मन को शांत कैसे करे – मन को काबू मे करना या मन को स्थिर करना एक जटिल प्रक्रिया है. आप ने ये मुहावरा जरुर सुना होगा। “पीपल पात सरस मन डोला “
अर्थात- हमारा मन पीपल के पत्ते के समान हल्का होता है जैसे पीपल का पत्ता थोडे सी ही हवा के बहाव से हिलने लगता है ,वैसे ही हमारा मन भी होता है थोडे से विचलन से ही अपनी स्थिरिता खो देता है। आइये विस्तार से जाने man ko shant kaise rakhe
मन को शांत कैसे रखें – man ko shant kaise rakhe
मन को शांत करने के कई तरीके है लेकिन आज हम कुछ प्रमुख तरीको पर चर्चा करेंगे. जिसका पालन करने के लिये आपको अपने दिनचर्या मे बदलाव लाना होगा, अगर आप इनका पूर्णतया पालन करते है तो आप अपने मन पर जरुर विजय पा सकते है मन और dimag ko shant kaise karen जरुरी बाते निम्न है।
मन को शांत करने का उपाय – man ko shant karne ke upay
- सुबह जल्दी उठे
- योगा और ध्यान करे
- ईश्वर की पूजा करे
- सकारात्मक विचार रखे
- ज्यादा ना सोचे
- खुद पर विश्वास रखे
- चेहरे पर खुशी रखे
- प्राकृत से जुडे रहे
- किसी से तुलना ना करे
- भविष्य की चिंता ना करे
- लोगो की मदद करे
- नसे का सेवन ना करे
1. सुबह जल्दी उठे
सुबह जल्दी उठने के अनेको फायदे है ,सुबह जल्दी उठने वालो के लिये एक शब्द प्रयोग किया जाता है की ” सुबह जल्दी उठना मनुष्य को स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनाता है” ये बात बिल्कुल सही है ,सुर्योदय होने से पहले उठने वाला व्यक्ति स्वस्थ्य ,धनी और बुध्दिमान होता है और एक खुशहाल जीवन के लिये man ko shant, स्वस्थ शरीर , धन और बुध्दिमत्ता का होना बहुत जरुरी है|
लेकिन आप को ध्यान देना होगा की आप को 8 घंटे की नीद भी लेना जरुरी है , अगर आप सुबह जल्दी नही उठ पाते तो आप पहले साम को जल्दी सो जाया करे और 2 से 4 दिन आप ऐलार्म की सहायता से उठे , उसके बाद आप स्वय से उठने लगेंगे ,अपने काम को और सरलतम बनाने के लिये हर कार्य का दिनचर्या बनाये और उसे फालो करे , man ko shant kaise rakhe
अगर आप सुबह 3:30 से 4 बजे के बीच उठते है तो ये समय सबसे अच्छा माना जाता है, अध्यात्मिक लोगो का कहना है, भोर 3:30 से भोर 4 बजे तक हमारे पृथ्वी पे सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है, अगर इस समय योगा ध्यान या खुद पर चिंतन जैसे अन्य कार्य किया जाये तो, हम अपने परिणाम को जल्दी पा सकते है।
2.योग और ध्यान
man ko shant kaise kare: योग और ध्यान जीवन द्वारा प्राप्त एक प्राकृतिक दवा है योग और ध्यान के माध्यम से मन को शांत और स्थिर रखा जा सकता है अगर आप को किसी बीमारी से लड रहे है तो योग और ध्यान के माध्यम से उस पर काबू पाया जा सकता है योग और ध्यान आपको हर क्षेत्र मे उर्जा प्रदान करता है
योग और ध्यान के माध्यम से हम अपने जीवन को उच्चाइयो पर ले जा सकते है वेदो के अनुशार योग और ध्यान के माध्यम से ऐसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है जिनका उपचार आज के आधुनिक युग में सम्भव ही नहीं है।
जीवन मे आने वाली कठिनाइयो की बात करे तो इसका सारा श्रेय मन को अशांत रहने का कारण ज्ञात होगा अपने दिनचर्या मे योग और ध्यान को प्रतिदिन करने से आपकी शारीरिक और मानसिक क्षमता बढने लगती है जिसके परिणाम स्वरुप हम अपने मन को शांत ,बीमारी मुक्त जीवन , खुशहाल जीवन , इत्यादि जीवन मे हो रहे घटना का भरपूर्ण मजा लेने मे समर्थ रहते है
योग और ध्यान से हमारी इन्द्रियों और मांसपेशियों पर प्रभाव पडता है जो की हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। मन को शांत रखता है , योग के और अधिक जानकारी के लिये योगा पर क्लिक करे man ko kaise shant rakhe आगे पढे
