Karva Chauth: करवा चौथ कब है? जानें पूजा विधि, सामग्री और शुभ मुहूर्त

Karva Chauth: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है। मुख्य रुप से यह त्योहर सुहागिन महिलाओ के लिये होता है।

यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चन्द्रोदय तक निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव एवं करवा माता की पूजा करतीं हैं। जिससे अखण्ड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता हैं। इसलिये इस दिन का इंतजार शादी शुदा महिलाएं को बेसब्री से रहता हैं।

Karva Chauth

हर सुहागिन महिलाओं के लिए यह बहुत ही खास दिन होता है। सावन का महिना समाप्त होते ही महिलाएं कार्तिक मास शुरू होने का इन्तजार करने लगती है। क्योंकि इस महिने में करवा चौथ आता है। अगर आप भी करवा चौथ का इन्तजार कर रही है तो आइए जानते हैं इसकी तिथि और शुभ मूहूर्त।

करवा चौथ कब है? – Karva Chauth Kab Hai

Karva Chauth 2023: करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है अत: इस वर्ष करवा चौथ व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को मनाया जायेगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चतुर्थी तिथि और बुधवार का दिन दोनों ही गौरी पुत्र गणेश जी को प्रिय है। ऐसे में सुहागिन महिलाओं को पूजा का दुगुना फल मिलेगा।

करवा चौथ शुभ मुहुर्त 2023: करवा चौथ का व्रत हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि को मनाया जायेगा। ज्योतिषी शास्त्रो के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ कि तिथि 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 1 नवंबर को 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त हो जायेगी। उदयातिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को रखा जायेगा। जैसा की सभी जानते हैं पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का कठिन व्रत रखा जाता हैं वैसे ही करवा चौथ की तिथि और मुहुर्त में ही पूजा करने से फल मिलता है।

करवा चौथ का त्योहार – Karva Chauth Festival

करवा चौथ हिंदूयो के प्रमुख त्योहारो मे से एक है। इस दिन सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखतीं हैं। करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

इस बार करवा चौथ का व्रत1 नवम्बर दिन बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं पूरी चांद को देखने के बाद ही अपना व्रत खोलती है। इसमें भगवान गणेश, भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा की जाती है। करवा चौथ की विशेष सामग्री जानने व खरीदने हेतु नीचे दिये गये चित्र पर क्लिक करें

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करवा चौथ पूजा की सामग्री

करवा चौथ पूजन (Karva Chauth puja) विधि मे निम्न पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे – चन्दन, शहद, अगरबत्ती, फूल, कच्चा दूध, शंकर शुद्ध घी, दही, मिठाई,, गंगा जल, कुम कुम,अक्षत, सिन्दूर, मेहंदी महावर, कंघा, बिंदी चलनी आठ जोड़ा पूड़ी, हलुआ, दक्षिणा के लिए पैसा, , चूड़ियां नाखून पालिश साड़ी और तीन प्रकार के फल जैसे सेव अनार केला नारियल इत्यादि

करवा चौथ पूजन विधि – Karva Chauth Puja Vidhi

करवा चौथ के दिन प्रात: काल सुबह सूर्योदय होने से पहले उठकर स्नान करें और पूजा घर की सफाई करें फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।

यह व्रत सूर्यास्त के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और वीच में जल भी नहीं पिना चाहिए शाम के समय अपने छत पर या घर में बैठकर एक चौकी पर करवा माता का फोटो एवं गणेश जी शंकर भगवान और माता पार्वती का फोटो रख कर बिधि बिधान से पूजन करना चाहिए।

यदि आपके पास फोटो उपलब्ध नही है तो दिवाल पर करवा माता देवी पार्वती और भगवान शिव आदि सबका चित्र बना कर विधिः बिधान से पूजन करना चाहिए। करवा माता की फोटो आप लिंक पर क्लिक करके खरीद सकते है।

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करवा चौथ का महत्व – Importance of Karva Chauth

करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति को लम्बी उम्र के लिए रखतीं हैं। करवा चौथ व्रत उत्तर भारत में ज्यादा मनाया जाता है इस सुहागिन महिलाये पूरे चांद को देखने के बाद ही अपना व्रत खोलती है।

यदि महिलाएं चांद निकलने से पहले ही अपना व्रत तोड़ देती है तो करवा चौथ का खंडित हो जाता है। यह व्रत सूर्योदय से पहले ही 4 बजे से ही शुरू हो जाता है। इसमें भगवान शिव, गणेश जी, माता पार्वती और करवा माता की पूजा की जाती है। Read – सोलह सोमवार व्रत कथा

पूजा के बाद करवा को क्या करें

पूजा करने के बाद सुहागिन स्त्री चन्द्रमा को खड़े होकर जल चढ़ाती है जिसे हम सब अर्घ्य कहते हैं उसके बाद चलनी में दीपक रख कर चांद को देखा जाता है और फिर उसी समय उसी हालत में अपने पति को चलनी से देखती है चलनी से देखने से जैसे चांद दिखता वैसे ही पति का चेहरा भी चांद की तरह चमकता दमकता प्यारा सा दिखता है।

फिर उसी समय पति महोदय पानी पिलाकर पत्नी का व्रत तोड़ते हैं।यदि पति घर पर नहीं है तो उनकी फोटो रखकर पूजा करना चाहिए और सास पानी पिलाकर व्रत तोड़ सकतीं हैं। पूजा के बाद करवा को दान कर देना चाहिए।


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निष्कर्ष– करवा चौथ का त्योहार आने वाला है इस दिन सभी सुहागिन महिलाये अपने पति के लम्बी आयु के लिये करवा चौथ का व्रत रखती है। मान्यता है कि जो महिलाये करवा चौथ का व्रत रखकर, पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश, शिव जी व माता पार्वती की पूजा करती है उनकी सारी मनोकामनाये पूर्ण होती है एवं उनके पति कि दिर्घआयु होती है।

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