ज्ञान मुद्रा सबसे शक्तिशाली मुद्रायो मे से एक है। इसे करने की प्रक्रिया बहुत भी आसन है। ज्ञान मुद्रा मुख्य रुप से हमारे मस्तिष्क को तेज करता है। तथा तनाव, चिंता, नकारात्मकता जैसी गम्भीर आंतरिक समस्यायों मे भी निजाद दिलाता है।
योगिक प्राणाली मे ज्ञान मुद्रा को सबसे अहम व मुख्य मुद्रायों की श्रेणी मे रखा गया है। नमस्कार पाठको ! हम इस लेख मे ज्ञान मुद्रा के फायदे और विधि जानेंगे, साथ ही ज्ञान मुद्रा से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी व तथ्य जनेंगे ।
ज्ञान मुद्रा की विधि
किसी भी मुद्रा या ध्यान को करने के लिये शुध्द व शांत वातावरण का होना बेहद जरुरी है। इसलिये मुद्रा करने से पूर्व एक निश्चित वातावरण की खोज करे, जहाँ आपको कोई डिस्टर्ब ना करे, साथ ही उस वातावरण मे कोई बदबू जैसी गंध ना हो ।
ज्ञान मुद्रा करने की विधि / ज्ञान मुद्रा कैसे करे
एक स्वच्छ और समतल जगह पर चटाई या योगा मैट बिछा ले, इसके बाद आपको अब आपको पद्मासन, सुखासन या फिर वज्रासन की अवस्था मे बैठ जाना है। और अपने हाथों को घुटनों पर एवं अपने हथेली को ऊपर की ओर करे ।
अब आपको अपनी तर्जनी उंगली (अंगूठे के साथ वाली) को गोलाकार मोडकर अंगूठे के अग्रभाग (सिरे) को स्पर्श करे, और बाकी बची तीनों उंगलियों को सीधा रखे, इस मुद्रा को ज्ञान मुद्रा कहते है। आप ज्ञान मुद्रा को आंखे बंद करके व दोनों हाथो से कर सकते हैं साथ ही इस मुद्रा को करते वक्त आप ॐ (ओम) मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
ज्ञान मुद्रा के फायदे
- एकाग्रता मे बढोत्तरी
- प्रतिरोधक क्षमता मे बढोत्तरी
- बुद्धिमत्ता और स्मरणशक्ति में वृद्धि
- मन का शांत होना
- क्रोध, भय, ईर्ष्या आदि से छुटकारा
- अनिद्रा, सिरदर्द और माइग्रेन से मे फायदा
ज्ञान मुद्रा की महत्वपूर्ण जानकारी
- ज्ञान मुद्रा को आप कम से कम 30 से 45 मिनिट जरुर करें।
- ज्ञान मुद्रा को सुबह व शाम दोनो समय किया जा सकता है
- ज्ञान मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से तनाव, मानसिक विकार, भय, ईर्ष्या आदि समाप्त हो जाता है।
- ज्ञान मुद्रा सबसे शक्तिशाली मुद्रायों मे से एक है।
- ज्ञान मुद्रा करने से बुद्धिमत्ता और स्मरणशक्ति में वृद्धि होती हैं और एकाग्रता बढती हैं।
- ज्ञान मुद्रा करने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढती हैं। जिससे हम स्वस्थ्य व तंदरुस्त होते है।