नशा मुक्ति पर निबंध: नशा एक अभिशाप है. जो भारतीय समाज मे व्यापक रुप से पाया जाता है. किसी भी देश के लिए जनता का स्वस्थ रहना, उसके विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि वहां की जनता मुख्यत: युवा पीढ़ी ग़लत रास्ते पर चलने लगें तो देश कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिस तरह से हमारे भारत देश की युवा पीढ़ी नशे की लत से जूझ रहा हैं इससे पूरे देश का भविष्य खतरे मे है। क्योकि नशीले पदार्थ व्यक्ति को अन्दर से खोखला कर देते हैं।
आपको मालूम होगा कि, पृथ्वी पर मानव ही सबसे बुध्दिमान व ताकतवर है और यह अपने जीवन को व्यवस्थिति बनाने के लिये हर सम्भव प्रयास करता हैं. लेकिन लोगों को सही शिक्षा न मिलने के कारण वो कम उम्र में ही नशा जैसे अन्य शारीरिक दुषप्रभाव के शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशा के लत मे जीवन खराब कर लेते है, आज इस लेख में हम नशा मुक्ति पर निबंध पढेंगे, जानेंगे की मनुष्य को नशा से कैसे दूर किया जाये।
नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में – Nasha Mukti Par Nibandh
नशा मुक्ति पर निबंध : नशा स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है यह हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है यह कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का एक मुख्य कारण हैं इसके सेवन से हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ अपना घर बना लेती है, जो धीरे-धीरे करके पूरे शरीर को नष्ट कर देती है, और फिर मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।
नशा का सेवन करना अर्थात स्वयं के मृत्यु का कारण बनना है। यह विश्व के सबसे गम्भीर बीमारियो मे से एक है। जो दिन-प्रतिदिन भारतीय समाज मे बढती जा रही है। खासकर भारत के युवा लोग अधिक नशा मे ग्रस्त है।
लोगो को नशा से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना, तथा इसके सेवन से बचने के उपायो के लिये, हर वर्ष 31 मई को तम्बाकू दिवस मनाया जाता है। एक सर्वें से यह पता चला की 35% भारतीय किसी न किसी नशा का प्रयोग करते है। इनमें 47% मनुष्य तो 20% से अधिक महिलायें भी शामिल हैं।
नशा से उत्पन्न बीमारियाँ: विशेषज्ञों का मानना है की नशा करने वाले मनुष्य की आयु घटती है, इसके सेवन से दांत, आंख, मुह, व फेफडों पर बुरा असर पडता है, क्योंकि तम्बाकू जैसे नशा का सेवन मुह के द्वारा किया जाता है इसलिये ये पहले मुह को प्रभावित करता है, जहाँ मुह के कैंसर, दांत गिर जाना जैसी गम्भीर बीमारियाँ पहले उत्पन्न होती है।
तम्बाकू में पाये जाने वाला निकोटिन ब्लड प्रेशर को भी बडाता है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, जैसी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। अर्थात नशा हमारे लिये पूर्ण रुप से विनाशकारी है।
महिलाओं पर नशा का असर: नशा तो सभी व्यक्तियो के लिये हानिकारक है। चाहे वो पुरुष हो या स्त्री यह सभी को ग्रसित कर सकता है। लेकिन नशा महिलाओं के सम्पूर्ण जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर सकता हैं इसके सेवन से महिलाओं में ‘गर्भपात की दर’ नशा मुक्त महिलाओं से 15 फिसदी अधिक होता है.
