ऐसा बोलकर भेडिया वहाँ से चला गया।
” शिक्षा : भले के साथ ही भलाई करनी चाहिए।
बच्चो को जरुर सुनायेंं– अकबर बीरबल की कहानी (जो हुआ अच्छा हुआ)
कौवे की चतुराई – baccho ki kahani in hindi
bacchon ki nai kahaniyan: भोलू और गोलू नामक दो कौवे अच्छे मित्र थे। एक दिन उन दोनों में अपनी-अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए झगड़ा होने लगा। उन्होंने तय किया कि जो चुनौती को पूरा कर लेगा, वही श्रेष्ठ होगा। चुनौती यह थी कि दोनों को अपनी चोंच में एक एक भरा हुआ थैला लेकर उड़ना था। जो अपने थैले को लेकर आकाश में अधिक ऊपर उड़ेगा, वही श्रेष्ठ होगा।
गोलू बहुत ही चालाक कौआ था। उसने अपने थैले में रूई और भोलू के थैले में नमक भरा और दोनों ने उड़ान भरी। जल्दी ही थैले का वजन कम होने के कारण गोलू भोलू से अधिक ऊपर उड़ने लगे। और भारी वजन होने के कारण भोलू ऊँची उड़ान भरने में असमर्थ था।
तभी बारिश शुरू हो गई।रूई पानी सोखने के कारण भारी हो गई और नमक घुलनशील होने के कारण पानी में घुल गया। इसके फलस्वरूप गोलू का थैला भारी और भोलू का थैला हल्का हो गया। अब भोलू ने गोलू के मुकाबले अधिक ऊँची उड़ान भरी। इस तरह भोलू वह चुनौती जीत गया।
बच्चो को जरुर सुनायेंं– खरगोश और कछुये की नई कहानी
दो चिड़िया का आलस – baccho ki kahani in hindi
चिक्की, मिक्की नाम की दो चिड़िया एक घोंसले में रहती थीं। दोनों बहुत आलसी थीं। सर्दी का मौसम था। चारों तरफ ठंडी हवा चल रही थी। बर्फवारी भी हो रही थी। संयोग से उनके घोंसले में एक छेद हो गया। छेद से ठंडी हवा आने के कारण उनका घोंसला एकदम ठंडा हो जाता था।
चिक्की और मिक्की दोनों को भारी ठंड लगती। चिक्की ने सोचा, ‘मुझे आश्चर्य है कि मिक्की इस छेद को क्यों ठीक नहीं करवाती है।’ वहीं दूसरी तरफ मिक्की ने सोचा, ‘चिक्की बड़ी आलसी है। वह क्यों नहीं इस छेद को ठीक करती?’
इस तरह दोनों ही एक-दूसरे से उस छेद को बंद करवाने की उम्मीद लगाए बैठी थीं। फलस्वरूप उनके घोंसले का छेद वैसे ही बना रहा। धीरे-धीरे बर्फवारी तेज हो गई और हवा भी तेज चलने लगी। अब छेद के रास्ते बर्फ उनके घोंसले में प्रवेश कर गई।
अब आलसी चिड़िया ठंड से काँपने लगीं, लेकिन किसी ने भी छेद को बंद करने की कोशिश नहीं की अंतिम दोनों ठंड से मर गईं। इस प्रकार, अपने आलसी स्वभाव के कारण दोनों चिड़ियाँ अकाल मौत का शिकार बनीं।
kahani bacchon ki: सीसम और अमरुद की कहानी
Chhote bacchon ki kahaniyan: सड़क के किनारे एक सीसम और एक अमरुद का पेड़ था। अमरुद के पेड़ पर रसीले एवं मीठे अमरुद लगते थे। राह चलते यात्री उसकी छाँव में विश्राम भी करते और मीठे फलों का भी आनंद लेते थे। उधर दूसरी तरफ शीसम के पेड की तरफ कोई देखता भी नही था।
सीसम की एसी हालत देखकर अमरुद के पेड़ को अपने ऊपर घमंड हो गया। वह सीसम के पेड़ से बोला, “सभी लोग मेरे फल व मेरे छाव को ही पसंद करते है तुम्हारी तरफ कोई देखता भी नही” सीसम का पेड़ बोला. “इतना घमंड करना अच्छा नही, सभी का अपना-अपना महत्व है।” फिर भी अमरुद का पौधा उसे चिडाता रहा। Bacchon ki kahaniyan
अगले दिन कुछ बच्चों ने उस घमंडी अमरुद के पेड़ के सारे फल तोड़ लिये और डालियो एवं पत्तों को भी नुकसान पहुंचाया। अब अमरुद का पेड़ बड़ा ही भद्दा लग रहा था। आम के पेड़ की ऐसी स्थिति देखकर सीसम का पेड़ बोला, “घमंड हमेशा मुसीबत में डालता है। इसलिये हमे कभी भी घमण्ड नही करना चाहिये।