“आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की” भजन भगवान श्री कृष्ण जी का भजन है। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा मे हुआ था। इन्हे गिरिधर, कान्हा, कन्हैया, लल्ला, बंसीधर, मुरलीधर, कुंजबिहारी आदि नामोंं से जाना जाता है। इस भजन का रोजाना पाठ करने वाले मनुष्य का जीवन सुखमय होता है।
आरती कुंज बिहारी की – Aarti Kunj Bihari ki lyrics in Hindi
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलालागगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलकचंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की.
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंज बिहारी की॥चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू , चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद। टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंज बिहारी की ॥आरती कुंज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जय श्री कृष्णा
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
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आरती कुंज बिहारी की अंग्रेजी में
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Gale Mein Baijanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala
Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Anand Nandlala
Gagan Sam Ang Kanti Kali, Radhika Chamak Rahi Aali
Latan Mein Thadhe Banamali; Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak;
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Kanakmay Mor Mukut Bilse, Devata Darsan Ko Tarse
Gagan So Suman Raasi Barse; Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwaalin Sang;
Atual Rati Gop Kumaari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga, Kalush Kali Haarini Shri Ganga
Smaran Te Hot Moh Bhanga;Basi Shiv Shish, Jataa Ke Beech, Harei Agh Keech;
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Chamakati Ujjawal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Benu
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu; Hansat Mridu Mand, Chandani Chandra, Katat Bhav Phand;
Ter Sun Deen Bhikhaaree Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Hi Shri Girdhar Krishna Murari Ki
इस लेख मे हमने भगवान कृष्ण जी की आरती “आरती कुंज बिहारी की” जी का पाठ किया, यह पाठ या चालीसा करने वाला मनुष्य सुखी व समृध्दपूर्ण जीवन व्यतीत करता है। आरती का पाठ प्रात: काल स्नान करके भगवान कृष्ण के समक्ष पूर्व दिशा मे पाठ किया जाता है।
रोजाना भगवान कृष्ण की उपासना या पाठ करने से मन शांत होता है, कृपया ध्यान दे- पूजा या पाठ करने के लिये धूप अगरबत्ती का ही प्रयोग करें, पढे- अगरबत्ती का सुगंध हानिकारक हैं, पूजा मे ना करें इस्तेमाल, धूप अगरबत्ती है इसका उपाय