पत्र लेखन विधि (कैसे लिखे) | Patr Lekhan in Hindi

Patr Lekhan in Hindi: वर्तमान समय मे कागज पर पत्र लेखन की भूमिका कम हो गई है क्योकि इंटरनेट की सहायता से हम ईमेल जैसे कई अन्य माध्यमों का प्रयोग करके, अपनी जानकारी दुसरे तक पहुंचा पाते है लेकिन आनलाइन प्रक्रिया मे भी हमे मेल लिखने के तरीके मालूम होने चाहिए, तभी हम अपनी बात को दुसरे तक पहुंचा पायेंगे।

patr lekhan in hindi
पत्र लेखन -patrlekhan

हिंदी में पत्र लेखन (Hindi latter writing)

पत्र लेखन के माध्यम से हम अपनी बात दूसरों तक आसानी से पहुँचा सकते है समाज के कई प्रकार के संस्थानों जैसे- सरकारी काम,  दफ्तर, स्कूल, इत्यादि जगहों पर समय- समय पर अपनी बात रखने के लिये या सुझाव देने के लिये पत्र लेखन (patr lekhan) का ही सहारा लिया जाता है। पत्र लेखन को अभ्यास के माध्यम से आसानी से सीखा जा सकता है इसलिये कहाँ जाता है कि “पत्र लेखन एक कला है“।

letter writing Tips: पत्र लिखते समय आपको इन नियमो का ख्याल रखना चाहिए, इनकी सहायता से आप अपने पत्र को स्पष्ट व व्यवस्थित क्रम मे लिख पायेंगे।

  • भाषा स्पष्ट व सरल होनी चाहिये
  • मूल उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिये
  • पत्र भेजने वाले का पता स्पष्ट होना चाहिये
  • पत्र पाने वाले का भी पता स्पष्ट व साफ- साफ लिखा होना चाहिये
  • पत्र लेखन के पश्चात पुन: जांच अवश्य करें।

पत्र लेखन के प्रकार (Hindi letter writing Formate)

 पत्र लेखन के प्रकार । patr lekhan in hindi
Hindi letter writing Formate

पत्र दो प्रकार का होता है एवं दोनो प्रकार के पत्र का अपना अलग- अलग महत्व है व्योहार मे पत्र लिखने के कई तरीके है जैसे अगर आप सरकारी , प्राइवेट , व्यवसाय आदि के लिये पत्र लिख रहे है तो उनका फार्मेट अलग होगा. वही अगर रिश्ते- नाते, इंविटेशन कार्ड, मुबारकवाद आदि के लिये अलग तरीके से पत्र लिखा जाता है।

Types of letter in Hindi

  1. औपचारिक पत्र
  2. अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र लेखन (aupcharik patra)

aupcharik patra: औपचारिक पत्र लेखन का उपयोग अधिकांश सरकारी कार्यालयो, अर्ध्द सरकारी, गैर- सरकारी जैसे स्थानो मे किया जाता है।

औपचारिक पत्र कैसे लिखे

औपचारिक पत्र लिखते हुये इन बातो का विशेष ध्यान दे ।

प्रेषक का नाम और पता
कार्यालय या विभाग का नाम व पता
विषय किस लिये पत्र लिखा गया है
तिथि
सम्बोधन
स्वनिर्देश
प्रेषक के हस्ताक्षर

औपचारिक पत्र का प्रयोग: औपचारिक पत्र आप सरकारी कार्यालयो, दफ्तरो, जैसी जगहो पर प्रयोग करे। ध्यान रखे ऐसे पत्रो को ध्यान पूर्वक लिखे – ऐसे क्षेत्र मे आप अनौपचारिक पत्र का प्रयोग न करे। आप निम्नलिखित क्षेत्रों मे औपचारिक पत्र का प्रयोग कर सकते है।

  • सरकारी पत्र
  • गैर सरकारी पत्र
  • प्रार्थना पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • व्यावसायिक पत्र
  • किसी अधिकारी को पत्र


अनौपचारिक पत्र (anopcharik patra)

ये पत्र लेखक व्यक्तिगत पत्र होता है जो अपने रिश्ते, मित्रों व सगे- संबंधियों को लिखे जाते है। जैसे की बेटे द्वारा पिता को पत्र लिखना या या किसी मित्र को सहयोग हेतु पत्र लिखना, इत्यादि।

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे

अनौपचारिक पत्र लिखते वक्त ध्यान रखे की आप सरल व सुव्यवस्थित भाषा का प्रयोग करे और उचित सम्बोधन का प्रयोग करे। तथा नीचे दिये गये शब्दो का प्रयोग कर, अपने पत्र को सुव्यवस्थित बनाये।

प्रेषक का पता
प्रेषक का स्थान व तिथि
पाने वाले का सम्बोधन
अभिवादन
लिफाफे के पत्र पाने वाले का नाम पता व तिथि

