माँ का महत्व जीवन में क्या है। यह सिर्फ वह जान सकता है जिसे माँ का प्यार ना मिला हो। माँ की इस संसार में सिर्फ किसी से तुलना हो सकती है तो वह है माँ। आइये मां पर कुछ कविताये (maa par kavita) पढे
लोग कहते हैं इस संसार में भगवान् कहीं है तो वह माँ में है। इसलिये मां को आदि काल से ही भगवान/ देवी का दर्जा प्राप्त है। कहा गया है “जननी जन्मभूमिश्चि स्वर्गादपि गरीयसी“। अर्थात जननी और जन्म भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। माँ की गोद से प्यारा इस ब्रह्माण्ड में कोई स्थान नहीं है।
maa par kavita: मुझे मेरे हिस्से में मेरी मां चाहिए
मेरे पैदा होने की सबसे ज्यादा खुशी
शायद मेरी माँ को ही मिली होगी
आंखें उसकी भी शायद गीली हुई होंगी
पर वो मुझे पाके खुद से मिली होगी
जिंदगी के हर मोड़ पर मुझे उसी का प्यार चाहिए
बाकी तुम रख लो,
मुझे तो मेरे हिस्से में मेरी माँ चाहिए
मेरी खुशियों में उसने अपनी खुशी ढूंढी
मुझे खिला कर वो खुद सो गयी भूंखी
अकेले ही सारी मुश्किलों का सामना कर गई
ताकि गीली ना हो मेरी आंखें सुखी
कभी जरूरत पड़े तो मुझे उसी का दुलार चाहिए
बाकी तुम सब रख लो,
मुझे तो मेरे हिस्से में मेरी माँ चाहिए
मै उससे दूर हो गया, कुछ कमियों मे सुधार के लिए
दिल नहीं माँ रहा था उससे दूर जाने के लिए
उसे नी दिखा तो उसने प्यार जताया सवालों से
जब की नींदे कह रही थी उसे सोने के लिए
मेरी खुशियों में वो मुझे हर बार चाहिए
बाकी तुम सब रख लो,
मुझे तो मेरे हिस्से में मेरी माँ चाहिए
उस गली से गुजरा तो मुझे खरोच लग गई
मेरे जख्मो को देख के वो डॉक्टर बन गई
मेरी आँखों में फिर भी उसने सरारत देखी
फिर मलहम लगा के मुझे कुछ अहसास दिला गई
उसके गम मुझे हमेशा सात समंदर पार चाहिए
बाकि तुम रख लो,
मुझे तो मेरे हिस्से में मेरी माँ चाहिए
उसकी भी कुछ अपनी जरुरत थी
पर वो मेरी जरूरतों को पूरा कर रही थी
मैं अपनी खुशियाँ कहीं और ढूंढता था
और वो मुझे देख के खुश हो रही थी
जिंदगी के हर मोड़ पे मुझे उसी का प्यार चाहिए
बाकी तुम रख लो,
मुझे तो मेरे हिस्से में मेरी माँ चाहिए।
Maa par Kavita: माँ रात रात भर बच्चों के लिए जागती है। उनके नींद का, खान पान का पूरा ध्यान रखती है। हालांकि माँ बच्चों को जरूरत पड़ने पर डांटती भी है। और क्यों ना डांटे उनकी यह डांट ही भविष्य में उनको एक अच्छा इंसान बनाती है।
माँ की अपनी संतान के प्रति भावनाओ को समझना कभी इतना आसान नहीं रहा। माँ का प्यार, माँ का दुलार, दुनिया में सबसे श्रेष्ठ है। माँ जीवन का सबसे अनोखा व प्यारा तोहफा है।
मेरी मां (Emotional Maa par kavita)
Maa par Kavita
सबकी देख-रेख करते करते
वो खुद को भूल जाती है
अपने आंचल से छाँव देती है
जब भी धूप तेज आती है
उस मां के बगैर किसी
को कभी जीना नहीं आएगा
क्योंकि एक बच्चे को उसकी मां से ज्यादा
और कोई नहीं समझ पाएगा
जब कभी कभी चोट लगती है
