Diwali Puja: दिवाली पूजा विधि, शुभ मुहुर्त एवं पूजा सामग्री जाने?

Diwali Puja: दिवाली का त्योहार आने वाला है जल्द ही घरो की साफ-सफाई होगी और घरो व मंदिरो को सजाया जायेगा, लेकिन क्या आपको मालूम है दिवाली की पूजा विधि व पूजा सामग्री क्या है? आइये जानते है कि दिवाली के दिन किस देवता की पूजा की जाती है।

Diwali Puja deepak
Diwali Puja

दिवाली हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है ।इसे रोशनी का त्योहार कहते हैं इस दिन माता लक्ष्मी और पुत्र गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली का त्योहार आने के दस दिन पहले से ही गांव में चहल-पहल शोरगुल मची रहती है। बच्चे रंग रंग के फूलझरियो और पटाखों में खुश रहते हैं वहीं बड़े लोग साफ सफाई,लिपाई पुताई में व्यस्त रहते हैं। आइए जानते हैं इस वर्ष दीपावली कब है। एवं दिवाली की पूजा विधि तथा शुभ मुहुर्त जानते है।

दिवाली पूजा समय – Diwali Puja Time

Diwali Puja Time: इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को है एवं पूजा का शुभ मुहुर्त शाम 6:11 से रात को 8:15 तक है। अर्थात इस वर्ष दिवाली मे पूजा करने का समय लगभग 2 घण्टे है अत: उचित होगा कि आप समय से पहले भगवान जी के मंदिर व स्थान को साफ कर ले एवं पूजा सामग्री व पूजा थाली को पहले से ही तैयार कर ले, ताकि पूजा मे विघ्न ना उत्पन्न हो।

अमावस्या कब से है?– हमे मालूम है कि दिवाली का त्योहार अमवस्या को मनाया जाता है अत: अमवस्या की सही जानकारी रखना उचित होगा। इस वर्ष अमवस्या 12 नवम्बर को दोपहर 12:44 से शुरु होकर अगले दिन दोपहर के 2:56 मिनट पर समाप्त होगा।

आपको जानना चाहिए कि हर वर्ष दीवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है जो इस वर्ष 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को है. मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या को माता लक्ष्मी रात्रि को स्वयं पृथ्वी पर घर-घर विचरण करतीं हैं, इसी वजह से घर आंगन हर जगह साफ़ सफाई करके दीपक जलाएं जातें हैं। आइए जानें दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा मुहूर्त।

दिवाली पूजा सामग्री – diwali puja samagri

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी व भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करता है उसके घर सुख समृध्दि आती है एवं उसकी सारी मनोकामनाएंं पूर्ण होती है। आइये विधि-विधान से पूजा को सफल बनाने हेतु (दिवाली की पूजा सामग्री (diwali puja samagri) को जान लेते है. ताकि पूजा मे कोई रुकावट ना उत्पन्न हो।

दिवाली की पूजा सामग्री – diwali puja samagri

  • गणेश जी व माता लक्ष्मी की मूर्ती
  • लाल वस्त्र माता लक्ष्मी के लिये एवं पीले वस्त्र गणेश जी के लिये
  • भगवान गणेश व माता लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान एवं आसन के लिए चौकी ले
  • हवन के लिए हवन कुण्ड एवं हवन सामग्री ले।
  • आरती व दीपो को जलाने के लिये मिट्टी के दीए ले
  • पूजा सामग्री मे अगरबत्ती, चंदन, रक्षा, कुमकुम, इत्र, अक्षत, माला-फूल, दीपक, आरती की थाली आदि ले।
  • दीए जलाने के लिए तेल या घी और रूई की बत्ती ले
  • भगवान को भोग के लिये पंचामृत एवं भगवान गणेश के लिए लड्डू और माता लक्ष्मी के लिए फल, बताशे, मिठाईयां व गट्टे आदि ले।
  • अन्य पूजा सामग्री (Diwali Puja Samagri) मे (माला- फूल, पांच सुपारी, लौंग, कलावा, रोली, सिंदूर, हल्दी पान के पत्ते, श्रीखंड, मिठाई, नारीयल, चंदन, हल्दी, घी, कपूर, रूई, आदि ले।

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दीपावली पूजा विधि – diwali puja vidhi

अपने देश भारत के साथ-साथ अन्य देशो मे भी बड़े हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है कहां जाता है इस दिन शाम को पूजा मुहूर्त में माता लक्ष्मी एवं विध्न विनाशक गणेश, धन के देवता कुबेर जी, तथा समस्त मनोरथ सिद्ध करने वाले विष्णु भगवान, व बुध्दि के दाता माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

पूर्वजों की ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन खास तौर पर माता लक्ष्मी व पुत्र गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। माता लक्ष्मी और पुत्र गणेश की पूजा बहुत ही सरल विधि से किया जाता है। इनके पूजा में बेसन की लड्डू अति आवश्यक है आइए जानते हैं कि दीपावली पूजा विधि (diwali puja vidhi) क्या है?

diwali puja vidhi: सबसे पहले एक चौकी साफ़ करके उस पर लाल कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी व गणेश जी का आसान लगायें, उसके बाद अपने सपरिवार के साथ बैठें, फिर गंगा जल सबके ऊपर और चौकी पर छिड़केंगे, और फिर पति-पत्नी व बच्चों के साथ बाजार से खरीदी हुई मिट्टी की प्रतिमा माता लक्ष्मी व पुत्र गणेश जी को चौकी पर स्थापित करेंगे,अब माता लक्ष्मी व पुत्र गणेश जी को गंगा जल से आचमन करें और माला चढ़ाएं और चन्दन का टीका, अगरबत्ती, दीपक जलाएं और जो सामान लिए है सब चढ़ाने के बाद लड्डू का भोग लगाएं, और फिर आरती करें ,माता लक्ष्मी व गणेश जी दोनों की आरती गायें और घंटी बजाते रहे, आरती खत्म होने पर सपरिवार सहित माता को हाथ जोड़कर सर झुकाए, ऐसा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

दिवाली के दिन आप इन आरती को गा सकते है।

उपसंहार – इस लेख मे हमने हिंदूओ के सबसे प्रमुख त्योहार दिवाली के विषय मे जाना, हमने जाना की इस वर्ष दिवाली कब है एवं दिवाली की पूजा (Diwali Puja) विधि, शुभ मुहुर्त एवं पूजा सामग्री क्या-क्या लगती है। यह लेख आपके लिये कितना उपयोगी रहा, कमेंट मे अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे. साथ अनंत जीवन के टीम द्वारा लिखित अन्य धार्मिक लेखो को अवश्य देंखे।

डिस्क्लैमर- इस लेख मे दी गई जानकारी मान्यताओ पर आधारित है अत: हम इस लेख की पुष्टि नही करते है लेख से सम्बंधित किसी भी जानकारी को अमल मे लाने से पूर्व, उस विषय से सम्बंधित विशेषज्ञ (पण्डित, ज्योतिषी, अन्य धार्मिक गुरु, आदि) से सलाह लेने का सुझाव दिया जाता है।

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