Rudrabhishek: इस समय सावन का महिना चल रहा है हिन्दू धर्म में इस महिने का विशेष महत्व है कहते हैं सावन माह का हर दिन खास होता है।सावन माह के पवित्र महीने में कई व्रत व त्यौहार आते हैं। इस माह में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। और साथ में शिवलिंग की पूजा की जाती है।
सावन के पूरे महीने में शिव पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस महिने में सभी भक्त अलग अलग तरीके से महादेव की आराधना करते हैं और साथ में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन के महिने में भक्ति भाव से रूद्राभिषेक (rudrabhishek) करवाते हैं। आज हम आपको अनन्त जीवन के माध्यम से रूद्राभिषेक के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
रूद्राभिषेक का अर्थ क्या है – Rudrabhishek Meaning Hindi
रूद्राभिषेक दो शब्दों से मिलकर बना है। रुद्र + अभिषेक जहाँ रूद्र अर्थात भगवान शिव और अभिषेक अर्थात स्नान स्नान, यानी की शिव जी को स्नान कराना जी रूद्राभिषेक है। हिंदू सनातन धर्म मे रुद्राभिषेक के कई प्रकार एवं विधियोंं का वर्णन है। आवश्यकता अनुसार इन नियमो का पालन किया जाता है।
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शिव पुराण के अनुसार रूद्राभिषेक
शिव पुराण के अनुसार कहा जाता है कि किस द्रव्य से अभिषेक करना चाहिए और उससे क्या क्या फल मिलता है। कहने का तात्पर्य यह है आप जिस कष्ट के उद्धार के लिए अभिषेक करवा रहे उसके लिए कौन-सा द्रव्य का इस्तेमाल करना अच्छा है। निचे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।आप इसी के अनुरूप रूद्राभिषेक करवाए, आपको पूर्ण लाभ मिलेगा।
रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) किन-किन व्स्तुयो से किया जाता है – रुद्राभिषेक – जल, गन्ना, दही, मधु, इत्र, दूध, धी, शहद, गंगा जल, दूध में चीनी मिलाकर, सरसों का तेल, तीर्थ जल आदि से किया जा सकता है।
रुद्राभिषेक कब करना चाहिए – Rudrabhishek Kab Kare
रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का सबसे शुभ समय सावन माह होता है। सावन माह को भगवान शिव जी का महीना भी कहाँ जाता है वैसे तो सावन माह का हर दिन शुभ होता है लेकिन सोमवार का दिन भगवान शिव के समर्पित है। अत: सावन माह मे सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करवाना सबसे शुभ माना जाता है। अगर आप सावन माह से भिन्न रुद्राभिषेक करवाना चाहते है तो पण्डित जी या अन्य धार्मिक गुरु से मिलकर शुभ मुहुर्त निकलवा सकते है।
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रुद्राभिषेक मंत्र – Rudrabhishek Mantra
हिंदू धार्मिक ग्रंथों मे रुद्राभिषेक के कई मंत्र दिये गये है जो निम्न है।
रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं | सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो
रुद्राभिषेक मंत्र – Rudrabhishek Mantra
रूद्र उच्च्यते|| एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः । एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।
सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:।
रुद्रहृदयोपनिषद्
रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।।
यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:।
ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।
यश्च सागरपर्यन्तां सशैलवनकाननाम्।
वायुपुराण
सर्वान्नात्मगुणोपेतां सुवृक्षजलशोभिताम्।।
दद्यात् कांचनसंयुक्तां भूमिं चौषधिसंयुताम्।
तस्मादप्यधिकं तस्य सकृद्रुद्रजपाद्भवेत्।।
यश्च रुद्रांजपेन्नित्यं ध्यायमानो महेश्वरम्।
स तेनैव च देहेन रुद्र: संजायते ध्रुवम्।।
रूद्राभिषेक क्यों कराया जाता है – rudrabhishek Kyo hota hai
रुद्राभिषेक बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि सावन के महिने में कभी भी एक बार रूद्राभिषेक करवाने से घर परिवार के सारे कष्ट दूर होते हैं वैसे तो आप पूरे महीने रूद्राभिषेक करवा सकते हैं पर सावन के महीने में ज्यादा पुन्य प्राप्त होता है । आईए जानते हैं रूद्राभिषेक के फायदे और विधि।
रूद्राभिषेक का फल या महत्व – rudrabhishek ke fayade
रुद्राभिषेक के फायदे: रुद्राभिषेक कराने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। साथ ही सावन माह में रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है और शिव जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। हिन्दू धर्म में शिव जी को रूद्र के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में रूद्राभिषेक करने से ग्रह,दोष रोग कष्ट और पाप मिटते हैं । कहते हैं सच्चे मन से रूद्राभिषेक करवाने से मन की मनोकामना पूर्ण होती है
इस प्रकार सावन माह में रूद्राभिषेक करवाने से जानें अनजाने में होने वाले पाप से भक्तों को जल्द ही छुटकारा मिल जाता है। कहा जाता है कि रूद्राभिषेक करवानें के बाद शिव जी के शुभ आशीर्वाद से सुख समृद्धि धन दौलत,व संतान की प्राप्ति के साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।