श्री कृष्ण के 20 प्रसिध्द मंत्र (हिंदी & संस्कृत)- Shri Krishna Mantra Hindi

Krishna Mantra: भगवना कृष्ण जिन्हे कन्हैया, गोपाल, नंदलाल, माखनचोर आदि नामो से जाना जाता है का जन्म भादपद्र मास के कृष्ण पक्ष मे अष्टमी तिथि को मथुरा के मे हुआ था।

Krishna Mantra
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भगवान कृष्ण माता देवकी व पिता वासुदेव के आठवी संतान थे। आज हम इस लेख मे भगवान कृष्ण के मंत्रो को पढेंगे, जिनका जाप करके आप सुखी व समृध्द हो सकते है। (जय श्री कृष्णा)

भगवना कृष्ण मंत्र हिन्दी में – Krishna Mantra in Hindi

हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा
हरे रामा हरे हरे

जय श्री कृष्णा – यह भगवान कृष्ण का सबसे लोकप्रिय भजन है। जिसे भक्त अपने दैनिक जीवन मे प्रतिदिन उच्चारण करते है। इस भजन मे भगवान श्री कृष्ण व प्रभू श्रीराम की स्तुति की गई है।

ॐ श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा।

आपके कार्य मे उत्पन्न सभी बाधायों को दूर करेगा एवं कार्य सफल होगा। – अगर आपके जीवन के निरंतर प्रयास एवं परिश्रम के बावजूद भी आपका कार्य मे बाधा उत्पन्न हो रही है तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिये। इस मंत्र का जाप करने से कार्य मे उत्पन्न सभी अड़चने दूर हो जायेंगी, और आपका कार्य सफल होगा। (Krishna Mantra)

ॐ क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा।।

शीघ्र विवाह के लिए पूरे विधि-विधान से मंत्र का जाप करे – भारतीय परम्परा मे खासकर हिंदू समाज मे सुयोग्य लड़के या लड़की के साथ विवाह होना भी एक सौभाग्य माना जाता है, लेकिन किन्ही कारणो से अगर इसमे बाधा उत्पन्न हो रही है तो मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए आप इस मंत्र का उच्चारण कर सकते है।

कृष्णाय वासुदेवाय, देवकी नन्दनाय च ,
नंदा गोपा कुमारया , गोविंदाय नमो नमः

जय श्री कृष्णा – Krishna Mantra

श्री कृष्णा मंत्र – Sri krishna mantra

ॐ श्री कृष्णाय नमः

“ओम क्लीम कृष्णाय नमः”

“ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय”

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

भगवान कृष्ण के अनमोल सुविचार

ॐ श्री कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नमः

द्वदेवकीसुत गोविन्द’ हृदयाय नमः।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।

अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं (भजन)

ॐ नमो भगवते जगदात्मसूतये नमः’ ।

भगवान कृष्ण मंत्र संस्कृत मे – Krishna Mantra Sanskrit

ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।

शङ्खचक्रगदापद्मं धारयन्तं जनार्दनम् ।
अङ्के शयानं देवक्याः सूतिकामन्दिरे शुभे ।।
एवं रूपं सदा कृष्ण सुतार्थं भावयेत् सुधीः ।।

शङ्खचक्रगदापद्मं दधानं सूतिकागृहे ।
अङ्के शयानं देवक्याः कृष्णं वन्दे विमुक्तये ।।

॥ देवकी सूत गोविंद वासुदेव जगतपते देहिमे तनय कृष्ण त्वाहम शरणगते ॥

श्री सन्तानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः श्री कृष्णो देवता गलौं बीजं नमः शक्ति पुत्रार्थे जपे विनियोगः।

“ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो”

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री”

“ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे”

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥

ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”

ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते.देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणंगत:।।

निष्कर्ष: इस लेख मे हमने भगवान कृष्ण के 20 से अधिक प्रसिध्द मंत्रों का जाप किया, यह लेख आपके लिये कितना उपयोगी रहा, कमेंट मे हमे जरुर बताये।

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