कर्पूरगौरं करूणावतारम: – Karpur Gauram Karunavtaram
सनातन हिंदू धर्म मे पूजा के दौरान मंत्र उच्चारण करना शुभ माना जाता है, वैसे तो हर देवी देवता के लिये अलग-अलग मंत्र है, लेकिन पूजा आरती खत्म करने के दौरान कर्पूर गौरम करूणावतारम श्लोक का उच्चारण करना शुभ माना जाता है। इस मंत्र से हम भगवान शिव जी का स्तुति करते है। और कर्पूर गौरम करुणावतारं मंत्र का अर्थ जानेंगे।
कर्पूरगौरं करूणावतारं पूर्ण मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
ॐ नम: शिवाय
सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।
कर्पूर गौरम करुणावतारं मंत्र का अर्थ : जो करपूर्ण गौर वर्ण वाले है, जो करुणा के अवतार है, इस समस्त संसार के पालनहार है, जो सर्प को हार के समान गले मे धारण करते है, वे भगवान शिव व माता पार्वती के साथ सदा हमारे हृदय मे निवास करे। ऐसे भोले भण्डारी को हम सत्-सत् नमन करते है। ॐ नम: शिवाय का अर्थ जाने
भगवान शिव कौन है ?
भगवान शिव जिन्हे देवों के देव महादेव कहा जाता है, ये हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं मे से एक है। भगवान शिव को – महाकाल, भोलेनाथ, महादेव, शिवा, नीलकण्ठ, गंगाधर, रुद्र, महेश, शंकर आदि नामों से जाना जाता है।
भगवान शिव जो सभी जीवो के चेतना के अंतर्यामी है, इन्हे तंत्र साधना मे रुद्र के नाम से जाना जाता है।, भगवान शिव की मूर्ती व शिवलिंग दोनों रुपो मे पूजा की जाती है, इनके गले मे नाग देवता, हाथों मे डमरु व त्रिशुल होता है।
भगवान शिव की अष्टमुर्ति
- पृथ्वीमूर्ति – शर्व
- अग्निमूर्ति – पशुपति
- सूर्यमूर्ति – ईशान
- जलमूर्ति – भव
- वायुमूर्ति – उग्र
- आकाशमूर्ति – भीम
- तेजमूर्ति – रूद्र
- चन्द्रमूर्ति – महादेव
**जरुर पढे**
Karpur Gauram Karunavtaram in English
Karpur gauram Karunavataram,
Sansara Saram Bhujagendra Haram
Sada Basantam Haridayarabinde
Bhavam Bhavani Sahitam Navami
Karpur gauram Karunavataram,
Sansara Saram Bhujagendra Haram
Sada Basantam Haridayarabinde
Bhavam Bhavani Sahitam Navami
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