वट वृक्ष की सम्पूर्ण जानकारी – Full Information of Banyan Tree in Hindi
बरगद वृक्ष को “वट वृक्ष” और “बड वृक्ष्य” के नाम से भी जाना जाता है ये आकार मे अधिक बडे होते है, इनके तनो से लटकती जटायें, इन्हे अधिक आकर्षित बनाती है। भारत मे लोग बरगद वृक्ष की पूजा करते है। मान्यता है की बरगद वृक्ष की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
वृक्ष मानव जीवन का एक मुख्य भाग होता है, भारत मे कई प्रकार के ऐसे वृक्ष पाये जाते है, जो आयुर्वेदिक गुणो से भरपूर्ण होते है, बरगद वृक्ष मे भी औषधिय गुण पाये जाते है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ्य व तंदरुस्त रखने मे सहायक होते है।
इस लेख मे हम बरगद के पेड़ (Banyan Tree in Hindi) के विषय मे विस्तार से जानेंगे। और इसके औषधीय व धार्मिक गुणो व फायदो के बारे मे जानेंगे। bargad ka ped
बरगद या वट वृक्ष
बरगद का वृक्ष एक सदाबहार वृक्ष है, जो की हमेशा हरा-भरा रहता है, अन्य वृक्षो के अपेक्षा ये आकार मे अधिक बडे होते है, इनकी पत्तियो का आकार लगभग पीपल के पत्तो के आकार का होता है। इनके टहलियो से लटकते हुये तने इन्हे और आकार्षित बनाती है। बरगद का वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस (Ficus Benghalensis) है।
भारत का राष्ट्रिय वृक्ष – बरगद वृक्ष (वट वृक्ष)
बरगद की पहचान: बरगद का वृक्ष एक स्थलीय द्विबीजपत्री व सपुष्पक वृक्ष है, इसका आकार अन्य वृक्षो के अपेक्षा अधिक होता है, इसकी टहलिया कठोर होती है, इनके तनो से शांखाये निकलर हवा मे लटकती है, जब ये शांखाये मिट्टी को छूने लगती है, तब ये कठोर हो जाती है और बरगद के जड के समान कार्य करने लगती है। इनकी पत्तिया पीपल के पत्तियो के आकार की होती है। बरगद के वृक्ष मे लगे फल छोटे-गोलाकार लाला रंग के होते है, इनके टहनियो को तोडने पर गाढा दूध जैसा पदार्थ निकलता है।
बरगद की आयु: समान्यत: बरगद की आयु 500 से 1000 वर्ष तक की होती है, लेकिन अभी तक इसके आयु का सही पता नही चल पाया है, भारत का सबसे बडा बरगद का वृक्ष कोलकाता के “आचार्य जगदीश चंद्र बोस बाटिनकल गार्डेन“ मे है। जो की 144400 वर्ग मीटर मे फैला हुआ है।
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बरगद के फायदे – Benefits of Banyan Tree in Hindi
बरगद का वृक्ष औषधी गुणो से भरपूर्ण होता है, इसके तनो व पत्तियो के उपयोग से शरीर को स्वस्थ व तंदरुस्त रखा जा सकता है, प्राचीन काल से ही भारत मे पेड-पौधो को जडी-बुटियो के इस्तेमाल मे लाया जा रहा है, वरगद के वृक्ष से स्वास्थ्य फायदे निम्नलिखित है।
- प्रतिरोधक क्षमता बढाये
- डायबिटीज मे मददगार
- बाबासिर मे मददगार
- डायरिया मे सहायक
- डिप्रेशन से बचाव
- नपुंसकता व बाझपन मे लाभदायक
- खाज/खुजली मे सहायक
- बालो व त्वचा के लिये फायदेमंद
- जोडो के दर्द मे मददगार
बरगद वृक्ष के धार्मिक फायदे: भारत जैसे आध्यात्मिक देश मे कई प्रकार के पेड़-पौधो की पूजा की जाती है। इस प्रकार की आस्था मात्रा हिंदू धर्म मे देखा जाता है। हिंदू धर्म के पवित्र वृक्ष कुछ इस प्रकार है- जैसे- नीम, तुलसी, पीपल, बरगद, शनि का पौधा, इत्यादि। Banyan Tree in Hindi
मान्यता है की बरगद वृक्ष की पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, अक्सर विवाहित महिलाये अपने पति के लम्बी उम्र के लिये वट वृक्ष की पूजा करती है। अधिकतर गावो मे बरगद वृक्ष के नीचे मंदिर, या भगवान की प्रतिमा मिल जाती है, जहाँ लोग रोजाना पूजा करते है।
बरगद वृक्ष को त्रिमूर्ती का प्रतीक माना जाता है, धार्मिक मान्यता के अनुसार बरगद वृक्ष के जड मे ब्रम्हा तथा तने मे भगवान विष्णु, पत्तियो मे भगवान शिव का वास होता है। हिंदू धर्म मे वट वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्ष माना जाता है, मान्यता है की वट वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान शिव तपस्या करते थे, तथागत बौध्द धर्म के संस्थापक गौतम बुध्द जी को बरगद वृक्ष के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ती हुई थी, बौध्द धर्म मे इसे बोध वृक्ष कहाँ गया है।
बरगद वृक्ष के 10 रोचक तथ्य – 10 Facts about banyan tree in Hindi
वट वृक्ष की रोचक जानकारी (Facts on Banyan Tree in Hindi)
- बरगद या वट वृक्ष भारत का राष्ट्रिय वृक्ष है।
- बरगद का वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस (Ficus Benghalensis) होता है।
- बरगद का वृक्ष औषधी गुणो से भरपूर्ण होता है।
- बरगद व पीपल वृक्ष को हिंदुयो मे पवित्र वृक्ष माना जाता है।
- दुनिया का सबसे बडा बरगद का वृक्ष “आचार्य जगदीश चंद्र बोस बोंटेनिकल गार्डेन” मे है।
- वट वृक्ष को 1950 ई० मे भारत का राष्ट्रिय वृक्ष घोषित किया था।
- बरगद बहुवर्षिय व सपुष्पक वृक्ष होते है।
- बरगद के पेड़ मे छोटे व गोले आकार के लाल फल लगते है।
- बरगद का वृक्ष पूरे भारत मे पाया जाता है।
- बरगद वृक्ष को वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
FAQ- लोगो ने पूछा
प्रश्न- बरगद को अग्रेजी मे क्या कहते है।
उत्तर- Banyan Tree (बनयान ट्री)
प्रश्न- बरगद का सबसे बडा पेड कहाँ है?
उत्तर- बरगद का सबसे बडा वृक्ष कोलकाता के “आचार्य जगदीश चंद्र बोस बोंटेनिकल गार्डेन” मे है
प्रश्न – बरगद वृक्ष मे कौन से देवता का वास होता है?
उत्तर- बरगद वृक्ष को त्रिमूर्ती कहाँ जाता है, अर्थात इस वृक्ष मे ब्रम्हा,विष्णु व महेश का वास होता है।
प्रश्न – बरगद वृक्ष को भारत का राष्ट्रिय वृक्ष कब बनाया गया।
उत्तर- 1950 ई० मे
प्रश्न- बरगद वृक्ष का वैज्ञानिक नाम क्या है।
उत्तर- Ficus Benghalensis
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