इसके सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा, फेफडो में कैंसर, सांस की बीमारी, निमोनिया, माहवारी से जुडी समस्या, तथा प्रजनन सम्बंधी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। जो उनके सम्पूर्ण जीवन को मिटा सकती है। – सतत् विकास है? और क्यों है जरुरी
नशा मुक्ति अभियान निबंध (Nasha Mukti abhiyan nibandh Hindi)
नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में । नशा पर निबंध
नशा मुक्ति अभियान निबंध : नशा मुक्ति अभियान एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है जो भारतीय समाज को नशीले एवं मादक पदार्थ जैसे- शराब, सिगरेट, गाजा, भाग आदि के सेवन से मुक्त करने का उद्देश्य रखती है। इसका मुख्य लक्ष्य मादक पदार्थों एवं इसके कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों से लोगों को मुक्त करना है। जिसके लिये भारत सरकार ने अनेको अभियान चलाया है।
नशा मुक्ति अभियान के तहत,समाज को नशा से मुक्त करने के लिये विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, केंद्रीय और प्रादेशिक सरकारों की योजनाएं, नशा के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम और बचाव की उपायों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही, समाज में शराब और मादक पदार्थों के खिलाफ संगठन का गठन भी किया जाता है।
भारत सरकार द्वारा नशा मुक्ति अभियान – Bharat Sarakar Nasha Mukti abhiyan nibandh
नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 15 अगस्त 2020 को की गई थी जहाँ सरकार ने मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से लेने के लिए विभिन्न नियमो का निर्माण किया था और तथा एक संपूर्ण राष्ट्रीय स्तर पर नशा मुक्ति की दिशा में एक नई पहल की.
सरकार ने नशा मुक्ति के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्रवाईयाँ शुरू की हैं इनमें से कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं जैसे-
- मादक पदार्थों के व्यापार पर रोक
- विक्रय और उपभोग पर पाबंदिया
- नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम
- नशा मुक्ति साथी केंद्रों की स्थापना
- नशा उपचार सुविधाओं का प्रदान
- नशामुक्त जीवनशैली को प्रोत्साहित करना
- मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए शिक्षा
- नशा मुक्ति समितियों की स्थापना
- मादक पदार्थों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम (आदि)
इसके साथ ही, सरकार ने युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाये और इन कार्यक्रमों के माध्यम से नौजवानों को समाजिक और मनोवैज्ञानिक रुप से जागरूक किया.
नशा सेवन के दुषप्रभाव– नशा न केवल हमे स्वास्थिक रुप से कमजोर बनाता है बल्कि यह हमे सामाजिक, मनोवैज्ञानि, आर्थिक रुप से भी कमजोर बनाता है। इसके सेवन से स्वास्थ्य को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचता है। यह शरीर के अंगों, जैसे कि दिल, फेफड़ों, गुर्दे, मस्तिष्क, मुह, गला आदि को क्षतिग्रस्त करता है। जो एक गम्भीर बीमारी का रुप है।
साथ ही नशा के सेवन कारण से परिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों में समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। यह नाराजगी, विश्वासघात और भारी संघर्ष जैसे कई मुद्दे पैदा कर सकता है और जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करता है। साथ ही आर्थिक समस्यायो की बात करे तो इसके सेवन से नौकरी की हानि, आर्थिक संकट आदि पैदा हो सकती है।
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तम्बाकू से होने वाली मुख्य बीमारियाँ (nasha mukti par nibandh & hone vali bimari)
तम्बाकू उत्पादों मे लगभग पांच हजार जहरीले पदार्थ पायें जाते हैं इनमे सबसे ज्यादा खतरनाक पदार्थ निकोटीन, टार, और कार्बन मोनोआक्साइड होता हैं जिससे निम्नलिखित बीमारियों का जन्म होता हैं।
- फेफडो में कैंसर
- दिमाग से सम्बंधी बीमारी
- दिल का दौरा
- मुह में कैंसर
- दांत खराब होना
- पैरो की नशो में रुकावट
