Communication Skill: बात करने का तरीका सीखें | Learn Communication Skills in Hindi

Communication Skills: जिन लोगो मे बात करने का तरीका सही होता है समाज मे उनका मान-सम्मान अन्य लोगो के अपेक्षा अधिक होता है, और इस शैली की सहायता से वो कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता पूर्वक करने मे सक्षम होते है। आचरण पूर्ण शब्द व धीमी आवाज मे बात करना उनका मुख्य ढंग होता है जिससे लोग अधिक आकर्षित होते है। इसलिये हमें उन तरीको पर ध्यान देना चाहियें, जिससे लोग बात करके संतुष्ट महसूस करें।

Communication Skills

इस लेख मे हम बात करने की शैली या तरीका (Communication Skills) सीखेंगे, जिसकी सहायता से आप लोगो के बीच अपनी अलग पहचान बना सकते है। यह लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा, कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे।

 Communication Skills Meaning in Hindi – संचार ( संचार कौशल)

कम्युनिकेशन के प्रकार ( Types of Communication Skill)

जिन तरीको से हम अपने बात को अन्य लोगो तक पहुचाते है उन्हे ही कम्युनिकेशन का प्रकार कहां जाता है। कम्युनिकेशन को हिंदी मे संचार कहते है। समान्यत: हम अपने विचारो को तीन तरीकों से व्यक्त करते है, 1. बोलकर, 2. लिखकर और 3. संकेतों के द्वारा। लेकिन ज्यादातर बात (कम्युनिकेशन ) बोलकर व संकेतो द्वारा किया जाता है। यहां संकेत का अर्थ बात करते वक्त आप के हाथ, पैर, आंख, इत्यादि के स्थिति से है। मन को शांत कैसे करें

कम्युनिकेशन के प्रकार

  1. मौखिक संचार (Verbal Communication Skills )
  2. लिखित संचार (Written Communication Skills)
  3. अमौखिक संचार (Non-Verbal Communication Skills)

मौखिक संचार (Verbal Communication Skills in Hindi )

जब हम अपने विचारों को बोलकर प्रकट करते है तो उसे मौखिक संचार (Verbal Communication Skills) कहते है। मौखिक संचार के माध्यम से ही हम अपने दिनचर्या के कार्य करते है, चाहे किसी एक लोग या सामूदाय से बात करनी हो या मोबाइल की सहायता से बात करनी हो, अधिकतर हम मौखिक भाषा का ही प्रयोग करते है। क्योकि मौखिक संचार अपने विचारो को प्रकट करने का सबसे सस्ता साधन है, क्योंकि इसमें कागज , स्याही, या अन्य वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती।

मौखिक संचार के फायदे 

1.मौखिक संचार करने से आत्मविश्वास व मनोबल बढता है। यह

2.मौखिक संचार से विचारो मे स्पष्टता होती है तथा किसी भी प्रकार के संदेह को तुरंत दूर किया जा सकता है।

3. मौखिक संचार करने से समय की काफी बचत होती हैं।

4. मौखिक संचार करने से समस्यायों का निवारण जल्दी किया जा सकता है।

मौखिक संचार का जीवन मे उपयोग

  1. अपने विचारो के आदान-प्रदान (बात-चीत) मे
  2. फोन से बात करने मे
  3. एक लोग या सामूदाय से बात करने के लियें
  4. भाषण देने के लियें

लिखित संचार (Written Communication Skills in Hindi)

जब हम अपने विचारों को लिखकर प्रकट करते है तो उसे लिखित संचार कहते है। अर्थात जब किसी से बात करने के लिये या किसी तक अपने विचार पहुचाने के लिये जिस लिखित माध्यम का प्रयोग करते है उन्हे लिखित संचार (Written Communication) कहा जाता है। उदाहरण के लिये- विद्यालय से छुट्टी लेने हेतु जिस प्रार्थना पत्र का प्रयोग करके हम प्रधानाचार्य को या अध्यापक को छुट्टी लेने का कारण बताते है, उसे ही लिखित संचार कहते है।

लिखित संचार के फायदे

  • लिखित संचार मे दोनो पक्षो की उपस्थिति होना अनिवार्य नही।
  • लिखित संचार मे संदेह व गलत्तियो को पुन: जांच सुधारा जा सकता है।
  • लिखित संचार सबसे अच्छा संचार होता है, क्योकि इसके माध्यम से किये गये विचारो का आदान-प्रदान का रिकार्ड रखा जा सकता है। जिसे जरुरत पडने पर पुन: देख सकते है।

