2022 मे छठ पूजा कब है ? जानें नहाय-खाय व पारण की तिथि एवं पर्व का महत्व - अनंत जीवन.in

2022 मे छठ पूजा कब है ? जानें नहाय-खाय व पारण की तिथि एवं पर्व का महत्व

छठ पूजा हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है। मुख्यरुप से यह त्योहार उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, बिहार) के राज्यो मे अधिक मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। इसमें सूर्य देवता के साथ-साथ छठी मईया की भी पूजा होती है आइये जाने इस बार कब है छठ पूजा? और इसका विशेष महत्व क्या है?

छठ पूजा

कब से शुरू हो रहा है छठ पूजा ?

छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से अगले चार दिनों तक छठी माता और सूर्य देव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

छठ पूजा का व्रत काफी कठिन व्रतों में से एक है। क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने सन्तान की सफलता एवं दिर्घायु के लिए 36 घंटे का निर्जल उपवास रखती है। छठ पूजा इस वर्ष छठ पूजा 30 अक्टूबर को हैं। जाने- करवा चौथ क्यू मनाया जाता है ? कथा

छठ पूजा की तारीख – Chhat puja date 2022

हिन्दू कलेंडर के अनुसार इस वर्ष छठ पूजा 30 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को मनाईं जायेंगी। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाया जाता हैं।

इस पर्व को लोग पूरे चार दिनों तक ख़ूब धूमधाम से मनाते हैं । पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है और फिर उसके बाद खरना और तिसरे दिन शाम को अर्घ्य सूर्य को दिया जाता है और आखिरी दिन सुबह को महिलाएं नदी तालाब की घाट पर पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन करती हैं। इस त्योहार पर नदी तालाब की घाटों पर गज़ब की रौनक देखने को मिलती है।

क्या होता है नहाय-खाय और खरना

छठ मैया की पूजा पूरे दिनो तक चलती है। इन्ही दिनो को निम्नलिखित भागो मे बाटा गया है। नीचे लिस्ट मे आप पहले दिन से अंतिम चैथे दिनो तक की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

पहला दिन

28 अक्टूबर को नहाय खाय है इस दिन महिलाएं अपने घर की साफ़ सफाई करतीं हैं। चूल्हा चौका बर्तन सब अच्छी तरह से साफ किया जाता है। शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है।नहाय खाय के साथ ही छठ पूजा का प्रारम्भ हो जाता है।

दूसरे दिन

छठ पूजा के दुसरे दिन को खरना के नाम से जानते हैं। खरना को लोहड़ा भी कहा जाता है इस दिन से व्रत शुरू हो जाता है और रात में खीर खाकर 36 घंटे का निर्जला कठिन व्रत रखा जाता है।खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है।

तीसरे दिन

तीसरे दिन छठी माता और सूर्य देव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

चौथे दिन

चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस दिन महिलाएं 36 घंटे से किए जा रहे कठिन व्रत का पारण करतीं हैं और फिर छठ पूजा का समापन होता है। पढे – सभी 12 राशियो के नाम

छठ पूजा की सामग्री लिस्ट

एक थाली में, गिलास में दूध, एक लोटा कलश , पांच गन्ने जिसमें पत्ते लगें हों, जल भरा नारियल, अक्षत, पिला सिन्दूर, दीपक, घी पत्ती , कुम कुम, चन्दन, कपूर अगरबत्ती, फूल, हरे पान के पत्ते, छोटी सुपारी, शहद आदि।

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा की विशेषता यह है कि जो भी इसे पूरी श्रद्धा भाव से करता है, व्रत को रखता है, उसके घर में धन दौलत की कमी नहीं होती उस घर में सुख समृद्धि आती है। सन्तान की लम्बी उम्र एवं कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है।

इस पर्व में आप जितना साफ़ सफाई रखतें हैं छठी मईया उतनी ही ज्यादा प्रसन्न होती हैं।कभी भी पूजा पाठ की सामग्री भूलकर भी जूठा न करें इससे छठी मईया नाराज़ हो जाती है।

chhath puja ki Video

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