निषाद जाति मे कितनी जातिया आती है, सूची – Nishad Jatiyo ki Suchi
निषाद जाति भारत में रहने वाले सबसे अधिक जातियों में से एक है, निषाद जाति की जनसंख्या उत्तर भारत के राज्यों मे सबसे अधिक है, जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इत्यादि, भारत में जातियों को 4 श्रेणी में बाटा गया है, जिसमें से निषाद जाति अन्य पिछडी जाति (OBC) में आते है
निषाद जातियों की सूची ( Nishad Jatiyo ki Suchi)
उत्तर प्रदेश | निषाद, बिन्द, कहार, केवट, मल्लाह, मांझी, कश्यप, धींवर, धीवर, खरवार, गोंड, गरीवा, गुरिया, राज गोंड, मझवार, बाथम, झीमर, खैरवार, खिरवार, गोडिआ, झींवर, झिर, धीमर, रैकवार, केओट, तुरैहा, झीर, झीवर, नोनिया,आदि |
बिहार | बिन्द, बाथम, निषाद, कहार, मांझी, मझवार , तियार, नोनिया, धीवर, मल्लाह,धीमर, गोडिआ , गोंड, गरिया , गुरिया, राज गोंड, केवट, खरवार, खैरवार, खेरवार, खागी, कैइबर्ता , आदि |
कर्नाटका | कब्बालीगा, सेफलीगा, खारवी, सूटकुला, मिनुगरा, मनिगरा, थोरैया, मोगावीरा, वैयेकुला क्षत्रिय यांनेकपू, वांने रेड्डी, पल्ली कापू , कोरच, सीवीआर, मुककूवेना, बेस्ता, बेस्टर मुक्कुवारे, बरिकार, मार्कुला, भोई, मोगरा, भीष्मकुला, मेलेन्टा, गंगापुत्र, मड्डेरा, गंगाकुला, मछिदा, तार मढ़ना, मक्कालू, माछीमार, पल्ली रेड्डी, भरिका, गौरीमाता, मछला, गंगारसुर, गोनी, काड़ा, गोंड, राज गोंड, मुदिराजा, गंगामैथू, नायका, हरिकांथ्रा नायकारा, सीवियर, जलागेरा, नायक, कब्बेर, कब्बेरा, नीरगंथी, बुँदे बेस्टर मुकायर,नालेकेरा, कोली परिवारा, पारेवर, काहर,सोनगरा, सुनागरा , आदि |
मेघालय | झालो, कैबर्ता,जलिया , नामसुद्र, पटनी, भोई, आदि |
मणिपुर | नामसुद्र, पटनी, आदि |
महाराष्ट्रा | निषाद, मल्लाह, भोई, केवट, खरवार, खैरवार, मछेन्द्र, मछवा, मांझी, गोंड, राज गोंड, धींवरभोई, खादिभोई, कोल्हा कोल्चा, कोल्गा, कीरत, कीर, टिंडेल, खासेभोई, झींगाभोई, परदेशी भोई, राज भोई, धीवर, धीमर, कोलीढोर, टोकरेकोली, कहार, धुरिआ, गोडिआकहार, गोंडकाहर, महादेवकोली, मल्हारकोली, डोंगरकोली, पालेवर, मल्हार, आदि |
आंध्रप्रदेश | गंगापुत्र, गंगवार, गूंदला, जलारी, कोरचा, जलक्षत्रीय, वैयेकुला क्षत्रिय यांनेकपू, वांने रेड्डी, क्षत्रिय अंगीकुला, वड्डी, पल्ली कापू , बेस्ता, बेस्तर, नय्याला, पट्टपा, पाली, वडवालीजा पल्ली रेड्डी, आदि |
हरियाणा | कश्यप, बिन्द, धीमर, कहार, झींवर, मल्लाह, झीमर, झीवर, झिर, आदि |
केरल | मुक्कुवा, मुकाया, भोई, मुलाया, आरवाथीमल आर्य , घेवरा, मीनूगारा, आर्य वाला, मनीगारा, मोगेरा, आदि |
जम्मु कश्मीर | धीमर,कहार, झींवर, मल्लाह, झीमर, कश्यप, झीवर, झिर, आदि |
असम | मल्लाह,नामसुदरा, काइबरता, पटनी, मालो, भोई, मालाकार, कोटल, आदि |
मध्यप्रदेश | मल्लाह, बिन्द, माझी, मझवार , केवट, खरवार, खैरवार, खेरवार, कीर, बाथम, कहार, निषाद, रैकवार, धीमर , धीवर , देवर, झींगा, तुरहा, तुरह, तुरैहा, तुरईहा, भोई, गोडिआ , गोंड, गरीवा , गुरिया, राज गोंड, तियार, आदि |
