छोटे बच्चों की कविता – Chhote Bacchon ki Poem
बच्चों को कवितायें पढना बहुत पसंद है। क्योकी कवितायें जल्दी याद होती है तथा उन्हे गाकर पढना पडता है, अधिकांश बच्चों को अन्य विषयो मे कोई रुचि नही रहती, वह विद्यालय व घर पर सिर्फ कवितायें पढने के लिये किताब खोलते है। और उन्हे एक दुसरे सुनाते रहते है।
आज हम इस लेख मे बच्चों की सबसे प्यारी कविता (Bacchon ki Poem) ” दो चूहे थे मोटे – मोटे और चुन्नू मुन्नू दो भाई थे आदि कविता का संग्रह लाये है। कृपया अपने बच्चों को थोडा समय दे, और इन कवितायों को गाकर कर सुनाये।
चिड़िया रानी, चिड़िया रानी (Chidiya Rani Chidiya Rani)
चिड़िया रानी, चिड़िया रानी
ची ची ची करके गीत सुनाती
सब बच्चों के मन को भाती
फुदुक-फुदुक के सैर लगाती
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
इतना हमसे हो क्यू शर्माती
पास जाओ तो दूर भगाती
पल भर मे गायब हो जाती।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
तुम हो गई हो बडी सयानी
फुदुक-फुदुक के गीत सुनाती
मेरे मन को हो तुम भाती
Bacchon ki Poem
इन्हे भी पढे
दो चुहे थे मोटे – मोटे कविता (do chuhe the mote mote the)
दो चूहे थे , मोटे -मोटे थे
छोटे छोटे थे ,
वो तो खा रहे थे
बिल्ली ने देखा बोली में भी आऊंगी
ना मौसी ना तुम आओ
हमे मार डालोगे
पूँछ काट डालोगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
दो चूहे थे ,
मोटे -मोटे थे
छोटे छोटे थे ,
दूध पी रहे थे
बिल्ली ने देखा बोली में भी आऊंगी
नाह मौसी ना तुम आओ
हमे मार डालोगे
पूँछ काट डालोगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
दो चूहे थे ,
मोटे -मोटे थे
छोटे छोटे थे ,
वो तो तैर रहे थे
बिल्ली ने देखा बोली में भी आऊंगी
नाह मौसी ना तुम आओ
हमे मार डालोगे
पूँछ काट डालोगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
दो चूहे थे ,
मोटे -मोटे थे
छोटे छोटे थे ,
वो तो उड़ रहे थे
बिल्ली ने देखा बोली में भी आऊंगी
नाह मौसी ना तुम आओ
हमे मार डालोगे
पूँछ काट डालोगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
हम तो नहीं आएंगे, हम भाग जायेंगे
Bacchon ki Poem
तितली पर कविता – Titali Par Kavita
तितली रानी तितली रानी
तुम गई हो बडी सयानी
इधर उधर तुम घूमती रहती
फूलो पर झूमती रहती
मेरे घर भी आओ ना
हम से भी बतियाओना
दूसरी कविता- तितली उडी, बस पर चढी (Bacchon ki Poem)
तितली उडी, बस पर चढी
सीट नही पाई, रोने लगी
ड्राइवर बोला, आओ मेरे पास,
तितली बोली हट बदमास
इन्हे भी पढे
चुन्नू मुन्नू थे दो भाई कविता – Chunnu Munnu thhey do Bhai Kavita
चुन्नू मुन्नू थे दो भाई,
रसगुल्ले पर हुई लड़ाई,
चुन्नू बोला मैं खाऊंगा,
मुन्नू बोला मैं खाऊंगा,
झगड़ा सुन कर मम्मी आई,
दोनों को एक चपत लगाई..
कभी न लड़ना – झगड़ना,
आपस में तुम मिलकर रहना |
आलू कचालू बेटा कहाँ गये थे कविता – Aloo kachaloo Kavita
आलू कचालू बेटा कहाँ गये थे।
बंदर की झोपडी मे सो रहे थे
बंदर ने लात मारा रो रहे थे।
मम्मी ने लड्डू दिया हस रहे थे।