महाभारत का इतिहास जाने (रचयिता, श्लोको की संख्या, अन्य नाम आदि)

भारतीय हिन्दू धर्म का प्रमुख एवं पवित्र काव्य ग्रन्थ महाभारत है। इसके रचयिता महर्षि वेदव्यास जी है जिसमें कुरुक्षेत्र मे हुये महायुद्ध की कथा बताई गई है

महाभारत मे आपको पांडवों की वनवास, भीम और दुर्योधन के बीच महायुद्ध, लक्षगृह का निर्माण, द्रौपदी का चीरहरण और दुर्योधन के विनाश आदि की कथा शामिल है। साथ ही इस सम्पूर्ण कथा में प्रेम, विश्वास, कर्तव्य, धर्म और न्याय जैसे आदि विषयों का सम्पूर्ण सार है।

महाभारत चित्र

नमस्कार दोस्तों क्या आप जानते हैं कि सम्पूर्ण महाभारत में कितने श्लोक हैं? कहा जाता है कि वेदव्यास ने महाभारत की रचना बद्रीभूमि उत्तराखण्ड में की थी। जब महाभारत को अन्तिम रूप दिया गया तो इसमें एक लाख श्लोक हुए। अर्थात महाभारत में एक लाख श्लोक हैं। इसी कारण महाभारत को लक्षसंहिता अथवा शतसाहस्त्रीसंहिता भी कहा जाता।

महाभारत के रचयिता कौन है?

महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी है। जो हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धर्मग्रन्थ है। इसी के साथ ये विश्व की सबसे लम्बी साहित्यिक ग्रन्थ एवं महाकाव्य भी है । इसकी रचना के साथ ही एक सवाल अक्सर ये भी पूछें जाते है की महाभारत में कितने श्लोक हैं। जिसके बारे में कही सारे रोचक तथ्य और कथाये जुड़ी है।

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महाभारत में कितने श्लोक हैं ।

महाभारत जिसे की हम ‘जय संहिता’, ‘भारत’ और ‘महभारत’ के नाम से भी जानते है। माना जाता है वेदव्यास जी को पूरी महाभारत रचने में 3 वर्ष का समय लगा था जिसमे वेदव्यास जी ने पहले 1,00,000 श्लोकों से ‘भारत’ ग्रंथ की रचना की थी। जिसमे उन्होंने भारतवंशियों के साथ-साथ कई महान ऋषियों, राजाओं और धार्मिक उपाख्यान भी जोड़े।

महाभारत का सबसे पुराना नाम जय संहिता था इसके बाद महाभारत का दूसरा नाम भारत था। अंत में इन दोनों को मिलाकर के महाभारत नाम पड़ा।

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महाभारत के तीन नाम

वर्तमान में पूरी दुनिया में जो महाभारत ग्रंथ इतना प्रसिद्ध है। शायद ही कुछ लोगों को इसके बारें में पता हो कि महाभारत से पहले भी दो जय व भारत ग्रंथ लिखे गये थे जिनसे कि सम्पूर्ण महाभारत की रचना हुई। महाभारत के तीन भाग निम्नलिखित हैं।

महाभारत के तीन भाग

  • महाभारत का पहला भाग- जय संहिता
  • महाभारत का दूसरा भाग- भारत
  • महाभारत का अन्तिम भाग- महाभारत

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महाभारत मे श्लोको की संख्या

मूल महाभारत के तीन भाग थे लेकिन इस समय महाभारत का अन्तिम रूप महाभारत ही सर्वप्रसिद्ध है। तो आइये, अब इन तीनों भागों की श्लोक संख्या व रचयिता के बारें में जानते हैं।

  • भाग 1 – जयसंहिता 8,800 श्लोक
  • भाग 2 – भारत 24,000 श्लोक
  • भाग 3 – महाभारत 1,00000 श्लोक

महाभारत का इतिहास

वेदव्यास जी ने 24,000 श्लोकों के साथ ‘भारत’ काव्य की रचना की जिसमे उन्होंने केवल भारतवंशियों के चरित्रों से संबंधित विषय लिखे, इस संस्करण को अक्सर आज हम टेलीविशन प्रोग्राम में महाभारत के रूप में देखते है। जो की सम्पूर्ण महाभारत का एक भाग मात्र है।

जिस समय काव्य की रचना हुयी उस समय इसे से सिर्फ ‘भारत’ के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम ‘महाभारत’ पड़ा जिसके साथ एक कथा जुड़ी है माना जाता है एक समय पर देवताओं ने ‘भारत ग्रंथ’ और अन्य चार ‘वेदों’ की तुलना करने की सोची जिसके लिए उन्होंने तराजू के एक तरफ ‘भारत’ ग्रंथ को और दूसरी और चारों ‘वेदों’ को रखा। तुलना में ‘भारत’ ग्रंथ, चारों वेदों से अधिक भारी निकला जिसके फलस्वरूप इसकी इसी महानता को देखते हुए देवताओं ने इसे ‘महाभारत‘ नाम दिया।

महाभारत के श्लोकों की बात करे तो रचना के बाद इसमें कहि बदलाव हुए पहले के समय में ऋषि वैदिक ग्रन्थों को मौखिक रूप से याद करके उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचते थे। पीढ़ी दर पीढ़ी गुजरने से महाभारत में कही अवस्थाएं पायी गयी है पीढ़ी दर पीढ़ी इसमें कही अन्य श्लोक भी जुड़ते रहे। फलस्वरूप वर्तमान समय में पूरे महाभारत में लगभग 1,10,0000 श्लोक हैं।

महाभारत के रचयिता कौन है?

महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी है।

वर्तमान मे महाभारत मे कितने श्लोक है?

वर्तमान मे महाभारत मे कूल 110000 श्लोक है।

महाभारत का मूल नाम क्या था?

महाभारत का मूल नाम जय संहिता है।

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