desh bhakti geet: 5 प्रसिध्द देश भक्ति गीत, आपको जरुर सूनने चाहिये

देश भक्ति गीत / desh bhakti geet

desh bhakti geet

हमारे देश मे हर वर्ष गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती राष्ट्रिय त्योहार के रुप मे मनाये जाते है। इस दिन सभी स्कूलो, कालेजो, संस्थानो व सरकारी दफ्तरो मे झण्डा फहराया जाता है। और राष्ट्रिय गीत, भाषण, अन्य कलाओ का प्रदर्शन किया जाता है। आज हम इस लेख मे देश भक्ति गीत (desh bhakti geet) पढेंगे,

desh bhakti geet: है प्रीत जहाँ की रीत सदा

desh bhakti geet

है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं,
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहां की रीत सदा….

काले गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है…
कुछ और ना आता हो हमें प्यार निभाना आता है…
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया मैं बात
मैं बात वही दोहराता हूं…
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहाँ की रीत सदा

जीते हो किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है…
जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है…
इतने पावन हैं लोग जहां
हो इतने पावन हैं लोग जहां मैं नित नित
मैं नित नित शीश झुकाता हूं
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहाँ की रीत सदा

इतनी ममता नदियों को भी जहां माता कह के बुलाते हैं…
इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं…
उस धरती पे मैंने जन्म लिया
हो उस धरती पे मैंने जन्म लिया ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूं
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहाँ की रीत सदा

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desh bhakti geet: धरती सुनहरी अम्बर नीला

desh bhakti geet: 5 प्रसिध्द देश भक्ति गीत, आपको जरुर सूनने चाहिये

धरती सुनहरी अंबर नीला हर मौसम रंगीला
ऐसा देश है मेरा हो ऐसा देश है मेरा
ऐसा देश है मेरा हां ऐसा देश है मेरा
बोले पपीहा कोयल गाए सावन घिर घिर आए
ऐसा देश है मेरा हो ऐसा देश है मेरा
ऐसा देश है मेरा हां ऐसा देश है मेरा

गेहूं के खेतों में कंघी जो करे हवाएं
रंग बिरंगी कितनी चुनरिया उड़ उड़ जाएं
पनघट पर पनहार जब गगरी भरने आए
मधुर मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाएं
कदम कदम पर है मिल जानी कोई प्रेम कहानी
ऐसा देश है मेरा हो ऐसा देश है मेरा
ऐसा देश है मेरा हां ऐसा देश है मेरा

बाप के कंधे चढ़के जहां बच्चे देखें मेले
मेलो में नट के तमाशे कुल्फी के चाट के ठेले
कहीं मिलती मीठी गोली कहीं चूरन की है पुड़िया
भोले-भोले बच्चे हैं जैसे गुड्डे और गुड़िया
और इनको रोज सुनाए दादी नानी…
रोज सुनाए दादी नानी एक परियों की कहानी
ऐसा देश है मेरा हो.. ऐसा देश है मेरा
ऐसा देश है मेरा हां.. ऐसा देश है मेरा

मेरे देश में मेहमानों को भगवान कहा जाता है
वो यही का हो जाता है जो कहीं से भी आता है
तेरे देश को मैंने देखा तेरे देश को मैंने जाना…
तेरे देश को मैंने देखा तेरे देश को मैंने जाना
जाने क्यों ये लगता है मुझको जाना पहचाना
यहां भी वही शाम है वही सवेरा…
वही शाम है वही सवेरा
ऐसा ही देश है मेरा जैसा देश है तेरा
जैसा देश है तेरा हां जैसा देश है तेरा
ऐसा देश है मेरा हो जैसा देश है तेरा
जैसा देश है तेरा हां जैसा देश है तेरा
ऐसा देश है मेरा हो

26 जनवरी पर भाषण

desh bhakti geet: मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू

मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू

हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ए वतन महफूज मेरे, तुझ पर दिल कुर्बान है
ए वतन महफूज मेरे, तुझ पर दिल कुर्बान है
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, हम वतन हम नाम है
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, हम वतन हम नाम है
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं ईल्जाम है
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लूट रहे हैं आज वो अपने घरों को लूट कर
लूट रहे हैं आज वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलिया
हम जिएंगे और मरेंगे आय वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे

हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

desh bhakti geet: घर कब आओगे

कि घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना सूना है

मोहब्बत वालों ने हमारे यारों ने
हमें यह लिखा है कि हमसे पूछा है
हमारे गांव ने आम की छांव ने
पुराने पीपल ने बरसते बादल ने
खेत खलियानो ने हरे मैदानों ने
बसंती बेलो ने झूमती बेलो ने
लचकती झूलों ने कहकती फूलों ने
चटकती कलियों ने और पूछा है गांव की गलियों ने
कि घर कब आओगे
कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन गांव सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती ही है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे
कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना सूना है

हो… हो….हो… हो….
हो… हो….हो… हो….

कभी एक ममता की प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का वो टीका काजल का
वो लोरी रातो ने वो नरमी हाथों ने
वो चाहत आंखों में वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से मोहब्बत अंदर से
करें वो देवी मां
यही हर खत में पूछे मेरी मां
कि घर कब आओगे
कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन आंगन सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती ही है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे
कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना सूना है।

ये गुजरने वाली हवा

ए गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गांव जा मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गांव में है जो वो गली जहां रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे, उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा उसी घर में है मेरी बूढ़ी मां
मेरी मां के पैरों को छू के तू उसे उसके बेटे का नाम दें

ए गुजरने वाली हवा जरा मेरे दोस्तों मेरे दिलरूबा
मेरी मां को मेरा पयाम दे उन्हें जाकर तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा मैं वापस आऊंगा
घर अपने गांव में खुशी की छांव में
कि मां के आंचल से गांव के पीपल से
किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा

मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
सदा

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