3.ईश्वर की पूजा करे
man/dimag ko shant kaise rakhe: ईश्वर की पूजा करना अनिवार्य है ,ईश्वर की पूजा करने से हमारा मन शांत और मन मे सकारात्मक विचार आते है , आप को ये जानना जरुरी है की आस्था के लिये परिमाण की जरुरत नही होती, अगर आप को कोइ बहकाये की ईश्वर नही होते इत्यादि बातो से तो आप उनसे जरुर कहे की आस्था के लिये परिमाण की जरुरत नही होती ,
अगर आप अपने दिनचर्या मे ईश्वर की पूजा प्रतिदिन करते है तो आप को अपने जीवन मे बदलाव देखेंगे ,आप हर वक्त सकारात्मक रहेंगे, जो की सम्पूर्ण जीवन के लिये बहुत जरुरी है।
जैसे – आप का मन शांत रहेगा , आप का मनोबल बढेगा , आप के अंदर सकारात्मक विचार प्रकट होंगे , खुद को आप उर्जावान महसूस करेंगे{ [मन को शांत कैसे करे या mind ko shant kaise kare
4.सकारात्मक विचार रखे
जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदल देंगे तो आपको अच्छे नतीजे मिलना शुरू हो जायेंगे। एक पुराना कहावत है जैसा आप सोचेंगे वैसा आप बन जायेंगे , इसका मतलब अगर आप सकारत्मक विचार रखते है तो आप सकारत्मक बनेगे लेकिन अगर आप नकारात्मक विचार रखेंगे तो वैसा ही बन जायेंगे ,
आप इस चौपाई को समझने की कोशिश करे , जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी, अर्थात जिसकी जैसी भावना होती है, उसे वैसी ही मूरत नज़र आती है। “भगवान उसकी मदद करता है जो खुद अपनी मदद करता है।”
सकारात्मक विचार भर से ही आपको अद्भुत बदलाव देखने को मिलेगा। अगर आप रोजामर्रा के जीवन मे सिर्फ अपने व लोगो के विचारो के प्रति सकारात्मक रहते है तो, जीवन मे अकल्पनीय बदलाव देखने को मिलेगा। { मन को शांत कैसे करे} या apne man ko shant kaise rakhe मे आगे
5.ज्यादा ना सोचे
mind ko shant kaise kare: अगर आप अपने मन को शांत करना चाहते है तो सबसे पहले आप को ज्यादा सोचना बंद कर देना चाहिये उतना ही सोचे जितना काम हो खुद को फालतू के विचारो से दुर रखे , जितना ज्यादा हो सके चेहरे पर खुशी रखे ,तनाव से दुर रहे इसके लिये आप शारीरिक व्यायाम कर सकते है योग और ध्यान करे , पूजा करे इससे आप अपने मन को शांत कर पायेंगे ,
इसके कई कारण हो सकते है ,पहले आप अपने कारण को जानिये ,फिर उसका हल खोजिये निचे आप को कुछ कारण बताये गये है अगर वो कारण आप से जुडा हुआ है तो ,जरुर पढे ,अगर आप का कारण नही दिया हुआ है तो आप कमेंट मे अपने कारण बताइये ,हमारे एक्सपर्ट आप को जल्द ही जवाब देंगे,{मन को शांत कैसे करे}
6. दुसरो से तुलना ना करे
खुद को दुसरो से तुलना करते रहना मन को अशांत रखने का एक ये भी कारण हो सकता है आप दुसरो को देख कर सोचते होंगे मै छोटा हु, गरीब हु, मेरे पास ये नही वो नही इत्यादी क्या आप ने कभी सोचा की मै ऐसा क्यू हु, मै गरीब क्यू हू , अगर ये प्रश्न आप खुद से पुछेंगे तो आप उत्तर पायेंगे की इसके जिम्मेदार आप खुद है
किसी माहान व्यक्ति ने कहा है अगर आप गरीब पैदा हुये है तो ये आप के परिवार की गलती है लेकिन अगर आप 21 के उम्र तक गरीब है तो ये आप की गलती है ,इस विचार को सकारात्मक तरीके से सोचे और अपने कदमो को सफलता की ओर ले जाये,{मन को शांत कैसे करे}
7. भविष्य की चिंता ना करे
अगर आप अपने भविष्य की चिंता छोड कर कार्य करते है तो आप के सफल होने के चांस ज्यादा है , आप को हमेशा अपने भविष्य की चिंता नही करते रहना है. आप ने लोगो के द्वारा सुना होगा ” कर्म करो फल की चिंता ना करो ” आप को अपने कर्म पर ध्यान देना होगा न की उसके परिणाम पर, मेरा बस यही सुझाव है सकारात्मक विचार , ईश्वर पर आस्था और योग / ध्यान के माध्यम से आप सफल हो सकते है.