सबसे पहले दवा वही करती है
जो हम महसूस करते हैं
शायद वो भी वही महसूस करती है
जो अपनी मां को बीच मझधार में छोड़ेगा
वो भी तैर नहीं पाएगा
क्योंकि एक बच्चे को उसकी मां से ज्यादा
और कोई नहीं समझ पाएगा
उसकी ममता को दुखी मत करना
उसी के कदमों में पूरा जहां है
जिसकी नाराजगी में भी प्यार होता है
कोई और ऐसा कहां है
जो उसके बगैर जीने की सोचेगा
वो सिर्फ घाव ही पाएगा
क्योंकि एक बच्चे को उसकी मां से ज्यादा
और कोई नहीं समझ पाएगा
Maa par Kavita: एक माँ बच्चे के लिए ईश्वर स्वरुप है। वह दया करुणा का सागर होती है। गुरु के समान उसे हर कदम पर शिक्षा देती है।
सर्दी गर्मी बरसात में उसका भरपूर ध्यान रखती है। और इस कारण उसकी महिमा पूरे जग में विख्यात है। माँ का गौरव हिमालय के समान ऊँचा है। वह एक नदी के समान अविरल रूप से अपनी संतान का जीवन सींचती है। उसकी रक्षा के खातिर दुर्गा, काली जो भी रूप लेना हो वह लेती।
Maa Poem in hindi – नन्ही जान
ठीक से चलना नहीं आता था
जब ज़िंदगी ने मुझे आगे खींचा
मैं तो अपनी माँ से बिछड़ गया था
फिर नैनो ने बेजान कपड़ो को सींचा
आज एक नन्ही सी जान को देखा
उसके नैनों ने भी कपड़ो को सींचा
माँ से न बिछड़ने की उसने ताकत लगाई
तब कुछ लोगों ने मिल के बेरहमी से खींचा
हँसते हैं फिर कि उन्होंने हम जैसों को हरा दिया
जीतेजी सह न पाए ऐसा ज़हर हमें पिला दिया
गुरुर करते हैं जैसे जग जीत लिया
बेखबर हँसती हुई नन्ही जान को पल में रुला दिया
मत सताओ उसे वो अभी मासूम है
माँ से दूर न जाना कोई गुनाह नहीं है
उसे नफरत कि भाषा समझ नहीं आती
इस दुनिया में न लाओ, वो अभी अनजान है
ऊँगली पकड़ चलना वो अभी सीख रहा है
सुबह होते ही अपनी माँ को ढूंढ रहा है
अलग मत करो उससे उसकी ममता को
अंदर ही अंदर वो बहुत रो रहा है
प्यार नहीं मिलता कहीं और इस जहाँ में
अपनी माँ के आँचल में सब सुख पाएगा
जब कोई नहीं होगा उसके साथ में
तो यह दिन सोच के भर तो जायेगा।
मां हैं मेरी सबसे प्यारी: short maa par kavita
मां हैं मेरी सबसे प्यारी
खुशियों की हैं वो फूलवारी
पैरो में हैं उसके जन्नत
पूरी करे हमारी सारी मन्नत
लोरी गाकर हमें सुलाती
प्यार से वो सुबह उठाती
सीने से लगा कर रखती है
दूर कभी ना खुद से करती है
खुशियां हमको सारी देती
हमारी पीड़ा खुद हर लेती
गलती पर वो डांट लगाती
डांट लगाकर गले लगाती
मां हैं मेरी सबसे प्यारी
खुशियों की हैं वो फूलवारी
मां की ममता पढ़ें / Maa par Kavita
एक माँ बच्चे के लिए ईश्वर स्वरुप है। वह दया करुणा का सागर होती है। गुरु के समान कदम कदम पर उसे शिक्षा देती है। सर्दी गर्मी बरसात में उसका भरपूर ध्यान रखती है। और इस कारण उसकी महिमा पूरे जग में विख्यात है। माँ का गौरव हिमालय के समान ऊँचा है। वह एक नदी के समान अविरल रूप से अपनी संतान का जीवन सींचती है। उसकी रक्षा के खातिर दुर्गा, काली जो भी रूप लेना हो वह लेती|