मेरे स्कूल। विद्यालय या पाठशाला पर निबंध – My School Essay in Hindi
जीवन की शुरुआत शिक्षा से होती है, और हमारा पहला शिक्षार्थी हमारे माता-पिता होते है, जो की बचपन मे ही शिक्षा देना प्रारम्भ कर देते है, माता-पिता के बाद विद्यालय की शिक्षा शुरु होती है, इस लेख मे हम “मेरे विद्यालय पर निबंध” (my school essay in hindi) पढेंगे।
यह निबंध कक्षा 2,3,4,5,6,7,8,9,तक के विद्यार्थियो के लिये है, जिन्हे विद्यार्थी अपनी पुस्तक मे लिख सकते है। अधिकतर विद्यालयो मे कराये जाने वाले प्रार्थना देखे- Prayer in Hindi
मेरे विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi)
मेरे विद्यालय पर निबंध 500 शब्दो मे-
हमारे विद्यालय का नाम इंडियन पब्लिक स्कूल है जो की गाव से थोडी दूर रोड पर स्थिति है, देखने मे काफी बडा व आकार्षित है। हमारे विद्यालय मे कक्षा LKG से 10 तक की कक्षा चलाई जाती है, हर कक्षा मे 70 से अधिक विद्यार्थी है विद्यालय मे कूल 15 अध्यापक और 300 से अधिक बच्चे है, हमारा विद्यालय अग्रेजी माध्यम से है, तथा विद्यालय मे मात्र NCERT पुस्तके ही पढाई जाती है,
विद्यालय का समय: हमारा विद्यालय सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित रहता है, सर्वप्रथम हमारे विद्यालय मे वह शक्ति हमे दो दयानिधे प्रार्थना करया जाता है तत् पश्चात राष्ट्रगान व राष्ट्र प्रतिज्ञा ली जाती है, फिर सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओ मे चले जाते है हमारे विद्यालय मे 8 विषयो के पढाया जाता है जो क्रमश, विज्ञान, गणित, अग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, खेल, सामान्य ज्ञान, और कम्प्यूटर है- मै कक्षा 8वी का छात्र हू, हमारे कक्षा अध्यापक सूरज नारायण जी है। जो की सामाजिक विज्ञान विषय पढाते है।
विद्यालय के अध्यापक: हमारे विद्यालय मे कक्षा 10वी तक ही कक्षाये चलती है, जहाँ कूल 15 अध्यापक है, जिनमे से 10 अध्यापक व 5 अध्यापिका है। हमारे विद्यालय की प्रिंसपल एक महिला है, जिनका नाम तनुश्री है जो की बहुत शिक्षित व ज्ञान से पूर्ण है, वो कभी-कभी हमे नैतिक शिक्षा का पाठ पढाती है।
विद्यालय का नियम: हमारे विद्यालय मे नियमो को अधिक महत्व दिया जाता है, यह नियम विद्यालय के छात्र, छात्रा, अध्यापक व चपरासी, सभी को पालन करना होता है, हमारे विद्यालय के मुख्य नियम जैसे- 1. सही समय पर विद्यालय आना 2. विद्यालय मे खडी भाषा का प्रयोग करना 3. विद्यालय के ड्रेस मे ही विद्यालय आना 4. विद्यालय मे सभ्यता,शिष्टता, व नैतिकता का व्यवहार करना- इत्यादि
विद्यालय मे महोत्सव: हमारे विद्यालय मे हर वर्ष मार्च के महीने मे वार्षिक उत्सव मनाया जाता है, जिसमे कई विद्यार्थी व अध्यापक भाग लेते है। इस वर्ष के वार्षिक उत्सव मे हमने दहेज प्रथा पर नाटक प्रस्तुत किया।
मेरी पाठशाला निबंध हिंदी (Meri Pathshala par Nibandh)
मेरी पाठशाला निबंध
मेरे पाठशाला का नाम गुरुकूल है, जो की हिंदी माध्यम से संचालित है, हमारे विद्यालय मे कूल 500 से अधिक छात्र व 20 से अधिक अध्यापक है, हमारा विद्यालय गाव के पास ही स्थिति है, विद्यालय के महिने की फीस मात्र 70 रुपय है, विद्यालय मे कूल 20 कमरे है जिनमे से 1 प्रिंसपल रूम और 2 लाईब्रेरी है बाकी बचे रूमो मे अध्ययन का कार्य कराया जाता है।
पाठशाला का समय: हमारे विद्यालय के खुलने का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक है, सर्वप्रथम हमारे विद्यालय मे इतनी शक्ती हमे से न दाता प्रार्थना कराया जाता है, प्रार्थना होने के बाद राष्ट्रगान कराया जाता है। फिर सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओ मे चले जाते है, और कक्षा अध्यापक आकर बच्चो का अटैंडेंस (उपस्थिति) लगाते है।
पाठशाला का नियम: हमारे विद्यालय मे नियम का पूर्णतया पालन किया जाता है, ये नियम सिर्फ विद्यार्थियो के लिये ही नही, बल्की अध्यापक को भी पालन करना पडता है। जैसे- समय से स्कूल आना, रोजाना विद्यालय के ड्रेस मे आना, विद्यालय परिसर मे खडी भाषा का प्रयोग करना, और विद्यालय मे शिष्टता का व्योहार करना- इत्यादि
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विद्यालय पर 5 लाईन व 10 लाईन पर निबंध लिखे।- My School Essay in Hindi -स्कूल पर निबंध
- मेरा विद्यालय अग्रेजी माध्यम से संचालित है।
- मेरे विद्यालय मे कूल 20 अध्यापक व 500 छात्र है।
- मेरा विद्यालय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित रहता है।
- मेरे विद्यालय मे विद्यार्थीयो को पढने हेतु लाईब्रेरी की व्यवस्था दी गई है।
- विद्यालय मे क्रिकेट, बैटमिंटल व बोलीबाल खेलने का मैदान है।
- हमारे विद्यालय मे सिर्फ NCERT की पुस्तके पढाई जाती है।
- विद्यालय मे हर वर्ष वार्षिक महित्सव मनाया जाता है।
- हमारे विद्यालय के संस्थापक (——–) जी है।
- विद्यालय मे कूल 25 कक्षाये है जिनमे से 1 प्रिंसपल रूम और बाकी मे अध्ययन का कार्य कराया जाता है।
- हमारे विद्यालय मे कम्प्यूटर सिखाया जाता है My School Essay in Hindi
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जरुरी बाते- विद्यार्थी जीवन ही सबसे महत्वपूर्ण जीवन काल होता है, जो विद्यार्थी इस काल का सही उपयोग कर पाता है, वही सफल बनता है, हमे विद्यार्थी जीवन मे आलस, गलत संगत, बूरी आदत, इत्यादि का साथ नही देना चाहिये, विद्यार्थी जीवन का सिर्फ एक ही लक्ष्य होना चाहिये, सफलता,सफलता और सफलता।
इस लेख मे हमने मेरे विद्यालय पर निबंध (mera vidyalaya in hindi) और मेरे पाठशाला पर निबंध पढा, यह लेख आप को कैसा लगा कमेंट मे सुझाव अवश्य दे, साथ ही हमारे साथ जुडने के लिये क्लिक करे- anantjivan telegram Channel