ध्यान क्या है? कैसे करे | dhyan kya hai

dhyan kya hai: ध्यान एक अभ्यास है एवं मन की एकाग्रता ही ध्यान की अवस्था कहलाती हैं। या आप कह सकते है कि मन को एकाग्र करके किसी विशेष काम में लगाना ही ध्यान कहलाता है। यह एक मानसिक प्रक्रिया है जिससे हम अपने मानसिक एवं भावनात्मक स्थिति को एक विशेष ध्येय (लक्ष्य) पर केंद्रित करते है, जिससे हमे मानसिक शांति और एकाग्रता की अनुभूति होती है। इस क्रिया का मुख्य उद्देश्य मानसिक चंचलता (अस्थिर) को कम करना है और अपने मन को स्थिर कर सकारात्मक दिशा में लगाना है।

dhyan kya hai
dhyan kya hai

ध्यान को सभी दर्शनों धर्मों व सम्प्रदायो में श्रेष्ठ माना गया है सभी योगी ध्यान की तैयारी, अलग-अलग विधियों से करते हैं और ध्यान तक पहुंच कर लगभग एक हों जातें हैं। आइये जानते है ध्यान क्या है? (dhyan kya hai) कैसे किया जाता है।

ध्यान क्या है? (Dhyan kya hai)

ध्यान क्या है?: ध्यान एक अभ्यास है तथा जब व्यक्ति अपने मन को चेतना की विशेष अवस्था में लाने का अभ्यास करता है। तो इस प्रक्रिया को ध्यान लगाना कहते है. जिसकी सहायता से व्यक्ति अपने अस्थिर मन को स्थिर करने मे सक्षम हो पाता है।

या- चित या मन को केन्द्रित करने की किसी भी प्रकार का मनो योग,ध्यान कहलाता है। यह क्रिया किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति के लिये किया जाता है अगर हम मन में बिना किसी लक्ष्य के ही ध्यान करे तो इसका कोई लाभ नहीं होता। प्रतिदिन ध्यान करने से व्यक्ति भौतिक और मानसिक दोनो रुपों से स्वस्थ होता है क्योंकि ध्यान आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ व्यक्तिगत सुख, शिक्षा, और जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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ध्यान कैसे करें? (dhyan kaise kare)

भारतीय योगिक संस्कृति मे ध्यान करने के कई उपाय बताये गये है यहाँ तक कि ध्यान सभी योगो के पूर्व या सर्वप्रथम किये जाने वाले योगो मे से एक है। अर्थात अगर आप योग करते है तो आपको सर्वप्रथम ध्यान करना चाहिए,

ध्यान करने के लिये आपको साफ व शुध्द वातावरण की तलाश करनी चाहिए, अगर सम्भव हो तो ध्यान क्रिया के लिये आप हरियाली युक्त व शुध्द वातावरण का चुनाव कर सकते है, ध्यान के लिये बैठक भी महत्वपूर्ण होता है यानी की ध्यान के लिये आपको किसी आरामदायक बैठक का चुनाव करना चाहिए, ताकि ध्यान करते वक्त कोई समस्या ना उत्पन्न हो।

ध्यान का लाभ – Dhyan Ka labh

निज स्वरूप को मन से समझ लेना ही ध्यान कहलाता है। इसका अभ्यास आध्यात्मिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए किया जाता है, लेकिन आप इसका प्रयोग अपने दैनिक जीवन में भी कर सकते है। जिसका उद्देश्य निरंतरता, आत्मज्ञान, और सांत्वना की स्थिति में पहुंचना है। आपको बता दू ध्यान का अभ्यास विभिन्न धर्मों जैसे- बौद्ध धर्म, हिन्दू धर्म आदि में किया जाता है, आइये इसके फायदे जाने।

ध्यान के फायदे – Dhyan ke Fayade

  1. स्वस्थ मस्तिष्क: ध्यान करने से मस्तिष्क सुखद और स्वस्थ रहता है।
  2. बेहतर समय निर्धारण: ध्यान करने से समय को बेहतर ढंग से निर्धारित किया जा सकता है।
  3. समय की बचत: ध्यान करने से समय को बचाया जा सकता है।
  4. काम के लिए कुछ सुधार: ध्यान करने से काम में सुधार किया जा सकता है।
  5. स्वस्थ रहने की सुविधा: ध्यान करने से हमारा शरीर व मन स्वस्थ एवं तंदरुस्त रहता है।
  6. स्वस्थ संवेदनशीलता: ध्यान करने से स्वस्थ संवेदनशीलता मे वृध्दि होती है।
  7. क्रियाशीलता: ध्यान करने से क्रियाशीलता मे विकास होता है।
  8. मन शांत: ध्यान करने से मन शांत रहता है।
वज्रासन
कुंडलिनी योग
शाम्भवी महामुद्रा
महत्वपूर्ण योग

ध्यान करने के विशेष फायदे । Dhyan Karane ke Fayade

ध्यान एक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने की प्रयास करता है। ध्यान से अनेकों प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है। साथ ही इसे करने से हमे शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है जो निम्न है।

  • मन केन्द्रित होता है।
  • सकारात्मक सोच बढ़ती है
  • संकल्प शक्ति बढ़ती है।
  • स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • व्याकुलता कम होती है।
  • चेतना के उच्च स्तर मे विकास
  • आन्तरिक शान्ति अनुभूति होना
  • अन्तरज्ञान मे वृध्दि।
  • सृष्टि में हर जगह मधुर सम्बन्ध लाना
  • ऊर्जा का स्तर ज्यादा हों जाता है
  • रक्तचाप संतुलित होता है
  • प्रतिरक्षा प्रणाली सशक्त होता है
  • हृदय सम्बंधित ख़तरे कम होते हैं
  • पुरानी बिमारियों से लडने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष– इस लेख मे हमने ध्यान क्या है (dhyan kya hai) व किसे कहते है व ध्यान करने की प्रक्रिया को जाना, उम्मिद करता हू इस लेख की सहायता से आप ध्यान के आयाम को समझ पाये होंगे, अगर आप एक योगी है या योग-साधना करते है तो अपने विचार कमेंट मे जरुर बताये, ताकि अन्य को मदद मिल सके।

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