अनौपचारिक पत्र का प्रयोग: आप अनौपचारिक पत्र का प्रयोग, अपने प्रियजनो को पत्र लिखने के काम मे आता है जैसे , मम्मी – पापा, मित्र, रिश्तेदार इत्यादि, आप इस पत्र की सहायता से अपने प्रियजनो को आमंत्रण, शोक, बधाई इत्यादि जैसे पत्र लिख सकते है।

पत्र लेखन के उदाहरण

पत्र लेखन के उदाहरण को देख कर आप पत्र लिख सकते है, लेकिन ध्यान रखे आप को कापी पेस्ट नही करना है। पत्र लेखने मे अपने विचार लिखे जाते है इसलिये आप अपने विचार ही लिखे, यहाँ से देख कर आप समझ सकते है पत्र लेखन कैसे लिखा जाता है।


छूट्टी के लिये पत्र -patr lekhan

सेवा मे,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
बाल विकाश मंदिर प्रयागराज
विषय-अवकाश के लिये प्रार्थना पत्र

मान्यवर ,
सविनय निवेदन है की दिनाक……………………को मेरे बडे भाई का विवाह होना सुनिश्चित हुआ है विवाह मे शामिल होने के लिये मुझे प्रयागराज से मिर्ज़ापुर जाना है अत: दिनाक………………से……….तक स्कूल आने मे असमर्थ हु कृपया मुझे 5 दिन कि छूट्टी देने की महान कृपा करे

धन्यवाद ……………… आपका आज्ञाकारी शिष्य
दिनांक ……………….


पत्र लेखन के फायदे

पत्र लेखन (चिठ्ठी) के अनेकों फायदे हैं पत्र की सहायता से ही हम अपने विचारो को किसी दूसरों तक भेज पाते है लेकिन वर्तमान मे पत्र भेजने के कई माध्यम हो गये है जैसे -व्हाट्सएप, फेसबुक,इमेल, सभी सोशल मीडिया एप्स सभी ने अनौपचारिक पत्र लेखन का जगह ले लिया है लेकिन औपचारिक पत्र आज भी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कालेजों, आदि में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला माध्यम है।

क्या आप को पता है जब नेट का जमाना नही था तब लोग अपने विचार एक दुसरे तक कैसे शेयर करते थे, तब अपने विचारो को एक दुसरे तक पहुचाने का सिर्फ एक ही माध्यम था और वो पत्र लेखन था, अर्थात पहले लोग अपने विचारों को पत्र मे लिखकर एक दुसरे के पास भेजते थे।

पत्र भेजते वक्त मुख्य बातें याद रखें

पत्र लिखते (patr lekhan) वक्त आपको ध्यान देना होगा कि पत्र के ऊपरी लिफाफे पर जिस को भेजा जा रहा है उसका स्पष्ट रूप से नाम पता व मोबाइल नंबर एवं पिन कोड अंकित होना चाहिए, जिससे वह लिफाफा आपके भेजने वाले के पास आसानी से पहुंच जाए, लिफाफे के ऊपर अपना नाम पता डालना आवश्यक नहीं है लेकिन आप इसे लिफाफे के अंदर लिख सकते हैं।

पत्र भेजते वक्त ध्यान रखे

  • लिफाफे पर भेजे जाने वाले का नाम अंकित करे
  • पता, मोबाइल नम्बर जरुर डाले
  • स्पष्ट व साफ शब्दो का प्रयोग करे
  • समान्य पेन का प्रयोग करे (जेल जैसे पेन से ना लिखे)
  • लिफाफे के ऊपर स्पष्ट रुप से पता लिखे।

पत्र कैसे भेजें (Patr Kaise Bheje)

अगर आप किसी को पत्र भेजना चाहते हैं तो लिखे हुये पत्र क लिफाफे में बंद कीजिए और जिस को भेजा जा रहा है उसका पुरा नाम, पता तथा पिनकोड जरूर लिखें, इससे आपका पत्र आसानी से पहुंच जाएगा

patr lekhan in hindi
patr lekhan in hindi

नोट – कृपया ध्यान दें पत्र के ऊपर वाले लिफाफे में पत्र जिस को भेजा जा रहा उसका नाम साफ एवं स्पष्ट भाषा में अंकित करे एवं मोबाइल नंबर, पता, पिन कोड, जैसे पता को जरूर अंकित करें‌‌‌‌।


conclusion: पत्र लेखन (latter writting-चिठ्ठी) ही ऐसा माध्यम है जिसे लोग ध्यान से पढते है हालाकी पत्र किसी को भेजना व प्राप्त करने मे समय लगता है, जहाँ आज कल के पत्र लेखन के माध्यम जैसे- इमेल , फैक्स से पत्र को कुछ मिनटो मे आसानी से भेजा व प्राप्त किया जा सकता है। वही पत्र को दुसरे के पास पहुचने मे कई सप्ताह लग जाते है।




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