माँ विश्वम्भरी स्तुति हिंदी PDF | Vishwambhari Stuti lyrics in Hindi PDF Download

Vishwambhari Stuti: माँ विश्वम्भरी सनातन हिंदू धर्म की प्रमुख देवी है। इसकी स्तुति करने से जीवन मे सुख-शांति एवं समृध्दि का विकास होता है। जिससे आप एक सुखद जीवन के ओर अग्रसित होते है। माँ विश्वम्भरी को कर्मा की देवी भी माना जाता हैं। मान्यता है की माँ विश्वम्भरी ने ही जगत, प्रकृत, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निर्माण किया है।

Vishwambhari Stuti lyrics in Hindi
Vishwambhari Stuti lyrics in Hindi

माँ विश्वम्भरी जी कहती है की तुम अपने कर्मों से अपने आत्मा एवं शरीर को पवित्र कर सकते हो अर्थात उसे मंदिर बना सकते है। अंधविश्वास से दूर रहो और कर्म को प्रधानता दो, इसलिये माँ विश्वम्भरी को कर्मा की देवी भी माना जाता है। आइये माँ विश्वम्भरी की स्तुति (Vishwambhari Stuti) करे।

माँ विश्वम्भरी स्तुति लिरिक्स – Vishwambhari Stuti lyrics in Hindi

विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,
विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,
दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,
सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,
भासे भयंकर वाली मन ना उतापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

आ रंकने उगरावा नथी कोई आरो,
जन्मांड छू जननी हु ग्रही बाल तारो,
ना शु सुनो भगवती शिशु ना विलापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

माँ कर्म जन्मा कथनी करता विचारू,
आ स्रुष्टिमा तुज विना नथी कोई मारूँ,
कोने कहू कथन योग तनो बलापो
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

हूँ काम क्रोध मद मोह थकी छकेलो,
आदम्बरे अति घनो मदथी बकेलो,
दोषों थकी दूषित ना करी माफ़ पापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

ना शाश्त्रना श्रवण नु पयपान किधू,
ना मंत्र के स्तुति कथा नथी काई किधू,
श्रद्धा धरी नथी करा तव नाम जापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

रे रे भवानी बहु भूल थई छे मारी,
आ ज़िन्दगी थई मने अतिशे अकारि,
दोषों प्रजाली सगला तवा छाप छापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

खाली न कोई स्थल छे विण आप धारो,
ब्रह्माण्डमा अणु अणु महि वास तारों,
शक्तिन माप गणवा अगणीत मापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

पापे प्रपंच करवा बधी वाते पुरो,
खोटो खरो भगवती पण हूँ तमारो,
जद्यान्धकार दूर सदबुध्ही आपो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

शीखे सुने रसिक चंदज एक चित्ते,
तेना थकी विविधः ताप तळेक चिते,
वाधे विशेष वली अंबा तना प्रतापों,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

श्री सदगुरु शरणमा रहीने भजु छू,
रात्री दिने भगवती तुजने भजु छू,
सदभक्त सेवक तना परिताप छापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

अंतर विशे अधिक उर्मी तता भवानी,
गाऊँ स्तुति तव बले नमिने मृगानी,
संसारना सकळ रोग समूळ कापो,
माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों।

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  • Vishwambhari Stuti: माँ विश्वम्भरी जी को कर्म की देवी माना जाता है। माँ विश्वम्भरी ने अंधविश्वास, अपवित्रता जैसे नकारात्मक कार्यों को नकार कर, सकारात्मक व नेक कार्य करने की प्रेरणा देती है। माँ विश्वम्भरी कहती है की तुम अपने नेक कार्यों से अपने आत्मा व शरीर को मंदिर बना सकते हो अर्थात पवित्र हो सकते है।

माँ विश्वम्भरी स्तुति लिरिक्स चित्र: Vishwambhari Stuti lyrics Image

माँ विश्वम्भरी स्तुति: Vishwambhari Stuti lyrics

Vishwambhari Stuti lyrics in English

Vishwambhari Akhil Vishwa Tani Janeta
Vidhya Dhari Vadanma Vasajo Vidhata
Door-budhhine Door Kari Sad-buddhi Apo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Bhulo Padi Bhavarane Bhataku Bhavani
Suzhe Nahi Lagir Koi Disha Javani
Bhaase Bhayankar Vali Man Na Utapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Aa Rankne Ugarava Nathi Koi Aaro
Janmaand Chhu Janani Hu Grahi Baal Taro
Naa Shu Suno Bhagwati Shishu Naa Vilapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Maa Karma Janma Kathni Karta Vicharu
Aa Shrishtima Tuj Vina Nathi Koi Maru
Kone Kahu Katthan Yog Tano Balaapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Hoon Kaam, Krodh, Madh Moh Thaki Chhakelo
Aadambare Aati Ghano Madthi Bakelo
Dosho Thaki Dushit Na Kari Maaf Paapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Naa Shaashtrana Shravan Nu Paipaan Pidhu
Naa Mantra Ke Stuti Katha Nathi Kai Kidhu
Shradhha Dhari Nathi Karya Tav Naam Jaapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo.

Re Re Bhavani Bahu Bhool Thayi Chey Mari
Aa Zindagi Thai Mane Atishe Akaari
Dosho Prajaali Sagada Tava Chhaap Chhapo
Maampaahi Om Bhagavathi Bhava Dukha Kapo

Khaali Na Koi Sthal Chhe Vina Aap Dharo
Bhrahmandma Anu-anu Mahi Vaas Taro
Shakti Na Maap Ganava Agneeta Mapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Paape Prapanch Karva Badhi Vaate Puro
Khoto Kharo Bhagwathi Pann Hoon Tamaro
Jadyandhakaar Door Kari Sad-budhhi Aapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Sheekhe Sune Rasik Chandaj Ekk Chitte
Tena Thaki Trividhh Taap Talek Khachite
Vadhe Vishesh Vali Amba Tana Prataapo
Maampaahi Om Bhagavathi Bhava Dukha Kapo

Shri Sad-guru Na Charanma Rahine Yaju Chhu
Raatri Dine Bhagwathi Tujne Namu Chhu
Sad-bhakt Sevak Tana Paritaap Chaapo
Maampaahi Om Bhagavathi Bhava Dukha Kapo

Antar Vishe Adhik Urmi Thata Bhavani
Gaun Stuti Tava Bale Namine Mrugaani
Sansaarna Sakal Rog Samoola Kapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

निष्कर्ष- इस लेख मे हमने माँ विश्वम्भरी जी की स्तुति (Vishwambhari Stuti) पढी, जिसकी स्तुति करने से आपका जीवन सुख-समृध्द से भर जायेगा, वैसे तो इस स्तुति को जांच-परख कर ही प्रस्तुत किया गया है फिर भी इसमे कोई त्रुटि शामिल है तो हमे कमेंट मे जरुर बताये। धन्यवाद

2 thoughts on “माँ विश्वम्भरी स्तुति हिंदी PDF | Vishwambhari Stuti lyrics in Hindi PDF Download”

    1. धन्यवाद मित्र 🙂 कृपया अपने दोस्तों के साथ साझांं करना भूले

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