परिवार क्या है? भूमिका, महत्व एवं विशेषतायें जानें

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। और समाज का निर्माण परिवारो से मिलकर बनता है। समाज एवं जीवन के लिये जरुरी शिक्षा, संस्कार, संस्कृति और सभ्यता परिवार में रहकर ही मिलती है।

अर्थात परिवार एक विद्यालय की तरह कार्य करता है, और उस परिवार के माता पिता और अपने बड़े भाई बहन एक दूसरे के गुरु होते हैं।जब एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।

परिवार
परिवार का चित्र

परिवार क्या है।

परिवार पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश परिवारों में खून के सभी रास्तों को परिवार कहते है। वास्तव में परिवार तो वहीं होता है जो अपने दादा परदादा के खून के रिस्ते हैं। आज भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में बहुत महान एवं सभ्य मानी जा रही है।

भारतीय संस्कृति के मूल में एकात्म का भाव छुपा है। भारत में सनातन हिंदू संस्कृति के संस्कारों को सीखने की परम्परा समाज की सबसे छोटी इकाई अर्थात परिवार एवं कुटुंब से प्रारम्भ होती है। Read- जीवन क्या है ?

परिवार के प्रकार

मुख्य रूप से जिस परिवार मे सिर्फ माता पिता तथा उनके अविवाहित बच्चे होते है, उसे परिवार कहते हैं। और इसी को प्रथामिक परिवार भी कहते है। परिवार दो प्रकार के होते हैं एकल परिवार और संयुक्त परिवार एकल परिवार छोटा होता है, जिसमें माता पिता और उनके बच्चे होते हैं। और संयुक्त परिवार बड़ा होता है। जिसमें दादा दादी, माता पिता,चाचा चाची,ताऊ ताई, बुआ सब रहते हैं।

बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें इनको तू बेकार ना कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर

परिवार पर सुविचार

परिवार की भूमिका क्या है ?

परिवार की भूमिका परिवार के सदस्य होते हैं जो कि एक साथ एक छत के नीचे ही रहकर अपना जीवन सुखमय बनाते हैं, और हर दुःख सुख में एक दूसरे के साथ रहते हैं। पहले परिवार लम्बा होता था उसमें सब एक साथ रहते थे,दादा,दादी माता पिता चाचा चाची और उनके बच्चे,इन सबके साथ एक ही घर में रहते थे इसे संयुक्त परिवार कहा जाता है। आज ज्यादा तर एकल परिवार देखने को मिलता है। शिक्षा तो बढ़ी है पर परिवार सब एकल हो गये है|

एकल परिवार
परिवार / एकल परिवार

परिवार की विशेषताएं- परिवार की विशेषता यह कि सभी एक साथ मिलकर हर सदस्य को महत्व दे,साहस और शिक्षा रूपी ज्ञान दे जिससे वे परिवार की पहचान बना सके।

समाज में परिवार का महत्व

जिस प्रकार हम सबका अपना अपना परिवार है।जिन लोगों के साथ हम रहते हैं वहीं हमारा परिवार होता है। कुछ परिवारों में ज्यादा लोग रहते हैं और कुछ में कम
व्यक्ति की हर कामयाबी, हर सफलता और हर ख़ुशी में परिवार का बहुत बड़ा योगदान होता हैं।

परिवार एक बहुत ही खूबसूरत शब्द हैं जो मन को विश्वास, सुरक्षा और ख़ुशी से भर देता हैं. परिवार के बिना हम और आप अधूरे से लगते है. परिवार के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि आज के युग में लोग छोटे परिवार या सिंगल रहना ज्यादा पसंद करते है लेकिन बुढ़ापें में उन्हें कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है|

संयुक्त परिवार और एकल परिवार में अन्तर

संयुक्त परिवार में लोगों की संख्या ज्यादा होती है, जबकि एकाकी परिवार में कम लोग रहते हैं। संयुक्त परिवार में माता पिता के साथ साथ दादा दादी चाचा चाची ताऊ ताई और उनके बच्चे होते हैं सभी एक साथ एक ही घर में रहते हैं। और जबकि एकाकी परिवार में माता पिता और उनके बच्चे होते हैं।

बाजार से सब कुछ मिल जाता है,
लेकिन माँ जैसी जन्नत और बाप जैसा,
साया कभी नहीं मिलता !

हर मर्ज का इलाज नही दवाखाने में,
कुछ दर्द चले जाते है परिवार के साथ मुस्कुराने में !

परिवार के आधार

हम सभी अपने अपने परिवार से जुड़े हुए हैं परिवार में रहकर हमारी जरूरत पूरी होती है।सभी एक दूसरे से स्नेह करते हैं और परेशानियों में एक दूसरे की सहायता करते हैं। परिवार के लोगों से हम सीखते हैं, एक दूसरे की सलाह लेकर काम करते हैं। परिवार से हमें पहचान मिलती है। परिवार हमारी पहचान के साथ साथ ताकत भी है। जो परिवार को नहीं समझता वो निखरता नहीं बल्कि बिखर जाता है।

परिवार के कर्तव्यों को समझो

  • परिवार में एक दूसरे का आदर करना चाहिए।
  • सभी की बातें सुनना व समझना चाहिए
  • किसी के बीमार होने पर उसकी देखभाल करना चाहिए
  • परिवार के लोगों के काम में सहयोग करना चाहिए।
  • एक दूसरे के साथ विनम्रता का व्यवहार करना चाहिए।
  • मिल जुलकर रहना चाहिए
  • शाम का भोजन एक साथ बैठकर खाना चाहिए।
  • परिवार कितने प्रकार के होते हैं

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