सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) ज़िले के निहालपुरा गांव में 16 अगस्त 1904 ई 0 मे हुआ था। इनका जन्म एक सम्पन्न जमीदार परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दिलीप चौहान था।
सुभद्रा कुमारी चौहान बचपन से ही हिंदी साहित्य को अधिक प्रेम करती थी। उन्होने छोटी सी ही उम्र मे कविताये लिखना प्रारम्भ कर दिया था। इस लेख मे हम भारत की प्रसिध्द कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय (Subhadra Kumari Chauhan Biography Hindi) पढेंगे।
सुभद्रा कुमारी चौहान जीवनी -Subhadra Kumari Chauhan Biography Hindi
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त 1904 ई० मे उत्तर प्रदेश के प्रसिध्द जिले प्रयागराज मे हुआ था। इनका विद्यार्थी जीवन इलाहाबाद में ही गुजरा।उनको बचपन से ही हिन्दी साहित्य की कविताएं रचनाएं पढ़ने का बड़ा शौक था। सुभद्रा कुमारी चौहान की बचपन की दोस्त प्रसिद्ध कवियित्री महादेवी वर्मा जी थी
Subhadra Kumari Chauhan short Biography Hindi
नाम | सुभद्रा कुमारी चौहान |
जन्म स्थान | 16 अगस्त 1904 प्रयागराज (उ०प्र०) |
व्यवसाय | कवयित्रि |
अवधि | 1904-1948 |
भाषा | हिंदी |
मृत्यु | 15 फरवरी 1948 |
सुभद्रा कुमारी चौहान की शिक्षा
सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के गर्ल्स स्कूल में हुई। इन्होने 1919 ई0 में मिडिल स्कूल की परीक्षा पास की। उसी वर्ष उनकी शादी खंडवा के लक्षण सिंह चौहान ,से हो गई और वह शादी के बाद वह जबलपुर चली गई।
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सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह
सुभद्रा कुमारी चौहान जब सोलह वर्ष की थी तभी उनकी शादी मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाले ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से कर दी गई। शादी के बाद वे झबल पुर मध्यप्रदेश में रहने लगीं।सुभद्रा कुमारी चौहान के शादी के बाद पांच बच्चे हुए तीन बेटे और दो बेटियां। बेटों का नाम था ,अजय चौहान, विजय चौहान, और अशोक चौहान एवं बेटीयो का नाम सुधा और ममता था। ये उनका खुशहाल भरा पूरा परिवार था।
सुभद्रा कुमारी चौहान (झांसी की रानी) – subhadra kumari chauhan jhansi ki rani
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की प्रसिध्द कविताओ की शृंंखला मे सबसे पहले झांसी की रानी कविता (subhadra kumari chauhan jhansi ki rani) का जिक्र होता है। हालाकी इन्होने कई अन्य प्रसिध्द कविताये भी लिखी है। पर झांसी की रानी पर लिखी कविता सर्वश्रेष्ठ है। आइये इन कविताओ को पढते है। subhadra kumari chauhan poems in hindi
सुभद्रा कुमारी चौहान (झांसी की रानी) – subhadra kumari chauhan jhansi ki rani
सुभद्रा कुमारी चौहान की पहली कविता
सुभद्रा कुमारी चौहान एक महान कवियित्री थीं वह नौ साल की उम्र में ही एक नीम, नामक कविता लिखी थी, उनकी इस कविता को पत्रिका मर्यादा ने प्रकाशित किया था। सुभद्रा को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था। उस समय कविता लिखने के पैसे न मिलने के कारण उन्होंने कहानियां लिखना भी शुरू कर दिया। ताकि कहानियों के बहाने से पैसे कमा सके। उन्होंने अपने जीवन में कई कविताएं लिखी उनकी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कविता है। झांसी की रानी।
सुभद्रा ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन के के बारे में बताते हुए बहुत ही बढ़िया ढंग से लिख कर दर्शाया है।झांसी की रानी की कविता अनेकों कविताओं में से एक है जो कि बहुत ज्यादा पढ़ा और गाया जाता है। इसमें यह बताया गया है कि 1857 की क्रान्ति में कैसे उन्होंने अंग्रेजों से मुकाबला किया था। सुभद्रा कुमारी चौहान की अन्य कविताएं। वीरों का कैसा हो वसन्त, राखी की चुनौती और विदा, आदि है।
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं की विशेषता
सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कविताओं व कहानियों की रचनाओं को बहुत ही सरल शब्दों में लिखा है। उन्होंने वीर कविताओं के अलावा बच्चों के लिए भी खूब कविता लिखती थी। उन्होंने मध्यम वर्ग के जीवन पर कहानियां लिखी। सुभद्रा अपनी लेखनी में हिन्दी खड़ी बोली का उपयोग किया है। Subhadra Kumari Chauhan Biography Hindi
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएं
सुभद्रा कुमारी चौहान ने तीन कहानी संग्रह लिखीं जिनमें बिखरे मोती, उन्मादी नी और सीधे साधे चित्र शामिल हैं । कविता संग्रह में मुकुल, तिधरा आदि है। तथा कहानी संग्रह मे- बिखरे मोती 1932 में, उन्मादी नी 1934 में, सीधे साधे चित्र 1947 में लिखी थी। कविता संग्रह – मुकुल, त्रिधारा, आदि
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सुभद्रा कुमारी की मृत्यु
सुभद्रा कुमारी की मृत्यु15 फरवरी 1948, को कलबोडी के पास एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। उनके नाम पर एक भारतीय तटरक्षक जहाज का नाम रखा गया है मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जबल पुर नगर निगम कार्यालय के सामने सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रतिमा स्थापित की गयी है।