अगर अपने मन को शांत करना है तो सुविचार एक अच्छा माध्यम हो सकता है, इसे पढे Peace Quotes in hindi
मन का अशांत होने का कारण – man shant kyu nahi rahat
man ko shant kaise kare या dimag ko shant kaise karen
- ज्यादा सोचना
- परिवार के मामलो के कारण
- समाज की वजह से
- प्यार की वजह से
- शिक्षा के कारण
- करियर चिंता
- दिमाक मे हमेशा आवाज सुनाई देते रहना
- खुद को दुसरो से तुलना करते रहना, जैसे- छोटा हु, गरीब हु, मेरे पास ये नही वो नही इत्यादी
- स्वास्थ्य की वजह से
- शारीरिक पीडा के कारण
ज्यादा सोचना बंद करे
सबसे पहले आप ज्यादा सोचना बंद करना होगा इससे तनाव बढता है , इसकी वजह से आप अपने किसी को काम अच्छे से फोकस नही कर पायेंगे ,और पढे
प्यार की वजह से
आप का मन प्यार की वजह से शांत नही रहता , क्योकी आप भी सोचते होंगे की हम दोनो एक कैसे होये , परिवार को कैसे समझाये , एक दुजे के बीना नही रह सकते इत्यादि ,तो मेरे दोस्त आप को बतादू पहले अपने करियर पर फोकस करो ना की प्यार पे ,
जितना विचार आप एक होने के लिये अपने मन मे लाते है अगर उतना विचार आप अपने करियर के लिये लाये तो आप जरुर सफल होंगे , और मेरा विश्वास मानिये जब आप सफल हो जायेंगे तब आप का प्यार भी मिल जायेगा और परिवार का प्यार भी -सच्चा प्रेम पर कविता पढे Love Poetry in Hindi
करियर चिंता
करियर की चिंता ना करे एक भाषा मे बोले तो कर्म करे फल की चिंता ना करे , अगर आप सकारात्मक विचार रखते है खुद को समझा कर ,मन को शांत करके जिंदगी जीते है तो , आप जरुर सफल होंगे
Mera age 18 ka tha jab mein gaanja pina chalu kiya tha or usay bich mein pina chhod diya phir 22 saal ki umr se pina chalu kardiya or phir achank chhod diya isse mere mujhe ajib ajib khayal aane chalu ho gaye hain mein bahut jaada tnav mein raheta hu or mere man baar baar bhtak ta hain mein kisi kaam ko dhyan se nahi kar para or aaj 10 mahine hogaye hain gaanja pina chhod ke
Sir muje mere jeevan ka lakshya hi samaj nhi aa raha aaj mai 25 saal ka hogya hu knowladge ki kami bhi hai or darr bhi hai fir mann mai aneko vichar aate hai kis trha se kya karu khud se sawal puchta hu to javab nhi milta padhne k loye baithta hu to padh nhi pata yaad nhi hota kuch bhi
Kabhi kabhi lagta hai ki mere jeevan ka udeshya kya ….. kis trha apne udeshya ko janu koi rasta nhi mip raha sir muj can uh help me if u can soo pls sir give suggestion ….. bcz mere koi aise dost nhi ab mere jeevan jisse mai baat kr skau … na hi koi karibi insan yaha tk ki mai khud ko hi nahi samaj pa raha…. agr aapke pass koi solution hai to muje btaey kyuki mai kisi bhi cheez ko face nhi kar paa raha hu chahey vo koi bhi insan ho ya shafi party ho ya kuch bhi apne aapko bass akela mehsus krta hu
Mere sath bhi kuch aisa hi hota hai
Same to same my story
LOAN KA TENSION
rahul g tension kuch nahi hoga
socho solution
socho jaruri hai bhagwan har jagah shaant rahe jo jaruri wo karo khud ke baare me socho
Very nice bahut hi achchhi jankariya lagi padhakar man ko shant karane ke liye aapane bahut hi badhiya upay bataye hai
धन्यवाद सुदामा जी, हमारे द्वारा लिखित अन्य लेख अवश्य पढे,
knowledgeable content
प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन कुछ समय धयान में लगाना चाहिए क्यों की धयान की मुद्रा में हमारा चित स्थिर होता है और नये विचारों को जन्म देता है. अतः धयान हमारे अंतर्मन को शुद्ध कर के नये विचारों को अंकुरित करने में सहायक है.
