कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga ) क्या है, अभ्यास, फायदे और नुकसान जाने
योगा एक ऐसी साधना है। जिसके माध्यम से जीवन के उच्चतम स्तर तक पहुंचा जा सकता है। इस योग प्रक्रिया के माध्यम से मनुष्य मानसिक व शारीरिक दोनो रुपो से स्वस्थ्य होता है। जो सम्पूर्ण जीवन के आनंद मे अहम भूमिका निभाता है। हमारा भारत देश विश्व मे योग गुरु के नाम से पहचाना जाता है। क्योकी पूरे विश्व को भारत ने योग सीखाया है। योग के अभ्यास व फायदे बताये गये है।
योग के कई प्रकार है तथा सभी प्रकारो के भिन्न-भिन्न अभ्यास है। आज हम इस लेख मे कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga) के बारे मे विस्तार से जानेंगे। साथ इस योग के अभ्यास व फायदे के विषय मे भी जानेंगे।
कुंडलिनी योगा क्या है ? (Kundalini yoga kya hai)
“कुंडलिनी योग” सबसे शक्तिशाली योगो मे से एक है। योग विद्या के अनुसार हर मनुष्य के मेरुदंड (Backbone) के नीचे एक ऊर्जा संग्रहीत होती है, जिसे आप नीचे के चित्र मे देंख सकते है। इस उर्जा के जाग्रत होने से मनुष्य को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
कुंडलिनी योग मनुष्य के चेतन मन के विस्तार से सम्बंधित है। इस योग का लाभ लेने के लिये मनुष्य को शरीर के 7 चक्रों को जगाना होगा। जो सम्भवत: सामान्य मनुष्य व बिना गुरु के जगाना असंम्भव है। आपको बता दू कुंडलिनी योग, योग के सबसे खतरनाक स्वरूप में पहचाना जाता है। यह योग अन्य योगो से अधिक शक्तिशाली व खतराक दोनो है। आइये विस्तार से जाने।
कुंडलिनी का अर्थ
कुंडलिनी शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। जिसका तात्पर्य गोलाकार या कुंडलाकार आकार से है, जो की सांप के कुंडली बनने जैसा है। यह योग भक्ति योग, राज योग और शक्ति योग का मिश्रण है।
इस योग को जागृत करने के लिये नियमित रुप से प्राणायाम, आसनों, मुद्राओं बंध, क्रियाओं, और मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मेरा सुझाव है की इस योग विद्या का अभ्यास करने से पूर्व सम्पूर्ण जानकारी, महान गुरु की मदद अवश्य ले।
कुंडलिनी योग के फायदे – Benefits of Kundalini Yoga
कुंडलिनी योग के लाभ–
- कुंडलिनी योग करने से शरीर उर्जावन होता है
- कुंडलिनी योग मानशिक व शारिरीक दोनो प्रकार से शरीर को मजबूत बनाता है।
- इस योग से चिंता व तनाव जैसी गंम्भीर समस्ये खत्म हो जाती है।
- कुंडलिनी योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है।
- कुंडलिनी योग करने से शरीर मन मे सकारात्मक विचार उत्पन्न होते है।
- यह योग आपके जीवन को अकल्पनीय तरीके से बदल सकता है।
- कुंडलिनी योग आपके जीवन को उच्चतम स्तर तक ले जाने मे मदद करता है।
- कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga) करने से व्यक्ति किसी कार्य को चेतन की अवस्था मे करता है।
- इस योग को करने से मनुष्य स्वयं के जीवन को संतुलित कर सकता है।
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कुंडलिनी योग के नुकसान –
कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga) जितना अधिक शक्तिशाली है उतना ही अधिक विनाशकारी भी है। यह एक आयाम की तरह है। जब तक हम इस आयाम के लिये पूर्णरुप से मजबूत नही हो जाते तब तक यह विनाशकारी है। या यू कहे जब तक हमारे अंदर इस शक्ती को सम्हालने के लिये क्षमता उत्पन्न नही हो जाती, तब तक यह हमारे लिये घातक साबित हो सकता है।
कुंडलिनी को जाग्रत करने के लिये आपको अपने शरीर, मन और भावना के स्तर पर जरूरी तैयारी करनी होगी, क्योंकि अगर आप बहुत अधिक वोल्ट की सप्लाई एक ऐसे सिस्टम (शरीर) मे कर दें जो उसके लिए तैयार नहीं है तो वह सब कुछ जल कर राख कर देगा ।
सद्गुरु
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इस लेख मे हमने कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga) के विषय मे जाना, जिसकी जानकारी सोसल मीडिया, साइट्स और पुस्तको से एकत्रित की गई है। हमारा सुझाव है की इस योग / आसन को करने से पूर्व अधिक जानकारी एकत्रित करले, तथा इस योग के अभ्यास के लिये किसी महान योग गुरु के शरण मे जाये।
यहाँ पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। इस योग से जुडे क्रियाकलापों को करने से पूर्व किसी महान योग गुरु की शरण अवश्य ले।