अकबर और बीरबल की कहानी (जो होता है अच्छे के लिये होता है)

अकबर और बीरबल की कहानी – Akabar Birabal Ki Kahani

राजा अकबर और बीरबल की कहानीयों मे अधिकतर बुध्दी परीक्षण और कहावत नुमा कहानियो का संग्रह होता है। आप ने मशहूर कहावत तो सुनी होगी “जो होता है अच्छे के लिए होता है” लेकिन क्या आपको पता है इस कहावत के पीछे भी, एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है जिसे आप इस लेख मे पढेंगे, इसलिए इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़िए गा।

अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर और बीरबल की कहानी चित्र

Note- यहाँ अकबर और बीरबल की कहानी को समान्य हिंदी व गांव की भाषा (देहादी भाषा) मे लिखा गया है। ताकी पढने वाले की रुचि बढ सके। अगर आपको देहाती भाषा पसंद है तो, यह कहाँनी मजेदार होने वाली है।

जो होता है आपके अच्छे के लिए होता है।

अकबर बीरबल की स्टोरी इन हिंदी

एक बार अकबर और बीरबल जंगल में शिकार करने के लिए गए थे अचानक अकबर का अंगूठा तलवार निकालते वक्त कट जाता है वे वहीं जोर जोर से चिल्लाने लगते हैं कि सिपाहियों इधर आओ कहां मर गए सब लोग जल्दी इधर आओ देखो मेरा अंगूठा कट गया है जाओ जल्दी से एक वैध को बुलाकर लाओ। वे वही जंगल में जोर जोर से चिल्लाने लगे अभी वहां बीरबल मुस्कुराते हुए आते हैं और अकबर से बोलते हैं महाराज शांत हो जाइए जो होता है अच्छे के लिए होता है।

अकबर गुश्शे से से बोले बीरबल यह तू क्या बोल रहा है क्या तू पागल हो गया है यहां मेरा अंगूठा कट गया है और तू कह रहा है जो होता है अच्छे के लिए होता है।अकबर बहुत ही गुस्से से बोले सिपाहियों वैद्य छोड़ो सबसे पहले बीरबल को पकड़ो और उसे उल्टा लटका कर रात भर कोड़े मारो और सुबह फांसी पर लटका देना।

सिपाही बीरबल को गिरफ्तार कर लेते हैं और उसे महल की तरफ ले कर चले जाते हैं और इधर अकबर अकेले ही शिकार की खोज में जंगल के काफी अंदर तक चले जाते हैं तभी उन्हें कुछ आदिवासियों का कबीला पकड़ के उनको उल्टा लटका देता है ताकी उनकी बलि चढ़ाई जा सके।

तभी एक आदिवासी की नजर अकबर के कटे हुए अंगूठी में परती है और वो आदमी जोर से चिल्लाता है यह किसको पकड़ कर लाए हो ये आधा अधूरा इंसान है इसकी एक उंगली कट गई है हम इसकी बली नही चढ़ा सकते हैं ये अशुद्ध है। छोड़ दो इसे।

और अकबर को छोड़ दिया जाता है अब अकबर परेशान हो जाते हैं कि शायद बीरबल को फांसी दे दी गई होगी वे चीखते,चिल्लाते हुए महल की तरफ जाते हैं और पहुंच कर देखते हैं कि बीरबल को बस फांसी लगने ही वाली थी अकबर झठ से बीरबल के पास जाते हैं और बीरबल से माफी मांगते हैं और कहते हैं तुमने ठीक कहा था बीरबल “जो होता है अच्छे के लिए होता है” अगर आज मेरा अंगूठा कटाना होता तो आज वे आदिवासी मेरी बलि चढ़ा देते

बीरबल अपनी उसी खराब भाषा मे बोलते हैं नहीं महाराज “जो होता है अच्छे के लिए होता है” अकबर बीरबल से यह बात फिर से सुनकर चौक जाते हैं और बीरबल से कहते हैं बीरबल क्या तू सचमुच पागल हो गया है क्या यह क्या बोल रहा है जो होता है अच्छे के लिए होता है इसमें क्या अच्छा है अगर मैं समय से नहीं आया होता तो तू आज फांसी पर लटक रहा होता,इसमें क्या अच्छा है।

बीरबल मुस्कुराते हुए बोलते हैं महाराज अगर मैं आपके साथ वहां गया होता तो वे लोग आपको छोड़कर मेरी बलि चढ़ा देते। इसलिए महाराज “जो होता है अच्छे के लिए होता है”

इस छोटी सी स्टोरी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे साथ जो कुछ भी वर्तमान में  हो रहा है वो हमारे अच्छे के लिए हो रहा है और भविष्य मे जो कुछ भी होगा हमारे अच्छे के लिये ही होगा। इसलिये सदा धैर्य बनाये रखें और जीवन का आनंद लेते रहिये।

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