भारत त्योहारों का देश है. यहाँ हर माह कोई न कोई त्योहार या उत्सव होता है तथा सभी प्रकार के त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाएं जातें हैं. उसी में से एक है हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat) ,जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. यह त्यौहार कठिन व्रतों में से एक है मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत का विधि विधान से पूजा पाठ करती हैं भगवान शिव उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। आइए तीज व्रत को समझें।
हरतालिका तीज – Hartalika Teej 2023
भादव मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को तीज का व्रत रखा जाता है। इसे हर तालिका तीज के नाम से जाना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करतीं हैं और तीज व्रत की कथा सुनती है। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है।
मुख्यरुप से यह त्योहार सुहागिन महिलाओ के लिये है। इस दिन सभी सुहागन महिलाएं व्रत रख कर अपने पति की लम्बी आयु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती है।
2023 में हरतालिका तीज कब है? – hartalika teej kab hai 2023
Hartalika Teej 2023 Date: हिन्दू कलेंडर के अनुसार हर तालिका तीज 17 सितम्बर 2023 दिन रविवार को पड़ रही है। यह तिथि 17 सितम्बर को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू होकर 18 सितम्बर सोमवार को दोपहर में 12 बजकर 39 मिनट पर समाप्त हो जायेगी। ऐसे में हर तालिका तीज 18 सितम्बर को मनाईं जायेंगी। क्योंकि वेदों में उदयातिथि का मान्य होता है।
मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत करने से अखण्ड सौभाग्य होने का फल मिलता है। जो महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर विधि विधान से पूजा पाठ करती हैं उन्हें सदा सुहागन व अखण्ड सौभाग्य होने का यश प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहां जाता है कि हरतालिका तीज व्रत निर्जला उपवास रख कर विधि विधान से पूजा पाठ करने से मन चाहा फल मिलता है आइए इसका पूजा का मुहूर्त एवं विधि जाने।
हरतालिका तीज का पूजा मुहूर्त 2023 – hartalika teej puja
Hartalika Teej Muhurt: 18 सिंतबर को हरतालिका तीज है कहते हैं तीज के व्रत में भगवान शिव का तीनों पहर पूजा की जाती है। पूजा के लिए तीनों पहर का शुभ मुहूर्त जाने।
- सुबह में पूजा करने का समय – 6 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है।
- दोपहर में पूजा करने का समय – 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक है।
- शाम को पूजा करने का समय – 3 बजकर 19 मिनट से शाम 7 बजकर 51 मिनट तक है।
आप अपनी सुविधानुसार हरतालिका तीज की पूजा कर सकती हैं। कई स्थानों पर दोपहर बाद माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है।
हरतालिका तीज का महत्व – hartalika teej ka mahatva
Hartalika Teej kyu Manaya jata hai: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि हरतालिका तीज का संबंध माता पार्वती से है । ऐसा माना जाता हैं कि माता पार्वती शिव जी से विवाह करना चाहतीं थीं पर उनके पिता दक्ष उनसे नहीं कराना चाहते थे। तब उनकी सहेलियों ने माता को घने जंगल में छिपा दिया, वहां माता पार्वती ने कठोर तपस्या से शिव को प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप उनका विवाह हुआ इसलिए कुआरी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए हर तालिका चीज व्रत रखती है। इसके अलावा सुहागन महिलाएं अखण्ड सौभाग्य के लिए व सन्तान और पति की लम्बी आयु के लिए हरतालिका तीज व्रत रखती है।
हरतालिका तीज व्रत के नियम – hartalika teej vidhi
- हर तालिका तीज व्रत में पानी तक भी नहीं पिया जाता है।
- हर तालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है।
- तीज व्रत रखने वाले महिला को बीच में छोड़ना नहीं चाहिएं।
- हरतालिका तीज व्रत मे रात में जागकर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना के बाद भजन करना चाहिए
- तीज व्रत के दौरान महिलाओं को क्रोध करनें से बचना चाहिए।
- सूतक लगने या फिर मासिक के दौरान महिलाएं पूजा पाठ नहीं कर पातीं। तो उनके लिए व्रत रखना और कथा सुनना चाहिए
- शिव पार्वती की पूजा तीनों टाइम विधि विधान से करना चाहिए।
हरितालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat) हिंदुओ का प्रमुख त्योहार है मुख्यरुप से यह त्योहार सुहागिन महिलाओ द्वारा मनाया जाता है. मान्यता है कि सर्वप्रथम इस त्योहार को माता पार्वती जी ने भगवान शिव को वर के रुप मे प्राप्त करने के लिये किया था। तभी से यह व्रत प्रथा हिंदू धर्म मे विद्यमान है मान्यता है कि जो महिलाये हरितालिका तीज व्रत का त्योहार पूरे विधि-विधान से मनाती है उनकी सारी मनोकामनाये पूर्ण होती है उनके पति की आयु लम्बी एवं जीवन सुखमय होता है।