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- लिवर कैंसर
- डायबिटीज का खतरा
- हृदय रोग
- कोलन कैंसर
- आंत्र मे सूजन
- स्तंभदोष
- गुर्दों की क्षति
- नेत्र रोग
अगर आप ऊपर बतायी गयी, बीमारियो को जानते हुये भी नशा का सेवन करते है तो आप स्वयं से जिम्मेदार है, जिसका भुगतान आपके साथ-साथ आपके परिवार (मता-पिता, पत्नी, पुत्र, पुत्री) आदि को करना होगा। अगर आप अपने परिवार व रिश्तो से प्रेम करते है तो नशा का सेवन करना त्याग दे, और इसके प्रति लोगो को भी जागरुक करे। ताकि आपके परिवार, रिश्ते-नाते व समाज नशा मुक्त हो सके।
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नशा करने वाले पदार्थ
वैसे भारत मे तो नशा करने वाले कई घटक है, कुछ प्राकृतिक तो कुछ मनुष्यों द्वारा बनायें गयें है, प्राकृतिक रुप से प्राप्त नशा जैसे- गाजा, भाग, धतूर, सूर्ती इत्यादि हैं और मनुष्यों के द्वारा बनायें गये नशा करने वाले पदार्थ जैसे- सिगरेट, तम्बाकू, हुक्का, इत्यादि।
तम्बाकू का सेवन निम्न तरीकों से किया जाता हैं
- सिगरेट ( मनुष्य को धीरे-धीरे करके मारता हैं)
- बिडी (अधिकतर भारत मे प्रयोग किया जाता है)
- तम्बाकू
- सूर्ती (अधिकतर भारत के गावों मे अधिक खाया जाता है)
- हुक्का ( ये नशा गावों व शहरो दोनो मे प्रचलिति है)
- गाजा (इसका भी भारत के उत्तरी राज्यो मे अधिक प्रयोग किया जाता है)
- शराब ( शराब का सेवन पूरी दुनिया मे भारी मात्रा मे की जाती है)
- भाग ( अधिकतर भारत के गावों मे)
- ई-सिगरेट
नशा से बचाव/ नशा से कैसें बचे
समाज को नशा से कैसे बचायें : समाज को नशा से बचाने का मुख्य उपाय यह है की उन्हें नशा से होने वाली बीमारियों के बारे मे अवगत कराया जायें, उन्हें बताया जाय की नशा से आप के सेहत पर बुरा असर पडता है, साथ ही पर्यावरण, आप से जुडे लोगो पर, तथा आप के आने वाली पीढी पर भी इसका बुरा डालता हैं।
अगर महिलायें नशा का सेवन करती हो तो, उन्हे शिशु जन्म देने मे भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। महिलाओं के द्वारा किया गया नशा, उन्हे बाझपन, बच्चे का समय से पहले जन्म, मृत शिशु का जन्म, गर्भस्राव जैसी कई गंभीर समस्यायें उत्पन्न कर सकती है।
नशा रोकने का कानून
नशा से बचाओ के लिये सरकार ने कई नियमों को निकाला है, अगर कोई मनुष्य सार्वजनिक स्थान पर नशा करते पकडा जाता है, तो उसपर शक्त कार्यवाही की जाती है, वर्तमान मे सरकार ने मई 2003 को राष्ट्रिय तम्बाकू नियत्रण कानून पारित किया हैं। अधिनियम सभी तंबाकू युक्त उत्पादो जैसे ( गुटखा, सिगरेट, पान मसाला, खैनी, इत्यादि) सभी पर लगू होता है।
नशा रोकन हेतु निम्नलिखिति धाराएं
- धारा चार : सभी सार्वजनिक स्थान (शिक्षिण संस्थान, होटल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हाल, बस स्टैंड) इत्यादि पर धूम्रपान करना निषेध हैं
- धारा पांच : सभी तम्बाकू उत्पादनों के विज्ञापन, आडियो, प्रिंट मीडिया और विजुअल मीडिया के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है।
- धारा छः (क) : धारा छः के अंतरगर्त अठारह वर्ष से कम आयु के बच्चो पर तंबाकू बिक्री करना वर्जित है।
- धारा छः (ख) : इस धारा के अंतरगर्त आप किसी भी शैक्षिण संस्था के आसपास या 100 गज के दायरे मे तम्बाकू की बिक्री नही कर सकतें
- धारा सात: इस धारा के अंतरगर्त सभी तम्बाकू उत्पादनों पर स्वास्थ्य चेतावनी का लेबल लगाना जरुरी है।
- धारा सात (पांच) : इस धारा के अंतरगर्त सभी तम्बाकू उत्पादनो के पैकेट पर अधिकतम अनुमेय सीमा के साथ निकोटीन तथा टार सामग्री होनी चाहिये। तथा पैकेट पर पूर्ण रुप से दर्शाया भी जाना चाहिये। [सोर्स : राष्ट्रिय स्वास्थ्य (आरोग्यम् सुखसम्पदा) ]
इस लेख मे हमने नशा मुक्त पर निबंध ( Nasha mukt par nibandh) पढा, साथ ही नशा से कैसे बचा जाय, तथा इससे कौन-कौन सी बीमारिया उत्पन्न होती है जाना, यह लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे, साथ ही हमारे साथ जुडे- और पाये नई जानकारी सबसे पहले- Join Us ‘नशा मुक्ति पर निबंध’ पर अपने विचार अवश्य शेयर करें
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