बारात विदाई पर गीत – Barat Vidai Geet
विवाह का सबसे अहम पल विदाई होता है। इस पल घर के सभी लोगो के आंखो मे आंसू होता है। क्योकी एक पिता से उसकी पुत्री अलग होती है। एक भाई से उसकी बहन अलग होती है। या यू कहे एक परिवार से उसकी खुशिया अलग हो जाती है।
जीवन का यह पल हर पिता के जीवन मे आता है। जब वह अपने चांद सी बिटिया को किसी और को सौप देता है। आज इस लेख मे हम विवाह के बाद विदाई पर गाये जाने वाला विदाई गीत को लिखित रुप मे पढेंगे।
चार हंसो की जोड़ी (विदाई गीत)
चार हंसो की जोड़ी दुआरै खड़ी, दरवाजे खड़ी
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
उनके दादी के आंचल फूलों से भरा रे , खुशियों से भरा रे
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा-2
चार हंसो की जोड़ी दुआरै खड़ी दरवाजे खड़ी
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
उनके मम्मी का आंचल फूलों से भरा रे, खुशियों से भरा रे
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
चार हंसो की जोड़ी दुआरै खड़ी, दरवाजे खड़ी
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
उनके बुआ का आंचल फूलों से भरा रे, खुशियों से भरा रे ,
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
चार हंसो की जोड़ी दुआरै खड़ी ,दरवाजे खड़ी,
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा- 2
उनके भाभी का आंचल फूलों से भरा रे, खुशियों से भरा रे ,
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा – 2
चार हंसो की जोड़ी दुआरै खड़ी ,दरवाजे खड़ी,
आज मेरा बन्ना ससुराल जायेगा- 2
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विवाह गीत 2 : ( अंगने मे)
राम रसोईया र ही सासू हों त बहु से अरज करई हों,
बहुआ अंगने में बैठी है गोतिनिया निहुरी पईया लागीउ हो,
एक तउ भारी बा चुनरिया दूसरे लम्बा घूंघट हो,
सासू विसरे में गोदी में ललनवा क इसे पइया लागी हों।
छोरी द भारी चुनरिया ऊपर कर घूंघट 2
बहुआ लल्ला सुताव खटियवा निहरी पइया लाग 2
एक त ऊ पूत से पूतइतन दूसरे मैं धनइत हों
साहू तिहरे में पिया की दुलारी कैसे पइया लागी 2
हमारे धन से धनइत त नाति से पुतवइतनहो में
बहु हमारे बेटा की दुलारी नि हुरी पइया लाग निहुरी पइया लागउ हो
मोहरे नी धन से धनइत नाती से पुतइन हो
सासू तोहरे बेटा की दुलारी तुहइ पईया लागाऊ हो