उर्दू शायर जॉन एलिया की प्रसिध्द शायरी
जो गुज़ारी न जा सकी
हमसे,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
जो ज़िंदगी बची है,
उसे मत गंवाइये|
बेहतर ये है कि,
आप मुझे भूल जाइए
नया एक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम,
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम।
एक हुनर है जो कर गया हूँ मैं, सब के दिल से उतर गया हूँ मैं।
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता, एक ही शख़्स था जहान में क्या
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है
जुर्म हम कमी करें भी तो क्यूँ
तुम सज़ा भी तो कम नहीं करते
शायरिया पढ़ना पसंद हो तो करे फालो,
रोजाना नई शायरी एवं
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