गुजरात | मल्लाह, मल्हार, मछेन्द्र, मछवा, निषाद, भोई, धींवरभोई, कहार, खादिभोई, खासेभोई, झींगाभोई, परदेशी भोई, राज भोई, कहार, धुरिआ, गोंदिया कहार, खैरवार, कोल्चा, कोल्गा, टोकरेकोली, कीरत , कीर, केवट, टिंडेल, पालेवर, आदि |
हिमांचल प्रदेश | धीमर, मल्लाह, झीवर, कश्यप, झीमर, कहार, झिर, झींवर, आदि |
पंजाब | कहार, मल्लाह, बिन्द, धीवर, झीमर, झींवर, झिवर, झिर, झीर, आदि |
त्रिपुरा | कहार, नामसुद्र, केवट, जलकैबता, पटनी, आदि |
तमिलनाड्डु | बोस्तां, पारावार, मीनेवार पर्थराजा, मुकायार, परिवरा,पट्टणावर, कुलम, बोस्टर, नारिकांथ्रा, मुक्कावर, खारवी, कब्बेर,सीवियर, सीवीआर, कब्बेरा, मीनूगारा, मनिगरा, मुक्कुवार, आदि |
राजस्थान | मल्लाह, मझवार, रैकवार, कोली, ढोर, टोकरे कोली, केवट, झीमर, धीमर, भोई, गोंड, कहार, झींवर, गोडिआ, गरिया, गुरिया, राज गोंड, झीर, कीर, माझी, कोल्चा, कोल्गा, आदि |
मिजोरम | जलिया, नामसुद्र, मालो झालो मलो, झालो, कैबर्ता, पटनी, भोई, आदि |
ओडिसा | धीवर, केवट, तइयार, कोली मल्हार, भोई. गोंड़ो भोई, गोंड, नामसुद्र, खरवार, खैरवार, जैलिया, जालिया, मलो झालो, माला, कैबर्ता, नामदास, आदि |
पश्चिम बंगाल | मल्लाह, मेटा, पटनी, केवट, कदम, कोला खरवार, चेन, दुलेय, देवर, धीवर, बाँध, बेदी, चैना, धींवर, गोंड, गुररही, गोंटी, झालो मलो, कैबर्ता, खैरवार, सर्दिआ , आदि |
दिल्ली | निषाद, धीमर, मल्लाह, तुरैहा, तुरईहा, कश्यप, बिन्द , धींवर, कहार, झिमर, धीवर, केवट, केओट, गोडिआ, झिंवर, झीवर, झिर, गोंड गरिया, गुरिया, राज गोंड, बाथम, झीर, आदि |
निषाद जातियों की सूची PDF
निषाद जाति की उत्पत्ति
निषाद जाति का इतिहास बहुत पुराना है, माना जाता है की श्री राम भगवान को निषाद ने ही अपनी नाव में बैठा कर नदी पार कराई थी, निषाद जाति का उल्लेख हिंदू धर्म के ग्रंथों में वर्णित है इसका अर्थ यह है की निषाद जाति प्रभु श्री राम के समय के है। और ये जातियाँ भारत की मूल निवासी है।
निषाद जाति भारत के सभी राज्य में अलग- अलग नाम से जानी जाती है, निचे दिये गये श्रेणी से हम जान पायेंगे की निषाद जाति किस राज्य में किस- किस नाम से जानी जाती है।
निषाद जाति की ज्यादा तर जातिया नदियो के किनारे रहती है, जैसे- मल्लाह, मछुहारा, केवट इत्यादि, इनका मुख्य व्यवसाय मछली मारना व मछली पालन माना जाता है,
सूचना:- अगर आप के पास निषाद जाति की जानकारी है तो हमे अपना सुझाव अवश्य दे, ताकी लोगो को निषाद जाति के अधिक जानकारी मिल सके। इस साइट पर निषाद जाति की जानकारी अलग-अलग वेब साइट , किताब और सोशल मीडिया से एकत्रित की गई है, जिसका श्रेय उनके मालिक को जाता है,
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Cenari
Nandini Nishad
Bind batham Nishad kahar taiyar mala dhimar gudiya gold gudiya gudiya rajya kashyap
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