भारत देश एक बहु-धर्मीय देश है। अर्थात यहाँ नानाप्रकार के धर्मों को मानने वाले लोग रहते है। सभी धर्मो का अपना-अपना महत्व है। तथा सभी धर्मो मे पूजा-पाठ, कर्मकाण्ड, पहनावा, खान-पीन अलग-अलग है। हालाकी कुछ धर्मो की विशेषताये आपस मे अधिकतर मिलती-जुलती है।
आज हम इस लेख मे दुनिया का तीसरा सबसे बडा धर्म ‘बौध्द धर्म’ जिसके संस्थापक भगवान गौतम बुध्द जी है का इतिहास व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पढेंगे।
बौध्द धर्म क्या है ?
बौद्ध धर्म भारत के श्रवण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन हैं इसके संस्थापक गौतम बुद्ध जी है। इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई, दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, भूटान नेपाल भारत जैसे कई देश है। ईसाई और इस्लाम धर्म के बाद बौद्ध धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, इसके संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध जी है।
भारत में बौद्ध धर्म
सम्राट अशोक के शासन काल में बौद्ध धर्म भारत का राजकीय धर्म था। तेरहवीं शताब्दी के बाद बौद्ध धर्म भारत में कम हो गया। प्राचीन भारत में कई राजाओं ने बौद्ध धर्म को श्रेय दिया था। बौद्ध धर्म भारत में बहुत समय तक प्रमुख धर्म था।
गौतम बुद्ध का जन्म
गौतम बुद्ध जी का जन्म 563 ईशा पुर्व शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिल वस्तु लुंबिनी के निकट नेपाल में हुआ था। और इनके पिता जी शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के मुखिया थे। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
गौतम बुध्द के जन्म के 7 दिन बाद ही उनकी मां माया देवी जी का देहांत हो गया था । 29 वर्ष की आयु में सांसारिक समस्याओं से दुखी होकर सिद्धार्थ अपना घर छोड़ कर चले गये।
गैतम बुध्द के घर त्याग देने के बाद बुद्ध ने वैशाली आलारकला से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण किया गया। सिद्धार्थ जब निकलें सैर करने के लिए कपिला वस्तु धारण करके तो 4 दृश्य देखा । जिसमे पहला व्यक्ति, बूढ़ा , दूसरा व्यक्ति- बीमार, तीसरा व्यक्ति- शव (मृत्यु व्यक्ति / अर्थी) और चौथा व्यक्ति सन्यासी। इन्ही चार दृश्यो ने महात्मा गौतम बुध्द को बदल दिया। और वो राज का जीवन त्याग कर सन्यासी बन गये और जीवन की खोज मे निकल गये।
गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था । सिद्धार्थ की सौतेली मां प्रजापति गौतमी था जिसने महात्मा गौतम बुध्द का लालन-पालन किया । गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे इन्हें एशिया का ज्योति पुंज भी कहा जाता है । बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध प्रवित्र त्योहार बैशाख पूर्णिमा और जिसे हम बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं
बौद्ध धर्म का इतिहास
बुद्ध भारतीय बौद्ध धर्म की उत्पत्ति भारत में हुई थी बाद में बहुत भारत में सबसे बड़ा धर्म बन गया सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में एक करोड़ से ज्यादा बौद्ध है । कुछ खबरों के मुताबिक चीन और जापान के बाद भारत तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। ब्रिटिश राज्य में लगभग सभी राज्यों में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग भी थे।
महात्मा गौतम बुध्द जी ने अपना पहला उपदेश सारनाथ, जिसे बौद्ध ग्रंथ में धर्म चक्र परवर्तन कहां जाता है। बुद्ध के अनुयाई दो भागों में विभाजित थे। भिक्षुक और उपासक
- जिन्होने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए संन्यास लिया उन्हें भिक्षुक कहा जाता हैं। और
- गृहस्थ जीवन का व्यापन करते हुए बौद्ध धर्म अपनाने वालों को उपासक कहा जाता है।
बुद्ध ने सबसे अधिक उपदेश कौशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिए थे । बुद्ध ने सांसारिक दुखों के संबंध में 4 चार आर्य सत्य का उपदेश दिया है।
बौध्द धर्म का अष्टांगिक मार्ग
- सम्यक दृष्टि
- सम्यक संकल्प
- सम्यक वाणी
- ससम्यक कर्मांत
- सम्यक आजीव
- सम्यक व्यायाम
- सम्यक स्मृति
- सम्यक समाधि
चार आर्य सत्य
- दुःख
- दुःख निरोध
- दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा
- दुःख समुदाय
महात्मा गौतम बुध्द के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दुखी है तो, वह ऊपर दिये गये, निम्न उपायो की सहायता से अपने दुख की खोज कर, उससे निवारण पा सकता है।
बौद्ध धर्म के तीन प्रविष्ट रत्न
- बुद्ध
- धम्म
- संध
गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म निर्माण के लिए 10 महत्वपूर्ण बातो पर जोर दिया था ।
- सत्य के मार्ग पर चलना
- अहिंसा
- शराब का सेवन नहीं करना
- चोरी नहीं करना
- असमय भोजन नहीं करना
- नृत्य गान आदि से दूर
- समानता
- सुखद बिस्तर पर न सोना
- धन संचय न करना
- महिलाओं से दूर रहना
सबसे ज्यादा गौतम बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ है। परन्तु गौतम बुद्ध की पहली मूर्ति मथुरा कला के अनुसार बनी हुई थी।
गौतम बुध्द की तपस्या
बहुत कठोर परिश्रम बिना अन्न जल ग्रहण किए 6 साल की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ। सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ को बुद्ध के नाम से मशहूर हुए और उन्हे ज्ञान प्राप्त हुआ और अब उसे बोधगया के नाम से जाना जाता है ।
बौध्द धर्म की मुख्य बाते
- 1951 की जनगणना के अनुसार भारत में 1 लाख 80 हजार 8 सौ 23 बौद्ध थे ।
- बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की धम्म दीक्षा सन् 1956 मे लिया।
- भारत में बौद्ध धर्म का पतन का मुख्य कारण
- ब्राह्मण वाद – हिन्दू धर्म द्वारा विरोध
- इस्लामी शासकों का हमला
- भिक्षु संघ के भीतर मतभेद