लिखित संचार का जीवन मे उपयोग

  1. किसी को पत्र लिखकर
  2. किसी को मोबाईल या अन्य उपकरण की सहायता से SMS करके।
  3. किसी को E-Mail, या Massage, इत्यादि लिखित संचार मे आता है।
  4. न्यूज पेपेर, एप्प, लिखित संचार है।

अमौखिक संचार (Non-Verbal Communication Skills in Hindi)

जब हम अपने विचारो को संकेतो के द्वारा व्यक्त करते है तो उसे अमौखिक संचार (Non-Verbal Communication कहते है।जब हम किसी से बात करते वक्त अपनी बॉडी लैंगवेज का प्रयोग करते है तो यह अमौखिक संचार के श्रेणी मे आता है।

अमौखिक संचार का उपयोग

  • दूर से बात करने मे सहायक
  • जो लोग सूनने मे सक्षम नही होते, उनसे बात करने मे सहायक

भाषा किसे कहते है ?
चिंता करने से क्या होता है ?
हकुना मटाटा का अर्थ जाने

संचार के माध्यम

संचार के कई माध्यम है। जैसे- खुद से बात करना, सामूहिक बात करना, बडे पैमाने पर बात करना (टीवी, रेडियो) इत्यादि कम्युनिकेशन के माध्यम है, रोजमर्रा के जीवन मे कम्युनिकेसन मे प्रयोग होने वाले माध्यम निम्नलिखित है। जैसे-

  • टेलीविजन
  • पोस्ट ओफिस (डाक)
  • रेडियो
  • मोबाइल, कम्पूटर, लैपटोप
  • फैक्स मशीन
  • लैंड लाईन
  • टेक्नोलोजी (इमेल, मैसेज, टेलीग्राम, विडियो कालिंग, व्हाट्सएप्प, इत्यादि)
  • मुद्रण माध्यम (समाचार, पुस्तक, इत्यादि)

संचार करने मे समस्या व निवारण

किसी से विचार साझा करने मे निम्नप्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है। और कुछ मुख्य निवारणों के प्रयोग से आप अपने संचार को सही कर सकते है जैसे-

समस्या निवारण
अन्य भाषा के कारण स्थानीय भाषा का प्रयोग करें
शिक्षा के कारण स्थानीय भाषा का प्रयोग
शोर-गुल के कारण शांत वातावरण
ढेरों संचार के कारणकिसी एक संचार का प्रयोग करें

संचार करते वक्त ध्यान रखने योग्य बातें

अगर आप का कम्युनिकेशन स्कील (Communication Skills) सही नही है तो, बात करते वक्त निम्न बिंदुयों पर जरुर ध्यन रखेंं, इनकी शहायता से आप अपने कम्युनिकेशन स्कील को बढा सकते है। महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

  • धीमी आवाज मे बात करे : जब आप किसी विशेष या छोटे समूह से बात कर रहे हो तो, ध्यान रहे आप की आवाज सामान्य हो, और जिन शब्दों का आप प्रयोग करें उनका उच्चारण स्पष्ट होना चाहिये।
  • सयंम रखे: बात चीत करते वक्त सयंम का होना अनिवार्य है, मुख्य रुप से बात करते वक्त जल्दबाजी ना करने, अपने विचारो के साथ-साथ, दुसरों के विचारो को भी ध्यान से सूने।
  • बॉडी लैंगवेज का प्रयोग करे: बात करते वक्त बॉडी लैंगवेज का प्रयोग करना सबसे अच्छे संचार के श्रेणी मे आता है, इसलिये ध्यान रहे, जब आप किसी से बात करे तो अपने बॉडी लैंगवेज का भी प्रयोग करें।
  • कई भाषाओं का प्रयोग: जब आप किसी से बात करें तो एक भाषा के बजाय मिक्स भाषाओ का भी प्रयोग कर सकते है। लेकिन ध्यान रहे उन्ही भाषाओ का प्रयोग करें, जिसे दूसरा व्यक्त आसानी से समझ सके जैसे ( हिंदी, अग्रेजी)

इस लेख मे हमने संचार कौशल (Communication Skills) को सीखा, यह लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे, साथ ही हमारे साथ जुडने के लिये क्लिक करे, और पाये शिक्षा से जुडी जानकारी सबसे पहले – Join Now

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