Krishna Mantra: भगवना कृष्ण जिन्हे कन्हैया, गोपाल, नंदलाल, माखनचोर आदि नामो से जाना जाता है का जन्म भादपद्र मास के कृष्ण पक्ष मे अष्टमी तिथि को मथुरा मे हुआ था, भगवान कृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनके अवतार का उद्देश्य धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करना था।
भगवान कृष्ण, माता देवकी व पिता वासुदेव के आठवी संतान थे। आज हम इस लेख मे भगवान कृष्ण के मंत्रो को पढेंगे, जिनका जाप करके आप सुख व समृध्द प्राप्त कर सकते है।
भगवना कृष्ण मंत्र हिन्दी में – Krishna Mantra in Hindi
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
अर्थ- जय श्री कृष्णा – यह भगवान कृष्ण का सबसे लोकप्रिय भजन है। जिसे भक्त अपने दैनिक जीवन मे प्रतिदिन उच्चारण करते है। इस भजन मे भगवान श्री कृष्ण व प्रभू श्रीराम की स्तुति की गई है।
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रामा
हरे रामा हरे हरे
ॐ श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा।
अर्थ- आपके कार्य मे उत्पन्न सभी बाधायों को दूर करेगा एवं कार्य सफल होगा। – अगर आपके जीवन के निरंतर प्रयास एवं परिश्रम के बावजूद भी आपका कार्य मे बाधा उत्पन्न हो रही है तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिये। इस मंत्र का जाप करने से कार्य मे उत्पन्न सभी अड़चने दूर हो जायेंगी, और आपका कार्य सफल होगा। (Krishna Mantra)
ॐ क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा।।
अर्थ- शीघ्र विवाह के लिए पूरे विधि-विधान से मंत्र का जाप करे – भारतीय परम्परा मे खासकर हिंदू समाज मे सुयोग्य लड़के या लड़की के साथ विवाह होना भी एक सौभाग्य माना जाता है, लेकिन किन्ही कारणो से अगर इसमे बाधा उत्पन्न हो रही है तो मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए आप इस मंत्र का उच्चारण कर सकते है।
कृष्णाय वासुदेवाय, देवकी नन्दनाय च ,
जय श्री कृष्णा – Krishna Mantra
नंदा गोपा कुमारया , गोविंदाय नमो नमः
श्री कृष्णा मंत्र – Sri krishna mantra
ॐ श्री कृष्णाय नमः
“ओम क्लीम कृष्णाय नमः”
“ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय”
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ श्री कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नमः
द्वदेवकीसुत गोविन्द’ हृदयाय नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।
अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं (भजन)
ॐ नमो भगवते जगदात्मसूतये नमः’ ।
भगवान कृष्ण मंत्र संस्कृत मे – Krishna Mantra Sanskrit
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।
शङ्खचक्रगदापद्मं धारयन्तं जनार्दनम् ।
अङ्के शयानं देवक्याः सूतिकामन्दिरे शुभे ।।
एवं रूपं सदा कृष्ण सुतार्थं भावयेत् सुधीः ।।
शङ्खचक्रगदापद्मं दधानं सूतिकागृहे ।
अङ्के शयानं देवक्याः कृष्णं वन्दे विमुक्तये ।।
॥ देवकी सूत गोविंद वासुदेव जगतपते देहिमे तनय कृष्ण त्वाहम शरणगते ॥
श्री सन्तानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः श्री कृष्णो देवता गलौं बीजं नमः शक्ति पुत्रार्थे जपे विनियोगः।
“ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो”
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री”
“ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे”
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते.देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणंगत:।।
भगवान कृष्ण के प्रसिध्द मंत्र – Famous Krishna Mantra
भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए कई मंत्र प्रसिद्ध हैं। यहाँ 10 प्रमुख कृष्ण मंत्र दिए गए हैं
- “ॐ श्री कृष्णाय नमः”
(ॐ, श्री कृष्ण को नमस्कार।) - “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
(ॐ, भगवंत वासुदेव को नमस्कार।) - “श्री कृष्ण शरणं ममः”
(श्री कृष्ण मेरी शरण हैं।) - “ॐ कृष्णाय गोपिजानवल्लभाय स्वाहा”
(ॐ, गोपियों के प्रिय कृष्ण को समर्पण।) - “जय श्री कृष्ण”
(श्री कृष्ण की जय हो।) - “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।”
(यह महामंत्र है जिसे ‘हरे कृष्ण मंत्र’ भी कहा जाता है।) - “ॐ श्री राधायै नमः”
(ॐ, श्री राधा को नमस्कार।) - “ॐ श्री कृष्ण चरणारविंदय नमः”
(ॐ, श्री कृष्ण के पदकमलों को नमस्कार।) - “कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।”
(कृष्ण, गोविन्द, हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।) - “ॐ श्री कृष्णा भगवते नमः”
(ॐ, श्री कृष्ण भगवंत को नमस्कार।)
इन मंत्रों का जप और ध्यान भगवान कृष्ण की भक्ति को बढ़ाता है और उनके दिव्य गुणों को अनुभव करने में सहायता करता है।
निष्कर्ष: इस लेख मे हमने भगवान कृष्ण के प्रसिध्द मंत्रों (Krishna Mantra) का जाप किया, यह लेख आपके लिये कितना उपयोगी रहा, कमेंट मे हमे जरुर बताये।