जी आप ने सही कहां, ध्यान करने वाले मनुष्य का जीवन अन्य मनुष्य के अपेक्षा अधिक खुशहाल व आनंदमय होता है।
I am krishan Bansiwal
I want to study all time but I can not do that because my family members are quarrel with each other and making noise as the result I can not concentrate on my self work and study
the most important thing is that I always think evil things but my mind does not want to do that so please search an Solutions of my problem and justify my results
bhai shant ho jaao negtivity se bachne ke aap ka shant mann hi kaam aayega or sab se thodi duri bnaao mehnat karo positve kaamyab logo ko follow karo
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Mera naam Vaishali hai No. 4 or 7 chod kr..fir sabhi karno se mera man ashant rahata hai ghar me rahne ka man nhi krta chidchida pn uadashi kisi se bat bhi kr ne man nhi krta aisa lgta hai mar jaye koi solution bataye plz
शायद आपके दुख का मुख्य कारण दुसरो से अधिक उम्मिद करने से उत्पन्न हुआ है, मेरा सुझाव है की आप 21 दिन लगातार योगा व ध्यान क्रिया करे और सकारात्मक विचार रखे, इन 21 दिनो के भीतर आपके अंदर अकल्पनीय बदलाव होंगे। और हमे 21 दिनो बाद रिप्लाई करे, हम आपके लिये एक पुस्तक का सुझाव देंगे, लेकिन उससे पहले आपको योगा, ध्यान, सकारात्मक विचार रखना होगा
Sir aap mujhe book ke bare me bata ne wale the bataye na sir…..
Tx a lot
Sir mujhe enxity ke problem mujhe har waqt dar lagta rahta h kise ke bare m sunu koi mar gaya yah koi bimari ho gai ese bht se baato se mujhe dar lagta h fir ghabrahat hone lagti h pura din kharab ho jata h bache h chote koi dikkat b nhi h ghar m fir b m bht sochti rahti hu aur apni tabiyat kharab karti hu
Thankyou for the information
Hello My Name Is Hema Rawat , m sb se bhut dukhi ho gyi hu family , friends , husband ,bache , sb k liye sb krti hu lakin fir bhi man sant nhi rehta h dil m bechaini se rehti h full time office krti hu ghr k sb kaam itne busy hone k bad bhi man m bhut bechaini rehti h , exception jis se rkhti hu uska opposite result aata h kya kru m kaise rahu ki m normal ho kr rahu .jada na sochu dil ko shant rkhu koi upay bataiye pls
जीवन के असंतुलन होने का मुख्य कारण तुलनात्मक जीवन व्यतीत करना है। अगर आप ये सोचे की आप जो है समूचे है, आप जैसे भी है आप परफेक्ट है, ईश्वर ने जो भी आपको दिया है, उसके लिये आप शुक्रगुजार रहे। और अगर आप के मन के अनुसार कोई कार्य नही हो रहा तो, इसका मुख्य कारण अविश्वास है। मेरा सुझाव है की आप the Secret बूक ले और थोडा समय उस पुस्तक को पढने मे व्यतीत करे। (आप जो भी परफेक्ट है)
Sir sochna nh chahte pr mind ek bhi mint shant nh rahta m aapko aapni problem bhi batate hu sir m jis se love krte hu bo married he or usne dhoka diya ye sb pta chalne ke bad bhi m usko hi pyar krte hu door nh ho pa rahe hu or sir uske shat furture bhi NH he pr mera mind uski hi bare sochta he m bahut try kare 4 year ho chuka he pr aaj bhi thik kuch NH hua
पहले तो आप यह समझ लिजिये की जीवन किसी विशेष रिश्ते के लिये बना ही नही है, कोई भी ऐसा रिश्ता नही जो आपका जीवन भर सच्चे मन से साथ दे सके, अर्थात रिश्ते ना चाहते हुये भि अपने सीमा मे बध जाते है। ये बात मैंने इसलिये कहा क्योकी खुद से ज्यादा दुसरे को महत्व देना, एक न एक दिन तनाव का मुख्य कारण बनता है ।
एसी घटनाये 16 से 25 साल के उम्र मे अधिक होती है, और शायद यही समय भी होता है जब आप अपने जीवन को उचाईयो त्क पहुचने का अकल्पनीय प्रयास कर सकते है, न की किसी जीवन को विशेष मानकर, अपना सबकुछ न्योछावर करना,
mere man par mera control nhi hai mera man par mai depended ho gaya tha mera control jara bhi nahi hai body pe bhi energitc ab mai apne dimag Pe control bhi nhi hai mujhe kuch samajh nhi aa rha hai mujhe koi guide kare kya karu
हेलो विवेक जी
अगर आप उपर्युक्त बताये गये कारणो से परेसान है तो, मेरा सुझाव है की आप को प्रात: काल उठकर योगा व ध्यान करना चाहिये, और मेरा सुझाव है की आप अवचेतन मन की शक्ति पुस्तक जरुर पढे
jyada na soche aapne likha hai to uska tarika bhi likh diya hota to thodi aasani hoti ki kese jyada na soche ??????? matlab ki kese kar sakta hu mai ye ki mann me jyada vichar nahi aaye ??????????????????? kese?????????????????
सुझाव देने के लिये शुक्रिया, हम जल्द ही आपके प्रश्नो के उत्तर को भी अपडेट कर देंगे।