गुरु अर्जुन देव का जीवन परिचय (Guru Arjan Dev ji Biography in Hindi)
गुरु अर्जुन देव सिखों के 5वें गुरु थे, इनका जन्म 16 अप्रैल 1563 को अमृतसर के गोइंदवाल मे हुआ था, इन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन धर्म रक्षा और लोगों की सेवा में बलिदान कर दिया। इनके पिता का नाम गुरु रामदास और माता का नाम बीवी भानी था, इनके पिता गुरु रामदास जी सिखों के चौठे गुरु थें। तथा इनके नाना अमरदास सिखों के तीसरे गुरु थे।
- नाम – अर्जुन देव / गुरु अर्जुन देव (Guru Arjan Dev)
- जन्म – 15 अप्रैल 1563, गोइंदवाल, अमृतसर
- पद – सिक्खों के 5वें गुरु
- पिता – गुरु रामदास
- माता – बीवी भानी
- विवाह – 1579
- मृत्यु – 30 मई 1606
गुरु अर्जुन देव की विशेषता :
गुरु अर्जुन देव के अंदर सभी धर्मों के प्रति अथाह प्रेम था, उन्होनें अपना सम्पूर्ण जीवन जन-कल्याण मे व्यतीत किया, वे बहुत शांत व गम्भीर स्वभाव के व्यक्ति थे, जिसके कारण लोग उन्हे अपना गुरु मानते थे, उन्होने ने कई पुस्तकें लिखी है जिसमे अर्जुन देव ने जन-कल्याण, व मानव शांति का संदेश दिया है। सुखमनी साहिब अर्जुन देव की अमर-वाणी है, जिसे लोग आज पाठ करते है। sri guru arjan dev ji
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सुखमनी साहिब क्या है ?
सुखमनी साहिब, गुरु अर्जुन देव द्वारा लिखित एक पवित्र (वाणी) पुस्तक है, जिसे पढने से सुख, शांती, आनंद, प्राप्त होता है, अर्थात सुखमनी साहिब पुस्तक पढने से मनसिक शुध्दिकरण होता है, जिससे जीवन को व्यवस्थिति ढंग से चलाने की प्रेरणा मिलती है, इस वाणी मे व्रजभाषा व सरल शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिसे कोई भी आसानी से पढ कर समझ सकता है।
सिक्खों के दश गुरुयों का नाम – Sikkho ke 10 Guru ka Name
नाम | गुरु बनने की तिथि | जन्म | मृत्यु |
गुरु नानक देव | 20 अगस्त 1507 | 15 अप्रैल 1469 | 22 सितम्बर 1539 |
गुरु अंगद देव | 7 सितम्बर 1539 | 31 मार्च 1504 | 29 मार्च 1552 |
गुरु अमर सिंह | 26 मार्च 1479 | 5 मई 1479 | 26 जनवरी 1620 |
गुरु राम दास | 1 सितम्बर 1574 | 24 सितम्बर 1534 | 1 सितम्बर 1591 |
गुरु अर्जुन देव | 1 सितम्बर 1581 | 15 अप्रैल 1563 | 30 मई 1606 |
गुरु हरगोविंद | 25 मई 1606 | 19 जून 1595 | 19 मार्च 1644 |
गुरु हर राय | 3 मार्च 1644 | 16 जनवरी 1630 | 6 अक्टूबर 1661 |
गुरु हर किशन | 6 अक्टूबर 1661 | 7 जुलाई 1656 | 30 मार्च 1664 |
गुरु तेज बहादुर | 20 मार्च 1665 | 20 मार्च 1665 | 1675 |
गुरु गोबिंद सिंह | 11 नवम्बर 1675 | 11 नवम्बर 1675 | 7 अक्टूबर 1708 |
इस लेख मे हमने सिक्ख धर्म के चौठे गुरु अर्जुन देव (guru arjan dev ji) का जीवन परिचय पढा, तथा सिक्खों के सभी गुरुयों की सूची देखी, यह लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा, कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे-