हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर दिन रविवार को है। इस दिन धन के देवता कुबेर जी की पूजा की जाती है। मुख्यरुप से धनतेरस के दिन बाजार से सोना, चांदी, बर्तन आदि खरीदने की प्रथा है। जो बहुत ही शुभ माना जाता है।
यह पर्व हिंदूयो का प्रमुख त्योहार दिवाली के एक या दो दिन पहले मनाया जाता है। आप को बता दू इस दिन बाजार से झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। चाहे आप समृध्द हो या असमृध्द इस दिन झाडू खरीदने से धन के देवता कुबेर जी खुश होते है।
धनतेरस 2022 – Dhanteras 2022
इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को है। यह त्योहार हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है। हिन्दू धर्म में दीपावली पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है। लोगो को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। इतने धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योंहार की शुरुआत धनतेरस से ही होती है। छोटी दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है ।
धनतेरस कब मनाया जाता है ? dhanteras
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धनवंतरी देव, लक्ष्मी जी व कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाता है। इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर दिन रविवार को है।
इस दिन कोई भी सामान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। पौराणिक एवं धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन ख़रीदा गया सोना चांदी धन दौलत में तेरह गुना वृद्धि होती है। यही वजह है कि लोग अन्य सामान के अलावा सोना, चांदी, हीरा खरीदते हैं। पढे – आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ
धनतेरस पूजा विधि और महत्व ।
धनतेरस पर धनवंतरी देव, कुबेर देव, लक्ष्मी माता व गणेश जी की पूजा की जाती है।
धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त – पूजा करने का शुभ समय है। 23 अक्टूबर 2022 रविवार, 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक , पूजा करने का विधि निम्न है।
1.सर्वप्रथम इस दिन घर की साफ-सफाई कर ले और शाम को शुभ मुहुर्त मे उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी, माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापना करें।
2. अब पुरे विधि विधान से पूजा की सामग्री जैसे- फल, अक्षत, फूल, रोली, भोग, तिलक और दीपक जलाकर पूजा अर्चना करें। तथा भगवान कुबेर को सफ़ेद मिष्ठान और धनवंतरी देव को पीले मिष्ठान का भोग और माता लक्ष्मी व गणेश जी को लड्डूयो का भोग लगाये।
3. पूजा के दौरान ओम श्री कुबेराय नमः / ओम श्री गणेशाय: नम: / ओम श्री धंवतराय नम: मंत्र का प्रत्येक बार 1 या 11 या 108 बार जाप करते रहे। इसके लवावा आप धन्वंतरि भगवान को प्रसन्न करने के लिए धनवंतरी स्तोत्र, गणेश आरती, माता लक्ष्मी की आरती व कुबेर जी की आरती का पाठ कर सकते है।
आरती व भजन का संग्रह
धनतेरस का महत्व
हिंदू मान्यताओ के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि देव हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन धनवंतरी देव की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी व कोषाध्यक्ष कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा करते हैं। यह माना जाता है कि धनतेरस के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती, धन के देवता सदा प्रसन्न रहते हैं।